हमीरपुर: एनजीटी ने हमीरपुर नगर परिषद के कूड़ा संयंत्र विवाद पर कड़ा संज्ञान लिया है. स्थानीय लोगों की शिकायत के बाद जिला प्रशासन से इसको लेकर जवाब मांगा गया है. जिला के बजूरी में रह रहे लोगों ने एनजीटी में शिकायत की थी जिसके बाद प्रदूषण बोर्ड शिमला की टीम ने कूड़ा संयंत्र स्थल का दौरा कर सारी स्थिति का जायजा लिया.
अतिरिक्त उपायुक्त रत्न गौतम ने कहा कि नेशनल ग्रीन ट्रिव्यूनल में स्थानीय लोगों ने दुगनेहड़ी में स्थापित कूड़ा सयंत्र को उठाने के लिए याचिका दायर की गई है जिसके चलते ही मौका स्थल पर टीम ने जायजा लिया है. स्थानीय लोगों ने बताया कि नगर परिषद के खुले में कूड़ा जलाने से गांव वालों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
इस मामले को लेकर गांव के लोगों ने नेशनल ग्रीन ट्रिव्यूनल में याचिका दायर की थी. ग्रामीणों का आरोप है कि जब मामला नेशनल ग्रीन ट्रिव्यूनल में चल रहा है फिर भी नगर परिषद ने कूड़े से खाद बनाने की मशीन स्थापित की है जिसको लेकर ग्रामीणों में रोष है.
बता दें कि दुगनेहड़ी गांव में नगर परिषद हमीरपुर के लगाए कूड़ा संयंत्र का लोग लंबे समय से विरोध कर रहे हैं. हर दिन शहर के ग्यारह वार्डों का हजारों टन कूडे को कूडा संयंत्र में फेंकने के साथ जलाया जाता है. जिला प्रशासन से समस्या का हल नहीं हो पाने के चलते ग्रामीणों को एनजीटी का दरवाजा खटखटाना पड़ा था जिस पर अब एनजीटी ने कडा संज्ञान लेकर जिला प्रशासन को मामले में हस्तक्षेप करने की हिदायत दी है.
ग्रामीणों ने बताया कि कूड़ा सयंत्र की बजह से स्थानीय निवासियों का जीना मुश्किल हो गया है. कूड़ा संयंत्र की वजह से दिन रात बदबू होने से सांस लेने में दिक्कतें पेश आती है. वहीं, आवारा कुत्तों और चील कौवें की भरमार लगी रहती है.
ग्रामीणों ने बताया कि यहां पर कूड़ा फेंकने से यह खड्ड हथली में पहुंचता है, जिसके कारण खड्ड में लगी पानी पीने की स्कीमें प्रभावित हो रही हैं. ग्रामीणों ने सरकार से गुहार लगाई है कि इस कूड़ा सयंत्र को जल्द से जल्द यहां से हटाया जाए.
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