भोरंज/हमीरपुर: हिमाचल प्रदेश प्रशिक्षित कला स्नातक संघ ने पहली से आठवीं यानी प्राइमरी और अपर प्राइमरी स्कूलों को खोलने और अध्यापकों की स्कूलों में उपस्थिति दर्ज करवाने के लिये प्रदेश सरकार व शिक्षा विभाग से आदेश जारी करने की मांग की है. आदेश जारी ना होने पर उप शिक्षा निदेशक कार्यालय से लेकर अध्यापकों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है. ये जानकारी संघ के प्रदेशाध्यक्ष सुरेश कौशल ने दी.
संघ के प्रदेशाध्यक्ष सुरेश कौशल ने बताया कि अध्यापक वर्ग कोरोना काल में भी अपने स्तर पर शैक्षणिक गतिविधियां चलाए हुए हैं. पहली से आठवीं कक्षा के बच्चे ऑनलाइन के माध्यम से सही तरीके से पढ़ाई कर रहे हैं, जिसमें अध्यापक व उनके अभिभावक सहयोग कर रहे हैं. उन्होंने सरकार व शिक्षा विभाग से मांग करते हुए कहा जिस तरह नौवीं कक्षा से जमा दो कक्षा के बच्चों को अभिभावक परामर्श पत्रा लेकर आंमत्रित किया है. उसी तरह पहली से आठवीं कक्षा के बच्चों के लिये गाइडलाइन जारी किया जाए.
सुरेश कौशल ने बताया कि प्रदेश के प्राइमरी व अपर प्राइमरी स्कूलों में बच्चों की संख्या भी कम है. ऐसे में बच्चों को रोटेशन में बुलाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि उच्चतर शिक्षा विभाग ने हाई व सीनियर सेकंडरी स्कूलों में 50 प्रतिशत शैक्षणिक व गैर शैक्षणिक स्टाफ को बुलाने के आदेश दिए हैं, जबकि प्राइमरी व अपर प्राइमरी स्कूलों का कहीं भी जिक्र नहीं किया गया है.
संघ के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि हाल ही में लिए गए नौवीं व दसवीं कक्षा के असिस्टेंट पेपर उन प्रश्नों को भी डाला गया, जिन अध्यायों को बोर्ड द्वारा सिलेबस से हटा दिया गया था. उन्होंने शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर और शिक्षा बोर्ड सचिव सुरेश सोनी से मांग की है कि कोरोना महामारी के कारण 30 प्रतिशत पाठयक्रम पुस्तकों के अंतिम अध्यायों से काटा जाए.
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