हमीरपुर: देश में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. ऐसे में इस संक्रमण को रोकने के लिए लॉकडाउन को दो हफ्ते के लिए बढ़ाया गया है. प्रदेश में सरकार ने महामारी की रोकथाम के लिए कर्फ्यू लगाया हुआ है. इस महामारी से जहां एक तरफ रोजगार पर संकट छा गया है, वहीं, वैश्विक महामारी के दौर में हजारों की संख्या में लोगों की नौकरियां जा रही है. मजदूरों और कामगारों को काम नहीं मिल पा रहा है.
संकट की इस घड़ी में हमीरपुर जिला के एसडीएम नादौन व उद्योग विभाग के संयुक्त तत्वाधान ने कामगारों के स्वरोजगार के लिए नई पहल की है. स्वरोजगार के साथ ही इस पहल से ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को अपना उत्पाद बेचने का मौका मिलेगा. लोगों को प्रशासन के माध्यम घर द्वार पर ही शहरी क्षेत्रों से आर्डर मिल सकेंगे. वहीं, शहर के लोग इस पहल से घर बैठे ही उत्पाद को मंगवा पाएंगे.
स्थानीय प्रशासन ने विभाग के साथ मिलकर अनोखा प्रयास करते हुए कामगारों के लिए स्वरोजगार नामक एक वेब पोर्टल लॉन्च किया है. इसमें विभिन्न वर्गों के कामगारों का ब्यौरा दर्ज करके उपभोक्ताओं को सुविधा प्रदान की गई है. कामगारों के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों के जैविक खेती के साथ जुड़े लोगों के लिए यह वरदान साबित हो सकता है.
पोर्टल लॉन्च करते हुए एसडीएम किरण भड़ाना ने बताया कि बड़ी संख्या में प्रवासी कामगार क्षेत्र से पलायन कर चुके हैं जबकि काफी संख्या में बाहरी राज्यों से कामगार अपना काम छोड़ यहां अपने घरों में पहुंच चुके हैं. बाहर से आए और स्थानीय कामगारों को संगठित करके यह सुविधा ऑनलाइन उपलब्ध कराई जा रही है ताकि कामगारों को स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध करवाया जा सके.
इंडस्ट्रीज हमीरपुर ईओ प्रवेश कुमार ने बताया कि इस पोर्टल में कामगारों को पंजीकृत कर के कोई भी उपभोक्ता अपनी सुविधा अनुसार घर के कार्यों के लिए उसे बुला सकते हैं. उन्होंने बताया कि इसे काफी सरल बनाया गया है ताकि कोई भी घर बैठे इसका उपयोग कर सके. उन्होंने बताया कि क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए यह प्रयास किया गया है. यह उपभोक्ता एवं सेवाएं देने वाले कामगारों के मध्य कड़ी का काम करेगा.
बता दें कि इस पोर्टल में 26 वर्ग बनाए गए हैं जिसमें मजदूर ,प्लंबर, इलेक्ट्रिशियन, भवन निर्माण से संबंधित कामगारों सहित हर प्रकार का कामगार इस पोर्टल में अपना ब्यौरा दर्ज कर सकेंगे. एसडीएम नादौन डॉट कॉम पोर्टल में स्वयं सहायता समूह को भी जोड़ा गया है, ताकि वह अपने उत्पाद पोर्टल पर प्रदर्शित कर सकें. जिला भर में सैकड़ों स्वयं सहायता समूह कार्य कर रहे हैं, जिससे महिलाओं को रोजगार मिला हुआ है.
वहीं, उपमंडल की अगर बात की जाए तो यहां पर भी दर्जनों स्वयं सहायता समूह हैं जिसमें सैकड़ों महिलाएं कार्य कर रही हैं. प्रशासन की इस पहल से इन महिलाओं को घर बैठे ही उत्पाद बेचने का मौका मिलेगा तो वहीं उपभोक्ताओं को भी ऑर्गेनिक उत्पाद घर बैठे उपलब्ध किए जाएंगे.
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