हमीरपुर: हिम आंचल पेंशनर संघ (Him Anchal Association Hamirpur) ने पेंशनरों की जेसीसी की बैठक (Pensioners JCC meeting) न करने और पेंशनरों की पेंशन में संशोधन न किए जाने पर पेंशनरों में भारी रोष है. इसी को लेकर एक ज्ञापन उपायुक्त हमीरपुर देबश्वेता बनिक के माध्यम से प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को सौंपा है. पेंशनरों ने जल्द से जल्द जेसीसी की बैठक का करने और पेंशन संशोधन किए जाने की मांग (Demand for restoration of old pension in Himachal) उठाई है. संघ के पदाधिकारियों ने कड़े शब्दों में कहा है कि यदि सरकार उनकी मांगें जल्द मानती है तो पेंशनर सड़कों पर उतरने से भी गुरेज नहीं करेंगे. मांगों की सुनवाई न होने पर आंदोलन की जिम्मेदारी प्रदेश सरकार के होगी.
संघ के प्रदेशाध्यक्ष योगराज शर्मा ने बताया कि प्रदेश सरकार ने अपने पूर्व वक्तव्य में कहा था कि प्रदेश के कर्मचारियों एवं पेशनरों को जनवरी 2022 से नए वेतनमान/पेंशन प्रदान कर दिए जाएंगें, लेकिन पांच जनवरी को मंत्रीमंडल की बैठक में पेशनरों की एक जनवरी 2016 से पेंशन संशोधन के मामले पर विचार ना करने पर प्रदेश के पेंशनर अपने आपको ठगा महसूस कर रहे हैं.
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इसी उपेक्षा का हिम आंचल पेंशनर संघ (Pensioners Welfare Association Hamirpur) ने कड़ा संज्ञान लिया है. उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि प्रदेश के लाखों पेंशनरों के आशीर्वाद की सरकार को आवश्यकता नहीं है. संघ ने मांग की है कि पेंशनरों को एक जनवरी 2016 से जल्द से जल्द पुनरावृत्ति पेंशन प्रदान की जाए, पेंशनरों के पांच, 10 व 15 फीसदी पेंशन भत्ता को मूल पेंशन में बदला जाए, पेंशनरों का चिकित्सा भत्ता 1500 रुपए मासिक किया जाए, दो वर्ष के अंतराल में एक मूल पेंशन के बराबर तीर्थ यात्रा सुविधा प्रदान की जाए.
योगराज शर्मा ने कहा कि यदि सरकार ने पेंशनरों की समस्याओं एवं मांगों के निदान के लिए जल्द से जल्द कोई निर्णायक कदम नहीं उठाया, तो पेंशनर अपनी मांगों के समर्थन में सड़कों पर निकलने के लिए बाध्य होंगे, जिसकी जिम्मेदारी सरकारी की होगी.
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