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पोस्ट कोड 633 के तहत JEE इलेक्ट्रिकल भर्ती मामले में अयोग्य घोषित, अभ्यर्थी पहुंचे सुप्रीम कोर्ट

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Published : Sep 22, 2020, 3:06 PM IST

प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग की पोस्ट कोड 633 के तहत जेईई इलेक्ट्रिकल भर्ती का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. जेईई इलेक्ट्रिकल की अब तक की यह सबसे विवादित भर्ती है. बीटेक अभ्यर्थी अब सुप्रीम कोर्ट से इस केस पर उम्मीद लगाए बैठे हैं.

JEE Electrical recruitment case reaches Supreme Court
जेईई इलेक्ट्रिकल भर्ती मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा

हमीरपुर : प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग की पोस्ट कोड 633 के तहत जेईई इलेक्ट्रिकल भर्ती का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. जानकारी के मुताबिक अब इस मामले में हाईकोर्ट के आदेशों के बाद अयोग्य घोषित 283 बीटेक डिग्री धारकों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.

जेईई इलेक्ट्रिकल की अब तक की यह सबसे विवादित भर्ती है. बीटेक अभ्यर्थियों में पुनीत शर्मा, पंकेश, सौरभ, रोबिन, अरविंद, विशाल, कमलेश, साहिल, अमन और नवीन ने कहा कि सरकार उच्च शिक्षित वर्ग के साथ खड़ी नहीं है. बाहरी राज्यों के 47 परिवारों को रोजगार देने की तैयारी की जा रही है.

बता दें कि बाहरी राज्यों के अभ्यर्थियों का ठीकरा विपक्ष के सिर पर फोड़कर सरकार ने अपना पल्ला झाड़ लिया. कहा कि प्रदेश में उच्च शिक्षा का मामला वर्षों से सरकार के समक्ष है. चयन आयोग और विभागों के गैर जिम्मेदाराना रवैये और भर्ती नियमों की खामियों के कारण भर्तियां कोर्ट में लटकी हैं.

इसके अलावा डिप्लोमा और बीटेक को हाईकोर्ट ने अलग-अलग विषय बताया था. आज प्रदेश में हर डिप्लोमा धारक छात्र उच्च शिक्षा के लिए सीधा बीटेक के दूसरे वर्ष में प्रवेश लेता है. बीटेक अभ्यर्थी अब सुप्रीम कोर्ट से इस केस पर उम्मीद लगाए बैठे है.

ये भी पढ़ें : नाहन में बीजेपी किसान मोर्चा की हुई बैठक, केंद्र और राज्य की जनकल्याणकारी योजनाओं पर चर्चा

हमीरपुर : प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग की पोस्ट कोड 633 के तहत जेईई इलेक्ट्रिकल भर्ती का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. जानकारी के मुताबिक अब इस मामले में हाईकोर्ट के आदेशों के बाद अयोग्य घोषित 283 बीटेक डिग्री धारकों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.

जेईई इलेक्ट्रिकल की अब तक की यह सबसे विवादित भर्ती है. बीटेक अभ्यर्थियों में पुनीत शर्मा, पंकेश, सौरभ, रोबिन, अरविंद, विशाल, कमलेश, साहिल, अमन और नवीन ने कहा कि सरकार उच्च शिक्षित वर्ग के साथ खड़ी नहीं है. बाहरी राज्यों के 47 परिवारों को रोजगार देने की तैयारी की जा रही है.

बता दें कि बाहरी राज्यों के अभ्यर्थियों का ठीकरा विपक्ष के सिर पर फोड़कर सरकार ने अपना पल्ला झाड़ लिया. कहा कि प्रदेश में उच्च शिक्षा का मामला वर्षों से सरकार के समक्ष है. चयन आयोग और विभागों के गैर जिम्मेदाराना रवैये और भर्ती नियमों की खामियों के कारण भर्तियां कोर्ट में लटकी हैं.

इसके अलावा डिप्लोमा और बीटेक को हाईकोर्ट ने अलग-अलग विषय बताया था. आज प्रदेश में हर डिप्लोमा धारक छात्र उच्च शिक्षा के लिए सीधा बीटेक के दूसरे वर्ष में प्रवेश लेता है. बीटेक अभ्यर्थी अब सुप्रीम कोर्ट से इस केस पर उम्मीद लगाए बैठे है.

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