भोरंज/हमीरपुर: हिमाचल में 800 से 1000 रुपए प्रति क्विंटल मक्की की खरीद होने से लाखों किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा हैं, लेकिन प्रदेश सरकार इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रही है.
राष्ट्रीय किसान संगठन के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं कांग्रेस के पूर्व प्रत्याक्षी डॉ. रमेश डोगरा ने जाहू में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि किसान देश-प्रदेश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ माने जाते हैं.
उन्होंने कहा कि हिमाचल में लाखों किसानों ने मक्की की फसल को समेट कर घरों में रख लिया है, लेकिन अब उचित मूल्य न मिलने से किसान परेशान हैं. अनाज व्यापारी गांवों में जाकर 800 से 1000 रुपए प्रति क्विंटल मक्की की खरीद कर लूट रहे हैं, लेकिन प्रदेश सरकार किसानों को हो रही हानि की ओर कोई ध्यान नहीं दे रही है.
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में ग्रामीण स्तर पर मक्की की फसल के बिक्री केंद्र न होने से किसानों को हानि उठानी पड़ रही है. उन्होंने कहा कि केंद्र व प्रदेश सरकार किसान के हितों के लिये कार्य करने की बजाए भाषणों तक सीमित रह गई है, जबकि किसानों के कल्याण व कृषि उत्पादकता बढ़ाने की ओर कोई ध्यान नहीं दे रही है.
इससे किसान आर्थिक बोझ के कारण खेतीबाड़ी छोड़ने पर विवश होने लगा है. उन्होंने कहा कि किसानों की खेतों की बिजाई, खाद, बीज व मेहनत का करीब 2000 हजार रुपए प्रति क्विंटल मक्की का भाव बैठता है
उन्होंने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मांग की है कि मक्की की फसल के लिये ग्रामीण स्तर पर विक्रय केंद्र खोले जाएं. साथ ही किसानों को उचित मूल्य दिलाया जाएं. अन्यथा राष्ट्रीय किसान संगठन प्रदेश में आंदोलन करने के लिये बाध्य होगा.
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