सुजानपुर/हमीरपुरः जिला के विधायक राजेंद्र राणा ने कहा है कि लॉकडाउन-2 के बाद राज्य के बाहर फंसे लाखों लोगों से मिली फीडबैक को गंभीरता से सरकार समझे और लोगों को घर वापिस लाने का कोई रास्ता निकाले.
राणा ने कहा कि लोगों के सब्र का बांध तब टूटा जब पावर का गलत इस्तेमाल करके सत्ताधारी पार्टी के सांसद प्रदेश में आ धमके और आते ही उलटे सीधी बयानबाजी करने लगे. राणा ने कहा कि लोग तनाव और परेशानी में बता रहे हैं कि कोटा राजस्थान में पढने वाले अधिकांश बच्चों को अपने-अपने प्रदेशों की सरकारें जैसे-कैसे ले जाने में सफल रही हैं. अब वहां सिर्फ अधिकांश बच्चे हिमाचल के ही फंसे हुए हैं.
राणा ने कहा कि अब हिमाचल से भी जनता सवाल उठाने लगी है कि अब सांसद 500 किलोमीटर से प्रदेश में पहुंचकर होम क्वारंटाइन रह सकते हैं तो हमारे परिवार के सदस्य इस नियम का पालन क्यों नहीं कर सकते हैं.
राणा बोले कि बाहर फंसे लोगों ने कहा कि सरकार बताए कि जब सभी सुविधाएं होते हुए सांसद दिल्ली में अपने बंगलों में नहीं रह सके तो इस वक्त फंसे हमारे लोगों के पास तो कोई सुविधा ही नहीं है.
बाहर फंसे कई लोगों की नौकरियां छूट गई हैं, उनका खर्चा खत्म हो गया है, मकान मालिक उनको तंग कर रहे हैं, ऐसे में राज्य के बाहर फंसे लोग किस तनाव और संकट में इन घड़ियों को बिता रहे हैं, सरकार इस बात को समझे.
राणा ने कहा कि जनता के आक्रोश व परेशानी को देखते हुए सरकार फंसे हुए लोगों को घर लाने का कोई जरिया बनाए क्योंकि लोग कह रहे हैं कि उन्हें घर आने दिया जाए. वह हर उस नियम का पालन करेंगे जो सरकार ने एहतियात के तौर पर लगाए हैं. अधिकांश लोगों का तो यह भी कहना है कि घर पहुंचने के बाद अगर कोई नियम तोड़ता है तो बेशक उस पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए, लेकिन हमें घर आने दिया जाए.
राणा ने कहा कि राज्य के अंदर व बाहर से मुसीबत में फंसे लोगों ने यह आरोप भी लगाए हैं कि कुछ सत्ताधारी प्रशासन पर दबाव बनाकर अपने लोगों को लगातार निकाल रहे हैं. जिस बात का लोगों में काफी आक्रोश व गुस्सा देखा गया है. लोगों ने कहा कि सरकार सबकी है और सबके साथ सामान व्यवहार करे.