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NIRF रैंकिंग में 29 पायदान और लुढ़का एनआईटी हमीरपुर, 99 से 128 पहुंची रैंक

राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान हमीरपुर (NIT Hamirpur in NIRF Ranking) नेशनल इंस्टीट्यूट रैंकिंग फ्रेमवर्क 2022 की रैंकिंग में 29 पायदान और लुढ़क गया है. राष्ट्रीय स्तर के इस शिक्षण संस्थान की रैंकिंग इस बार 128 नंबर पर पहुंच गई है, जो कि पिछली बार 99 थी. पढ़ें पूरी खबर...

NIT Hamirpur in NIRF Ranking
NIT Hamirpur in NIRF Ranking
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Published : Jul 16, 2022, 7:22 AM IST

हमीरपुर: नेशनल इंस्टीट्यूट रैंकिंग फ्रेमवर्क (NIRF Ranking 2022) में एनआईटी हमीरपुर 29 पायदान लुढ़क (NIT Hamirpur in NIRF Ranking) कर अब 128 वें रैंक पर पहुंच गई है. पहले एनआईटी हमीरपुर की रैकिंग 99 थी, जो अब 128 हो गई है. साल 1986 में लगभग चार दशक पहले स्थापित इस संस्थान रैकिंग में यह गिरावट चिंताजनक है. एनआईआरएफ की ताजा रैकिंग ने प्रदेश के सबसे पुराने नेशनल लेवल के प्रौद्योगिकी संस्थान प्रबंधन की चिंताओं को भी बढ़ा दिया है.

पिछले कुछ वर्षों से नेशनल लेवल पर संस्थान की रैकिंग में लगातार हो रही गिरावट से अब कई सवाल उठना शुरू हो गए हैं. महज एक माह पूर्व ही केंद्रीय शिक्षा मंत्री धमेंद्र प्रधान ने संस्थान में पहुंच कर विभिन्न कार्यक्रमों में हिस्सा लिया था. इस दौरान केंद्रीय मंत्री ने संस्थान की रैकिंग की को लेकर भी सवाल जबाव मंच से किए थे. ऐसे में अब ताजा रैकिंग ने एक बार संस्थान की साख कमजोर होती दिख रही है.

बता दें कि एनआईआरएफ रैकिंग का सिलसिला 2016 में शुरू हुआ था. इस दौरान एनआईटी हमीरपुर की रैकिंग 51 वें स्थान पर थी. इसके अगले साल 2017 में एनआईटी हमीपुर की रैकिंग आठ स्थान लुढ़क 57 पर पहुुंच गई थी. 2018 में रैकिंग में यह पायदान 64 पर पहुंच गया, हालांकि 2019 में इस रैकिंग चार पायदान का सुधार हुआ और एनआईटी को 60वां स्थान मिला. 2020 में 98 वां और 2021 में यह रैंक 99 वें स्थान पर जा पहुंची. इस बार की ताजा रैकिंग में संस्थान 100 में भी जगह नहीं बना पाया है, जो बेहद चिंताजनक है.

आईआईटी मंडी की रैकिंग कहीं बेहतर: बता दें कि ये संस्थान आरईसी के रूप में 1986 में स्थापित हुआ था. 2002 में एनआईटी के रूप में संस्थान ने कार्य करना शुरू किया था. देशभर के विभिन्न राज्यों से साढ़े चार लाख बच्चे यहां शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं. एनआईटी हमीपुर के बाद 2009 में आईआईटी मंडी (IIT Mandi in NIRF Ranking) प्रदेश में स्थापित हुआ था, जबकि आईआईटी मंडी 43वें पायदान पर है. ऐसे में प्रदेश के सबसे पुराने राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान की रैकिंग लगातार गिरना चिंताजनक है.

भर्ती धांधली से गिरी साख: पिछले कुछ सालों में एनआईटी हमीरपुर भर्ती धांधलियों को लेकर चर्चा में रहा है. पूर्व निदेशक विनोद यादव के कार्यकाल के वक्त से लगातार संस्थान की रैकिंग में गिरावट दर्ज की गई. हालांकि इसके बाद कार्यकारी निदेशक के रूप में डेढ़ वर्ष तक प्रोफैसर ललित के दौर में भी रैकिंग में कोई सुधार नहीं हुआ. जिसके बाद विनोद यादव को अपने पद से हाथ धोना पड़ा था. अब स्थाई निदेशक के तौर पर प्रो. एचएम सूर्यवंशी यहां पर सेवाएं दे रहे हैं. संस्थान को ज्वाइन करते वक्त उन्होंने भी रैकिंग में सुधार को प्राथमिकता बताया था, लेकिन इस बार भी रैकिंग में कोई सुधान नहीं हुआ है.

