सुजानपुरः विधायक राजेंद्र राणा लगातार प्रदेश सरकार पर जुबानी हमले बोल रहे हैं. राणा ने प्रदेश सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि कोरोना वायरस के संकट में फंसे सरकारी कर्मचारी अब आर्थिक संकट से भी जूझने लगे हैं. क्योंकि अब उन्हें समय पर वेतन नहीं मिल रहा है. कोविड फ्रंट मोर्चे पर सेवाएं दे रहे लाखों कर्मचारियों को प्रोत्साहित करने की बजाय सरकार उन्हें प्रताड़ित करने में लगी है.
विधायक राजेंद्र राणा ने कहा कि कोविड-19 के संकट पर केंद्र से निरंतर सहायता मिलने की घोषणा के बावजूद प्रदेश सरकार कर्मचारियों को आर्थिक संकट से निजात दिलाने में लगातार नाकाम रही है. लॉकडाउन के दौरान आपात सेवाएं देने वालों से पहले तो प्रदेश सरकार ने बिना पूछे उनका वेतन काटना शुरू कर दिया और अब परिवहन निगम में सेवाएं दे रहे कर्मचारियों की मानें तो हफ्तों बीत जाने के बाद भी उन्हें वेतन नहीं मिल रहा है.
जिस कारण से उन्हें अपना घर-परिवार चलाना मुश्किल होता जा रहा है. समय पर वेतन न मिलने के कारण आपात सेवाएं देने वाले कर्मचारी व कामगार इस स्थिति में अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के बाद हिमाचल परिवहन निगम के कर्मचारियों की मानें तो लॉकडाउन के बाद वह सरकारी आदेश मिलते ही काम पर पहुंच चुके हैं, लेकिन उन्हें समय पर वेतन न मिलने से निराशा हाथ लग रही है. मई महीने का वेतन 10 जून तक भी कर्मचारियों को नहीं मिल पाया है.
यही हाल निगम से सेवानिवृत्त पेंशनर्स का भी है. उन्हें पेंशन न मिलने के कारण यह वर्ग भी निराशा के माहौल में है. उन्होंने कहा कि कर्मचारियों ने बताया कि सरकार के समक्ष वेतन समय पर देने की मांग रखी गई है.
विधायक ने कहा कि इस वक्त रेगुलर कर्मचारियों सहित अनुबंध के आधार पर भर्ती कर्मचारियों को मिला दिया जाए तो करीब 15 हजार कर्मचारी अपनी सेवाएं दे रहे हैं. जिनमें से चालक व परिचालक लॉकडाउन के दौरान अपनी सेवाएं लगातार देते रहे हैं, लेकिन अब उन्हें अपने ही वेतन के लाले पड़े हुए हैं.
विधायक राजेंद्र राणा ने सरकार से आग्रह किया है कि कोविड-19 काल में सेवाएं दे रहे इन कर्मचारियों का वेतन जल्द जारी किया जाए. उन्होंने कहा कि होना तो यह चाहिए था कि आपात स्थिति में सेवाएं दे रहे कर्मचारियों व अधिकारियों को सरकार इस आपदा में प्रोत्साहित करती, लेकिन उल्टा इस वर्ग को समय पर वेतन न देकर प्रताड़ित किया जा रहा है.