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Paragliding: सुजानपुर के चौगान और ऊना के रायपुर मैदान में उड़ेंगे 'मानव परिंदे', टेक्निकल कमेटी से मिली मंजूरी

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर (Union Minister Anurag Thakur) के प्रयासों से हमीरपुर जिला के सुजानपुर में जल्द ही लोग पैराग्लाइडिंग (Paragliding) का लुत्फ उठा पाएंगे. इसके अलावा ऊना जिले के रायपुर मैदान (Raipur Maidan of Una District) में भी पैराग्लाइडिंग के लिए मंजूरी मिल गई है. गठित कमेटी ने दो बार साइट का विजिट कर इसे मंजूरी प्रदान कर दी है. जिसके बाद अब प्रदेश सरकार को एक बार फिर यह प्रपोजल टेक्निकल कमेटी की रिपोर्ट (Report) के साथ भेज दिया गया है.

Paragliding in himachal
पैराग्लाइडिंग
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Published : Nov 23, 2021, 1:13 PM IST

Updated : Nov 23, 2021, 4:22 PM IST

हमीरपुर: जिला हमीरपुर के सुजानपुर और ऊना के रायपुर मैदान में जल्द ही मानव परिंदे उड़ान भरेंगे. टेक्निकल कमेटी (technical committee) की तरफ से इन दोनों साइट पर पैराग्लाइडिंग के लिए मंजूरी मिल गई है. जिला प्रशासन हमीरपुर (District Administration Hamirpur) और जिला पर्यटन विभाग (tourism department) के प्रयासों से आखिरकार अब जल्द ही इन दोनों ही साइट पर पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पैराग्लाइडिंग गतिविधियां कमर्शियल स्तर पर (Paragliding Activities at Commercial Level) पर नजर आएंगी.

साहसिक खेलों की इन गतिविधियों को बढ़ावा मिलने के बाद ऐतिहासिक नगरी सुजानपुर (Historical city Sujanpur) में रियासत कालीन किले (princely fort) का भी जीर्णोद्धार संभव हो पाएगा. इस किले से ही सुजानपुर के चौगान मैदान के लिए मानव परिंदे उड़ान भरेंगे. जिला प्रशासन और पर्यटन विभाग के संयुक्त प्रयासों से सुजानपुर में आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (Archaeological Survey of India) की मदद से इस कार्य को किया जाएगा. रियासत कालीन सुजानपुर किला पुरातत्व विभाग (Archaeological Department) के संरक्षण में है. ऐसे में उनके मदद और मार्गदर्शन में ही इसका जीर्णोद्धार भी किया जाएगा. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर (Union Minister Anurag Thakur) के प्रयासों से हमीरपुर क्षेत्र में इस कार्य को किया जा रहा है.

वीडियो.

सहायक जिला पर्यटन विकास अधिकारी (Assistant District Tourism Development Officer) रवि धीमान ने बताया कि इन दोनों ही साइट पर पैराग्लाइडिंग (Paragliding) से जुड़ी हुई मूलभूत सुविधाएं जुटा ली गई हैं. सरकार की तरफ से इसके लिए एक टेक्निकल कमेटी (technical committee) गठित की गई थी. माउंटेनियरिंग संस्थान मनाली (Mountaineering Institute Manali) के डायरेक्टर को इस कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया है. इस कमेटी ने दो बार साइट का विजिट कर इसे मंजूरी प्रदान कर दी है.

अब प्रदेश सरकार को एक बार फिर यह प्रपोजल टेक्निकल कमेटी की रिपोर्ट के साथ भेज दिया गया है. उम्मीद है कि जल्द ही मंजूरी मिलेगी और इन दोनों ही साइट पर कमर्शियल स्तर (commercial level) पर पैराग्लाइडिंग की गतिविधियां शुरू होंगी और यहां पर पर्यटन गतिविधियों (Tourism Activities) को भी बढ़ावा मिलेगा. उन्होंने कहा कि सरकार की तरफ से इसके लिए बजट का प्रावधान भी जल्द कर दिया जाएगा. 'नई मंजिलें नई राहें' योजना (Nayi Manzil Nayi Rahein Scheme) के तहत इस कार्य को किया जा रहा है और सरकार की प्राथमिकता है कि हिमाचल में जो क्षेत्र पर्यटन की दृष्टि से विकसित किए जाने की क्षमता रखते हैं, लेकिन अभी तक विकसित नहीं हुए हैं उनको प्राथमिकता के आधार (on the basis of priority) पर पर्यटन गतिविधियों से जोड़ा जाए.

वहीं, डीसी हमीरपुर देवश्वेता बनिक (DC Hamirpur Devshweta Banik) ने कहा कि सुजानपुर का किला (Sujanpur Fort) ऐतिहासिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है और यहां पर किसी भी कार्य को करने से पहले आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (Archaeological Survey of India) की मंजूरी लेना जरूरी है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में एएसआई (ASI) के जो प्रतिनिधि हैं उनके साथ मिलकर पिछले कुछ महीनों से वार्ता चल रही है और जल्द ही मंजूरी के बाद यहां पर इस साइट को विकसित किया जाएगा.