हमीरपुर: नेशनल इंस्टीट्यूट रैंकिंग फ्रेमवर्क (NIRF Ranking 2022) में एनआईटी हमीरपुर 29 पायदान लुढ़क (NIT Hamirpur in NIRF Ranking) कर अब 128 वें रैंक पर पहुंच गई है. पहले एनआईटी हमीरपुर की रैकिंग 99 थी, जो अब 128 हो गई है. साल 1986 में लगभग चार दशक पहले स्थापित इस संस्थान रैकिंग में यह गिरावट चिंताजनक है. एनआईआरएफ की ताजा रैकिंग ने प्रदेश के सबसे पुराने नेशनल लेवल के प्रौद्योगिकी संस्थान प्रबंधन की चिंताओं को भी बढ़ा दिया है.

पिछले कुछ वर्षों से नेशनल लेवल पर संस्थान की रैकिंग में लगातार हो रही गिरावट से अब कई सवाल उठना शुरू हो गए हैं. महज एक माह पूर्व ही केंद्रीय शिक्षा मंत्री धमेंद्र प्रधान ने संस्थान में पहुंच कर विभिन्न कार्यक्रमों में हिस्सा लिया था. इस दौरान केंद्रीय मंत्री ने संस्थान की रैकिंग की को लेकर भी सवाल जबाव मंच से किए थे. ऐसे में अब ताजा रैकिंग ने एक बार संस्थान की साख कमजोर होती दिख रही है.

बता दें कि एनआईआरएफ रैकिंग का सिलसिला 2016 में शुरू हुआ था. इस दौरान एनआईटी हमीरपुर की रैकिंग 51 वें स्थान पर थी. इसके अगले साल 2017 में एनआईटी हमीपुर की रैकिंग आठ स्थान लुढ़क 57 पर पहुुंच गई थी. 2018 में रैकिंग में यह पायदान 64 पर पहुंच गया, हालांकि 2019 में इस रैकिंग चार पायदान का सुधार हुआ और एनआईटी को 60वां स्थान मिला. 2020 में 98 वां और 2021 में यह रैंक 99 वें स्थान पर जा पहुंची. इस बार की ताजा रैकिंग में संस्थान 100 में भी जगह नहीं बना पाया है, जो बेहद चिंताजनक है.

आईआईटी मंडी की रैकिंग कहीं बेहतर: बता दें कि ये संस्थान आरईसी के रूप में 1986 में स्थापित हुआ था. 2002 में एनआईटी के रूप में संस्थान ने कार्य करना शुरू किया था. देशभर के विभिन्न राज्यों से साढ़े चार लाख बच्चे यहां शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं. एनआईटी हमीपुर के बाद 2009 में आईआईटी मंडी (IIT Mandi in NIRF Ranking) प्रदेश में स्थापित हुआ था, जबकि आईआईटी मंडी 43वें पायदान पर है. ऐसे में प्रदेश के सबसे पुराने राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान की रैकिंग लगातार गिरना चिंताजनक है.

भर्ती धांधली से गिरी साख: पिछले कुछ सालों में एनआईटी हमीरपुर भर्ती धांधलियों को लेकर चर्चा में रहा है. पूर्व निदेशक विनोद यादव के कार्यकाल के वक्त से लगातार संस्थान की रैकिंग में गिरावट दर्ज की गई. हालांकि इसके बाद कार्यकारी निदेशक के रूप में डेढ़ वर्ष तक प्रोफैसर ललित के दौर में भी रैकिंग में कोई सुधार नहीं हुआ. जिसके बाद विनोद यादव को अपने पद से हाथ धोना पड़ा था. अब स्थाई निदेशक के तौर पर प्रो. एचएम सूर्यवंशी यहां पर सेवाएं दे रहे हैं. संस्थान को ज्वाइन करते वक्त उन्होंने भी रैकिंग में सुधार को प्राथमिकता बताया था, लेकिन इस बार भी रैकिंग में कोई सुधान नहीं हुआ है.

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