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बीएड को जेबीटी का हक देने पर भड़के जेबीटी प्रशिक्षु, आवाज की बुलंद

बीएड को जेबीटी का हक देने पर जेबीटी प्रशिक्षु भड़क गए हैं. हमीरपुर के गांधी चौक पर अपनी मांग को लेकर जेबीटी प्रशिक्षुओं ने (Jbt trainee protest Hamirpur gandhi chowk) प्रदर्शन किया और सरकार को चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी तो आगामी समय में जेबीटी प्रशिक्षु कोई कठोर निर्णय लेने के लिए बाध्य होंगे.

Jbt trainee protest Hamirpur
जेबीटी प्रशिक्षुओं का प्रदर्शन
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Published : Nov 29, 2021, 6:17 PM IST

हमीरपुर: बीएड को जेबीटी पदों के लिए योग्य करार देने पर जेबीटी प्रशिक्षु भड़क उठे हैं. इस सिलसिले में हमीरपुर गांधी चौक (Jbt trainee protest Hamirpur gandhi chowk) पर जेबीटी प्रशिक्षु जमकर गरजे. यहां पर जेबीटी जिंदाबाद के नारे लगाए गए वहीं, अपने हकों के लिए आवाज बुलंद की गयी.

जेबीटी प्रशिक्षुओं ने सरकार के इस फैसले को सरासर गलत करार दिया है. गुस्साए जेबीटी प्रशिक्षुओं (JBT trainees angry with government ) का कहना है कि बीएड को जेबीटी का लाभ नहीं मिलना चाहिए. यदि ऐसा होता है तो जेबीटी को समय पर इनके प्रशिक्षण का लाभ नहीं मिल पाएगा. प्रशिक्षुओं ने प्रदेश के मुख्यमंत्री से मांग की है कि इस फैसले पर दोबारा विचार करें और जेबीटी के हकों का हनन न होने दें.

जेबीटी यूनियन हमीरपुर (JBT Union Hamirpur) के अध्यक्ष अश्विन सोनी ने कहा कि उत्तराखंड सहित अन्य राज्यों में भी जेबीटी के लिए पदों का प्रावधान है और इसमें बीएड को शामिल नहीं किया गया है. जेबीटी कर चुके अभ्यर्थी रमन पटेल का कहना है कि हिमाचल पहला ऐसा राज्य है जहां पर बीएड के हक में फैसला दिया गया है. हालांकि दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान में जेबीटी के पदों पर बीएड का कोई हस्तक्षेप नहीं है.

उन्होंने कहा कि हिमाचल में जेबीटी कर चुके और ट्रेनिंग कर रहे जेबीटी की संख्या पदों से काफी ज्यादा है. ऐसे में बीएड करने वालों को जेबीटी का लाभ देना जेबीटी करने वालों के हकों के साथ खिलवाड़ है. हमीरपुर के 9 जेबीटी महाविद्यालय में लगभग 2000 प्रशिक्षु प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं. यदि प्रशिक्षित और प्रशिक्षुओं की बात करें तो इनका आंकड़ा लगभग प्रदेश में 40,000 है. ऐसे में जेबीटी के पदों पर बीएड को योग्य करार देना इन 40 हजार परिवारों के साथ सरासर अन्याय है.

वहीं, जेबीटी प्रशिक्षुओं का कहना है कि पहले तो दाखिले के लिए कमीशन क्वालीफाई (Commission Qualify) करना पड़ता है फिर नौकरी के लिए भी जद्दोजहद करनी पड़ती है. ऐसे में अगर बीएड को जेबीटी के पदों का हकदार (JBT trainees protest in himachal) बना दिया जाता है तो यह उनके लिए बड़ी मुश्किल है. उन्होंने सरकार से मांग की है कि (JBT demand in Himachal) जेबीटी के हितों को ध्यान में रखते हुए उनके पक्ष में निर्णय लिया जाए.

ये भी पढ़ें :जेबीटी प्रशिक्षुओं ने किया नाहन में कक्षाओं का बहिष्कार, जानिए क्या है पूरा मामला

हमीरपुर: बीएड को जेबीटी पदों के लिए योग्य करार देने पर जेबीटी प्रशिक्षु भड़क उठे हैं. इस सिलसिले में हमीरपुर गांधी चौक (Jbt trainee protest Hamirpur gandhi chowk) पर जेबीटी प्रशिक्षु जमकर गरजे. यहां पर जेबीटी जिंदाबाद के नारे लगाए गए वहीं, अपने हकों के लिए आवाज बुलंद की गयी.

जेबीटी प्रशिक्षुओं ने सरकार के इस फैसले को सरासर गलत करार दिया है. गुस्साए जेबीटी प्रशिक्षुओं (JBT trainees angry with government ) का कहना है कि बीएड को जेबीटी का लाभ नहीं मिलना चाहिए. यदि ऐसा होता है तो जेबीटी को समय पर इनके प्रशिक्षण का लाभ नहीं मिल पाएगा. प्रशिक्षुओं ने प्रदेश के मुख्यमंत्री से मांग की है कि इस फैसले पर दोबारा विचार करें और जेबीटी के हकों का हनन न होने दें.

जेबीटी यूनियन हमीरपुर (JBT Union Hamirpur) के अध्यक्ष अश्विन सोनी ने कहा कि उत्तराखंड सहित अन्य राज्यों में भी जेबीटी के लिए पदों का प्रावधान है और इसमें बीएड को शामिल नहीं किया गया है. जेबीटी कर चुके अभ्यर्थी रमन पटेल का कहना है कि हिमाचल पहला ऐसा राज्य है जहां पर बीएड के हक में फैसला दिया गया है. हालांकि दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान में जेबीटी के पदों पर बीएड का कोई हस्तक्षेप नहीं है.

उन्होंने कहा कि हिमाचल में जेबीटी कर चुके और ट्रेनिंग कर रहे जेबीटी की संख्या पदों से काफी ज्यादा है. ऐसे में बीएड करने वालों को जेबीटी का लाभ देना जेबीटी करने वालों के हकों के साथ खिलवाड़ है. हमीरपुर के 9 जेबीटी महाविद्यालय में लगभग 2000 प्रशिक्षु प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं. यदि प्रशिक्षित और प्रशिक्षुओं की बात करें तो इनका आंकड़ा लगभग प्रदेश में 40,000 है. ऐसे में जेबीटी के पदों पर बीएड को योग्य करार देना इन 40 हजार परिवारों के साथ सरासर अन्याय है.

वहीं, जेबीटी प्रशिक्षुओं का कहना है कि पहले तो दाखिले के लिए कमीशन क्वालीफाई (Commission Qualify) करना पड़ता है फिर नौकरी के लिए भी जद्दोजहद करनी पड़ती है. ऐसे में अगर बीएड को जेबीटी के पदों का हकदार (JBT trainees protest in himachal) बना दिया जाता है तो यह उनके लिए बड़ी मुश्किल है. उन्होंने सरकार से मांग की है कि (JBT demand in Himachal) जेबीटी के हितों को ध्यान में रखते हुए उनके पक्ष में निर्णय लिया जाए.

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