ये भी पढे़ें :टाइगर ऑफ वाटर के उत्पादन में देश का सिरमौर बनेगा हिमाचल, विलुप्त हो रही गोल्डन महाशीर को फिर मिलेगी पहचान

हमीरपुर: जिला हमीरपुर के सुजानपुर और ऊना के रायपुर मैदान में जल्द ही मानव परिंदे उड़ान भरेंगे. टेक्निकल कमेटी (technical committee) की तरफ से इन दोनों साइट पर पैराग्लाइडिंग के लिए मंजूरी मिल गई है. जिला प्रशासन हमीरपुर (District Administration Hamirpur) और जिला पर्यटन विभाग (tourism department) के प्रयासों से आखिरकार अब जल्द ही इन दोनों ही साइट पर पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पैराग्लाइडिंग गतिविधियां कमर्शियल स्तर पर (Paragliding Activities at Commercial Level) पर नजर आएंगी.

साहसिक खेलों की इन गतिविधियों को बढ़ावा मिलने के बाद ऐतिहासिक नगरी सुजानपुर (Historical city Sujanpur) में रियासत कालीन किले (princely fort) का भी जीर्णोद्धार संभव हो पाएगा. इस किले से ही सुजानपुर के चौगान मैदान के लिए मानव परिंदे उड़ान भरेंगे. जिला प्रशासन और पर्यटन विभाग के संयुक्त प्रयासों से सुजानपुर में आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (Archaeological Survey of India) की मदद से इस कार्य को किया जाएगा. रियासत कालीन सुजानपुर किला पुरातत्व विभाग (Archaeological Department) के संरक्षण में है. ऐसे में उनके मदद और मार्गदर्शन में ही इसका जीर्णोद्धार भी किया जाएगा. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर (Union Minister Anurag Thakur) के प्रयासों से हमीरपुर क्षेत्र में इस कार्य को किया जा रहा है.

वीडियो.

सहायक जिला पर्यटन विकास अधिकारी (Assistant District Tourism Development Officer) रवि धीमान ने बताया कि इन दोनों ही साइट पर पैराग्लाइडिंग (Paragliding) से जुड़ी हुई मूलभूत सुविधाएं जुटा ली गई हैं. सरकार की तरफ से इसके लिए एक टेक्निकल कमेटी (technical committee) गठित की गई थी. माउंटेनियरिंग संस्थान मनाली (Mountaineering Institute Manali) के डायरेक्टर को इस कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया है. इस कमेटी ने दो बार साइट का विजिट कर इसे मंजूरी प्रदान कर दी है.

अब प्रदेश सरकार को एक बार फिर यह प्रपोजल टेक्निकल कमेटी की रिपोर्ट के साथ भेज दिया गया है. उम्मीद है कि जल्द ही मंजूरी मिलेगी और इन दोनों ही साइट पर कमर्शियल स्तर (commercial level) पर पैराग्लाइडिंग की गतिविधियां शुरू होंगी और यहां पर पर्यटन गतिविधियों (Tourism Activities) को भी बढ़ावा मिलेगा. उन्होंने कहा कि सरकार की तरफ से इसके लिए बजट का प्रावधान भी जल्द कर दिया जाएगा. 'नई मंजिलें नई राहें' योजना (Nayi Manzil Nayi Rahein Scheme) के तहत इस कार्य को किया जा रहा है और सरकार की प्राथमिकता है कि हिमाचल में जो क्षेत्र पर्यटन की दृष्टि से विकसित किए जाने की क्षमता रखते हैं, लेकिन अभी तक विकसित नहीं हुए हैं उनको प्राथमिकता के आधार (on the basis of priority) पर पर्यटन गतिविधियों से जोड़ा जाए.

वहीं, डीसी हमीरपुर देवश्वेता बनिक (DC Hamirpur Devshweta Banik) ने कहा कि सुजानपुर का किला (Sujanpur Fort) ऐतिहासिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है और यहां पर किसी भी कार्य को करने से पहले आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (Archaeological Survey of India) की मंजूरी लेना जरूरी है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में एएसआई (ASI) के जो प्रतिनिधि हैं उनके साथ मिलकर पिछले कुछ महीनों से वार्ता चल रही है और जल्द ही मंजूरी के बाद यहां पर इस साइट को विकसित किया जाएगा.

ये भी पढे़ें :टाइगर ऑफ वाटर के उत्पादन में देश का सिरमौर बनेगा हिमाचल, विलुप्त हो रही गोल्डन महाशीर को फिर मिलेगी पहचान

Last Updated : Nov 23, 2021, 4:22 PM IST
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