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शहीद अंकुश ठाकुर का पार्थिव शरीर पैतृक गांव पहुंचने में हो रही देरी, मौसम बना बाधा - martyr Ankush Thakur

गलियान घाटी में 16 जून को भारत-चीन LAC विवाद में शहीद हुए कडोहता निवासी शहीद अंकुश ठाकुर का पार्थिव शरीर मौसम खराब होने की वजह से उनके पैतृक गांव नहीं पहुंच पाया है. हालांकि उम्मीद लगाई जा रही है कि शाम 5 बजे तक का उनका पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव पहुंच जाएगा, लेकिन मौसम के कारण ये बताया जा रहा है कि अब उनका पार्थिव शरीर शुक्रवार को उनके गांव पहुंचेगा.

martyr Ankush Thakur
शहीद अंकुश ठाकुर
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Published : Jun 18, 2020, 2:18 PM IST

हमीरपुर: जिला के उपमंडल भोरंज के कडोहता निवासी शहीद अंकुश ठाकुर का पार्थिव शरीर गुरुवार सुबह 11 बजे तक उनके पैतृक गांव पहुंचना था, लेकिन मौसम खराब होने की वजह से विमान की उड़ान न होने पर उनका पार्थिव शरीर पैतृक गांव पहुंचने में लगातार देरी हो रही है. अब मौसम खराब बना रहने की वजह से उनका पार्थिव शरीर शुक्रवार तक गांव पहुंचने की उम्मीद जताई जा रही है.

बता दें कि कडोहता निवासी शहीद अंकुश ठाकुर 2018 में पंजाब रेजिमेंट का हिस्सा बने थे. अंकुश ठाकुर गलवान घाटी में 16 जून को भारत-चीन LAC विवाद के चलते शहीद हुए थे. अंकुश ठाकुर के पिता और दादा भी भारतीय सेना में सेवाएं दे चुके हैं. बेटे की शहादत की खबर सुनते ही गांव और परिवार में शोक की लहर दौड़ गई है और अपने बेटे के पार्थिव शरीर का शरीर का इंतजार कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का अस्थाई सदस्य बना भारत

स्थानीय युवाओं ने बताया कि भारतीय सेना को चीन से वीरों के बलिदान का बदला लेना चाहिए. जब से उन्होंने सुना कि भारत-चीन LAC विवाद में देश के 20 सैनिक शहीद हुए हैं, तब से उनके अंदर खून उबाल मार रहा है. उन्होंने कहा कि गांव के सभी लोग सेना में भर्ती होकर चीन से वीरों की शहादत का बदला लेना चाहते हैं.

हमीरपुर: जिला के उपमंडल भोरंज के कडोहता निवासी शहीद अंकुश ठाकुर का पार्थिव शरीर गुरुवार सुबह 11 बजे तक उनके पैतृक गांव पहुंचना था, लेकिन मौसम खराब होने की वजह से विमान की उड़ान न होने पर उनका पार्थिव शरीर पैतृक गांव पहुंचने में लगातार देरी हो रही है. अब मौसम खराब बना रहने की वजह से उनका पार्थिव शरीर शुक्रवार तक गांव पहुंचने की उम्मीद जताई जा रही है.

बता दें कि कडोहता निवासी शहीद अंकुश ठाकुर 2018 में पंजाब रेजिमेंट का हिस्सा बने थे. अंकुश ठाकुर गलवान घाटी में 16 जून को भारत-चीन LAC विवाद के चलते शहीद हुए थे. अंकुश ठाकुर के पिता और दादा भी भारतीय सेना में सेवाएं दे चुके हैं. बेटे की शहादत की खबर सुनते ही गांव और परिवार में शोक की लहर दौड़ गई है और अपने बेटे के पार्थिव शरीर का शरीर का इंतजार कर रहे हैं.

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