हमीरपुर: हिमाचल प्रदेश के स्कूलों में अब हर्बल गार्डन बनाए जाएंगे. स्कूलों में इको क्लब के प्रभारी इस कार्य को करेंगे. हर्बल गार्डन के साथ ही वाटर हार्वेस्टिंग के लिए भी स्कूलों में प्रयास किए जाएंगे. हिमाचल प्रदेश काउंसिल फॉर साइंस टेक्नोलॉजी एंड एनवायरमेंट (हिमकॉस्टे) के सहयोग से यह कार्य किया जाएगा.
हिमकॉस्टे की तरफ से ही प्रदेश भर के स्कूलों में गठित इको क्लब को ₹5000 की ग्रांट सालाना दी जाती है. इस ग्रांट के अंतर्गत पर्यावरण संरक्षण के लिए इको क्लब कार्य करते हैं और पौधरोपण तथा स्कूल परिसर के (Herbal gardens in himachal schools) संरक्षण का कार्य किया जाता है. एक कदम आगे बढ़ते हुए अब इको क्लब स्कूलों में हिमकॉस्टे की मदद से ही हर्बल गार्डन भी बनाएंगे और वाटर हार्वेस्टिंग के लिए भी प्रयास किए जाएंगे.
इस सिलसिले में अब इको क्लब प्रभारियों को दिशा निर्देश जारी कर दिए गए हैं. इस सिलसिले में बाल स्कूल हमीरपुर में जिला भर के सरकारी स्कूलों के इको क्लब के प्रभारियों की एक कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस कार्यशाला में इन सभी प्रभारियों को स्कूलों में इको क्लब की गतिविधियों को एक बार फिर से कोरोना काल के बाद सक्रिय तौर पर बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं.
हिमाचल प्रदेश काउंसिल फॉर साइंस टेक्नोलॉजी एंड एनवायरमेंट (हिमकॉस्टे) के (HP Council for Science Technology and Environment) इको क्लब के स्टेट कोऑर्डिनेटर रवि शर्मा ने बताया कि स्कूलों में गठित इको क्लब को पर्यावरण संरक्षण की गतिविधियों को बढ़ाने के लिए हर साल ग्रांट जारी की जाती है. इस ग्रांट से स्कूलों में पौधरोपण और स्कूल परिसर के सौंदर्यीकरण के लिए कार्य किया जाता है.
अब इको क्लब के प्रभारियों को यह निर्देश दिए गए हैं कि स्कूलों में हर्बल गार्डन और वाटर हार्वेस्टिंग की संभावनाओं पर कार्य किया जाए. इसके लिए इको क्लब के प्रभारी प्रपोजल बनाकर दें ताकि इस पर कार्य किया जा सके. उन्होंने कहा कि इस सिलसिले में हर जिले में कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है. कोरोना कालखंड के बाद पहली बार यह कार्यशाला आयोजित हो रही है. बाल स्कूल हमीरपुर में शुक्रवार आयोजित कार्यशाला में भी इन गतिविधियों को लेकर चर्चा हुई है.
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