शिमला: हिमाचल होटल मजदूर लाल झंडा यूनियन की कार्यकारिणी की रविवार को किसान मजदूर भवन चिटकारा पार्क कैंथू में बैठक हुई. इस बैठक की अध्यक्षता होटल यूनियन के अध्यक्ष बालक राम और संचालन होटल यूनियन के महासचिव विनोद विरसांटा ने किया.
बैठक में राजनीतिक परिस्थिति पर सीटू जिला सचिव अजय दुल्टा ने विस्तार से बात रखी. जिला सचिव ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान 15 करोड़ लोगों ने अपनी नौकरियां खोई हैं. लॉकडाउन के बाद अभी 12 करोड़ लोग ही वापस नौकरी पर लौटे हैं. इसका सीधा मतलब है कि 3 करोड़ लोगों ने अपनी नौकरियां गंवा दी है.
अजय दुल्टा ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में भी मजदूरों की यही स्थिति है. शिमला में भी सैकड़ों मजदूरों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा है. शिमला में पर्यटन कारोबार पटरी पर लौट आया है लेकिन अभी पर्यटन उद्योग में 35 प्रतिशत कर्मचारी ही नौकरी पर लौटे हैं. 20 से 30 प्रतिशत वेतन कटौती के बावजूद भी होटल नियोक्ता अपने कर्मचारियों को वापस नौकरी पर नहीं बुला रहे हैं.
विनोद विरसांटा ने कहा कि होटल नियोक्ता भी श्रम कानूनों को कमजोर करने की आड़ में मजदूरों के शोषण को बढ़ावा दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि होटल मालिक मजदूरों से 14 से 18 घंटे काम करवा रहे हैं. होटल मजदूर लाल झंडा यूनियन ने निर्णय लिया है कि वह आने वाले समय में ऐसे होटल मालिकों के खिलाफ रणनीति बनाएंगे, जिन्होंने महामारी की आड़ में मजदूरों के शोषण को बढ़ावा दिया है.