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हिमाचल में छोटे बच्चों के स्कूल खोलने के फैसले पर बोले अभिभावक- अभी और किया जा सकता था इंतजार - स्कूल खोलने के फैसले पर बोले अभिभावक

हिमाचल प्रदेश में छोटे बच्चों के लिए स्कूल खोलने के फैसले पर एजुकेशन हब हमीरपुर में अभिभावकों ने मिली जुली प्रतिक्रिया दी है. कुछ अभिभावकों को कहना है कि सरकार को इस फैसले पर दोबारा सोचना चाहिए. वहीं, कुछ अभिभावकों का कहना है कि ऑनलाइन पढ़ाई में बच्चे सही तरीके से पढ़ नहीं रहे हैं. अब स्कूल में बच्चे सही तरीके से पढ़ाई करेंगे.

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Published : Nov 8, 2021, 5:42 PM IST

हमीरपुर: छोटे बच्चों के लिए स्कूलों को खोलने के प्रदेश सरकार के निर्णय को लेकर एजुकेशन हब हमीरपुर में अभिभावकों की मिली-जुली राय देखने को मिली है. अधिकांश अभिभावकों का यह मानना है कि यह निर्णय जल्दी में लिया गया है और प्रदेश सरकार को इस पर पुनर्विचार करना चाहिए. हालांकि कुछ एक अभिभावक ऐसे भी हैं जिनका यह मानना है कि सरकार के द्वारा ही बेहतर निर्णय लिया गया है.


अभिभावक विशाल राणा का कहना है कि सरकार को इस पर पुनर्विचार करना चाहिए. अभी तक छोटे बच्चों के लिए वैक्सीन सरकार की तरफ से नहीं लाई गई है. ऐसे में यह निर्णय जल्दी में लिया गया निर्णय प्रतीत हो रहा है. सरकार अगले शैक्षणिक सत्र तक रुक सकती थी, क्योंकि अब इस शैक्षणिक सत्र में कुछ ही समय बचा है. सरकार को इस निर्णय को वापस लेना चाहिए.

वीडियो.

अनुपम लखनपाल का कहना है कि इस शैक्षणिक सत्र को समाप्त होने में कुछ ही समय बचा है. ऐसे में सरकार इस निर्णय पर पुनर्विचार कर सकती है. उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत तौर पर वह मानते हैं कि छोटे बच्चों को समझाना थोड़ा मुश्किल होता है और यह चुनौती हो सकती है.


अभिभावक सुभाष कुमार का कहना है कि प्रदेश सरकार का यह सही निर्णय है. ऑनलाइन पढ़ाई में सही तरीके से बच्चे पढ़ नहीं रहे हैं. जिस वजह से सरकार की तरफ से दिए गए इस निर्णय का वह स्वागत करते हैं. उन्होंने कहा कि ऑनलाइन पढ़ाई में कहीं ना कहीं बच्चों की तरफ से लापरवाही बरती जा रही थी ऐसे में स्कूल खोलने से अब पढ़ाई ढंग से हो पाएगी.

अभिभावक सुनील कुमार का कहना है कि वह प्रदेश सरकार के इस निर्णय का स्वागत करते हैं. सरकार के इस निर्णय से बच्चों की पढ़ाई पर बेहतर असर होगा. उन्होंने कहा कि यदि आगामी दिनों में कोरोना के मामले बढ़ते हैं तो ऐसे में सरकार इस निर्णय पर एक बार फिर विचार कर सकती है और स्कूलों को बंद भी किया जा सकता है यह विकल्प सरकार के पास मौजूद है.

आपको बता दें कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में सोमवार को हुई कैबिनेट बैठक में अहम फैसले लिए गए. जिसमें प्रदेश में तीसरी से सातवीं कक्षा तक स्कूल 10 नवंबर से खुलेंगे. वहीं, पहली कक्षा और दूसरी कक्षा के बच्चों के लिए 15 नवंबर से स्कूल खुलेंगे. प्रदेश में अब पूरी क्षमता के साथ बसें चलाने का फैसला लिया गया है. वहीं, आठवीं से 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों की नियमित कक्षाएं पूर्व की तरह जारी रहेंगी. सर्दी, खांसी, बुखार और जुकाम के लक्षण वाले विद्यार्थियों को स्कूलों में नहीं आने की अपील की गई है.

