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हमीरपुरः कोरोना के कारण फूल का व्यवसाय करने वाले कारोबारियों का काम ठप, सरकार से लगाई मदद की गुहार

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Published : May 26, 2021, 5:06 PM IST

कोरोना महामारी के कारण प्रदेश में लगाए गए कोरोना कर्फ्यू से फूलों का कारोबार करने वाले व्यवसायों का व्यवसाय पूरी तरह ठप पड़ गया. जहां हिमाचल में हर वर्ष करोड़ों रुपये का फूलों का व्यवसाय होता था. वहीं, कोरोना महामारी के कारण पिछले डेढ़ साल से यह कारोबार बिल्कुल शून्य हो गया है, जिससे फूल उत्पादकों की चिंता बढ़ गई है.

फूलों का कारोबार ठप
फोटो.

हमीरपुरः कोरोना महामारी के कारण प्रदेश सरकार ने कोरोना कर्फ्यू लगाया है. जिस कारण प्रदेश भर में कई व्यवसाय पूरी तरह ठप पड़े हुए हैं. इस कर्फ्यू का असर वैसे तो सभी व्यवसायों के ऊपर पड़ा है, लेकिन कर्फ्यू में फूलों का व्यवसाय पूरी तरह से तबाह हो गया है. जहां हिमाचल में हर वर्ष करोड़ों रुपये का फूलों का व्यवसाय होता था. वहीं, कोरोना महामारी के कारण पिछले डेढ़ साल से यह कारोबार बिल्कुल शून्य हो गया है, जिससे फूल उत्पादकों की चिंता बढ़ गई है.

जिले के बड़सर उपमंडल में फूलों का कारोबार कर रहे पवन कुमार ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान अब वह इस व्यवसाय को छोड़ने के लिए मजबूर है. रोजी रोटी के लिए सब्जी की दुकान चला रहे हैं.

पवन कुमार ने बताया कि उन्होंने साल 2013 में बैंक से तीन करोड़ रुपये का लोन लेकर फूलों के उत्पादन का कारोबार शुरू किया था, लेकिन कोरोना महामारी के कारण फूलों का व्यवसाय पूरी तरह बंद हो गया है. यहां तक कि अब फूलों की फसल को नष्ट करने के लिए तैयार है, क्योंकि पॉलीहाउस में फूल सूख चुके हैं.

अंधकार में फूल उत्पादकों का भविष्य

प्रदेश सरकार भी फूल उत्पादकों के बारे में कोई कदम नहीं उठा रही है, जिस कारण फूल उत्पादकों का भविष्य पूरी तरह अंधकार में चला हुआ है. हमीरपुर जिला में ही नहीं बल्कि अन्य जिलों में भी सभी फूल उत्पादकों का ऐसा ही हाल बना हुआ है.

किसानों और बागवानों की आर्थिक मदद करने की गुहार

जानकारी के मुताबिक पवन कुमार के पास 13 पॉलीहाउस में 28 लाख रुपये के फूल तैयार है. उन्होंने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से गुहार लगाई है की प्रदेश के किसानों और बागवानों को इस मुश्किल घड़ी में आर्थिक मदद मुहैया करवाई जाए.

ये भी पढ़ेंः नगर परिषद कुल्लू की अनोखी पहल

हमीरपुरः कोरोना महामारी के कारण प्रदेश सरकार ने कोरोना कर्फ्यू लगाया है. जिस कारण प्रदेश भर में कई व्यवसाय पूरी तरह ठप पड़े हुए हैं. इस कर्फ्यू का असर वैसे तो सभी व्यवसायों के ऊपर पड़ा है, लेकिन कर्फ्यू में फूलों का व्यवसाय पूरी तरह से तबाह हो गया है. जहां हिमाचल में हर वर्ष करोड़ों रुपये का फूलों का व्यवसाय होता था. वहीं, कोरोना महामारी के कारण पिछले डेढ़ साल से यह कारोबार बिल्कुल शून्य हो गया है, जिससे फूल उत्पादकों की चिंता बढ़ गई है.

जिले के बड़सर उपमंडल में फूलों का कारोबार कर रहे पवन कुमार ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान अब वह इस व्यवसाय को छोड़ने के लिए मजबूर है. रोजी रोटी के लिए सब्जी की दुकान चला रहे हैं.

पवन कुमार ने बताया कि उन्होंने साल 2013 में बैंक से तीन करोड़ रुपये का लोन लेकर फूलों के उत्पादन का कारोबार शुरू किया था, लेकिन कोरोना महामारी के कारण फूलों का व्यवसाय पूरी तरह बंद हो गया है. यहां तक कि अब फूलों की फसल को नष्ट करने के लिए तैयार है, क्योंकि पॉलीहाउस में फूल सूख चुके हैं.

अंधकार में फूल उत्पादकों का भविष्य

प्रदेश सरकार भी फूल उत्पादकों के बारे में कोई कदम नहीं उठा रही है, जिस कारण फूल उत्पादकों का भविष्य पूरी तरह अंधकार में चला हुआ है. हमीरपुर जिला में ही नहीं बल्कि अन्य जिलों में भी सभी फूल उत्पादकों का ऐसा ही हाल बना हुआ है.

किसानों और बागवानों की आर्थिक मदद करने की गुहार

जानकारी के मुताबिक पवन कुमार के पास 13 पॉलीहाउस में 28 लाख रुपये के फूल तैयार है. उन्होंने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से गुहार लगाई है की प्रदेश के किसानों और बागवानों को इस मुश्किल घड़ी में आर्थिक मदद मुहैया करवाई जाए.

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