हमीरपुर: एनएसयूआई द्वारा प्रशासन को तिरंगा झंडा सौंपने के बावजूद भी प्रशासन इसे बाल स्कूल मैदान में नहीं चढ़ा सका है. एनएसयूआई ने 9 अप्रैल को अपने स्थापना दिवस के अवसर पर प्रशासन को तिरंगा झंडा सौंपा था.
महीनों बीत जाने के उपरांत भी तिरंगा झंडा बाल स्कूल मैदान में नहीं चढ़ाया जा सका है. इसी विरोध में एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने प्रदेश महासचिव टोनी ठाकुर की अगुवाई में शुक्रवार को उपायुक्त कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया.
गौरतलब है कि जहां एक तरफ एनएसयूआई के पदाधिकारी प्रदर्शन कर रहे हैं तो वहीं, दूसरी ओर डीसी हमीरपुर देवश्वेता बनिक का कहना है कि जो तिरंगा एनएसयूआई के तरफ से प्रशासन को सौंपा गया है उसे तिरंगा समारोह पर नहीं लगाया जा सकता है यहां पर विशेष तरह के अलग तिरंगे की जरूरत है जो इतनी ऊंचाई पर टिक सके.
एनएसयूआई के राज्य महासचिव टोनी ठाकुर ने कहा कि 9 अप्रैल 2021 को तिरंगा प्रशासन को सौंपा गया था. प्रशासन तिरंगा न चढ़ाने को लेकर अलग-अलग तर्क दे रहा है. कहा जा रहा है कि तिरंगा काफी भारी है जिस कारण इसे नहीं चढ़ाया जा सका. उन्होंने कहा कि यह शर्मनाक बात है की तिरंगा झंडा मिलने के उपरांत भी प्रशासन इसे इसके स्थान पर नहीं लगा सका.
उन्होंने कहा कि अब स्वतंत्रता दिवस की तैयारियां शुरू हो गई है और इस दिन तक भी राष्ट्रीय ध्वज को उसके स्थान पर न लगाया जाना शर्मनाक है. इसी के विरोध में एनएसयूआई हमीरपुर के कार्यकर्ताओं ने उपायुक्त कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया तथा मांग की है की राष्ट्रीय ध्वज को बाल स्कूल मैदान में निर्धारित जगह पर चढ़ाया जाए.
उन्होंने कहा कि अब जिला प्रशासन और डीसी हमीरपुर यह तर्क दे रहे हैं कि मानकों के अनुसार एनएसयूआई द्वारा सौंपे गए तिरंगे को यहां पर नहीं लगाया जा सकता है, जबकि तिरंगा खरीदने से पहले ही इसे लेकर जिला प्रशासन से चर्चा की गई थी और जिला प्रशासन अधिकारियों की सलाह पर ही विशेष रूप से तिरंगा मंगवाया गया है.
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