ये भी पढ़ें: इंडिया पोस्ट भर्ती 2021: हिमाचल के युवाओं के लिए सुनहरा मौका, इन पदों पर कर सकते हैं आवेदन

हमीरपुर: छोटे बच्चों के लिए स्कूलों को खोलने के प्रदेश सरकार के निर्णय को लेकर एजुकेशन हब हमीरपुर में अभिभावकों की मिली-जुली राय देखने को मिली है. अधिकांश अभिभावकों का यह मानना है कि यह निर्णय जल्दी में लिया गया है और प्रदेश सरकार को इस पर पुनर्विचार करना चाहिए. हालांकि कुछ एक अभिभावक ऐसे भी हैं जिनका यह मानना है कि सरकार के द्वारा ही बेहतर निर्णय लिया गया है.


अभिभावक विशाल राणा का कहना है कि सरकार को इस पर पुनर्विचार करना चाहिए. अभी तक छोटे बच्चों के लिए वैक्सीन सरकार की तरफ से नहीं लाई गई है. ऐसे में यह निर्णय जल्दी में लिया गया निर्णय प्रतीत हो रहा है. सरकार अगले शैक्षणिक सत्र तक रुक सकती थी, क्योंकि अब इस शैक्षणिक सत्र में कुछ ही समय बचा है. सरकार को इस निर्णय को वापस लेना चाहिए.

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अनुपम लखनपाल का कहना है कि इस शैक्षणिक सत्र को समाप्त होने में कुछ ही समय बचा है. ऐसे में सरकार इस निर्णय पर पुनर्विचार कर सकती है. उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत तौर पर वह मानते हैं कि छोटे बच्चों को समझाना थोड़ा मुश्किल होता है और यह चुनौती हो सकती है.


अभिभावक सुभाष कुमार का कहना है कि प्रदेश सरकार का यह सही निर्णय है. ऑनलाइन पढ़ाई में सही तरीके से बच्चे पढ़ नहीं रहे हैं. जिस वजह से सरकार की तरफ से दिए गए इस निर्णय का वह स्वागत करते हैं. उन्होंने कहा कि ऑनलाइन पढ़ाई में कहीं ना कहीं बच्चों की तरफ से लापरवाही बरती जा रही थी ऐसे में स्कूल खोलने से अब पढ़ाई ढंग से हो पाएगी.

अभिभावक सुनील कुमार का कहना है कि वह प्रदेश सरकार के इस निर्णय का स्वागत करते हैं. सरकार के इस निर्णय से बच्चों की पढ़ाई पर बेहतर असर होगा. उन्होंने कहा कि यदि आगामी दिनों में कोरोना के मामले बढ़ते हैं तो ऐसे में सरकार इस निर्णय पर एक बार फिर विचार कर सकती है और स्कूलों को बंद भी किया जा सकता है यह विकल्प सरकार के पास मौजूद है.

आपको बता दें कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में सोमवार को हुई कैबिनेट बैठक में अहम फैसले लिए गए. जिसमें प्रदेश में तीसरी से सातवीं कक्षा तक स्कूल 10 नवंबर से खुलेंगे. वहीं, पहली कक्षा और दूसरी कक्षा के बच्चों के लिए 15 नवंबर से स्कूल खुलेंगे. प्रदेश में अब पूरी क्षमता के साथ बसें चलाने का फैसला लिया गया है. वहीं, आठवीं से 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों की नियमित कक्षाएं पूर्व की तरह जारी रहेंगी. सर्दी, खांसी, बुखार और जुकाम के लक्षण वाले विद्यार्थियों को स्कूलों में नहीं आने की अपील की गई है.

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