हमीरपुर: चुनावी साल में हमीरपुर विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस टिकट की दौड़ में धावक बने कई नेता तो मंच और मंचन के ताने बाने में व्यस्त हैं. टिकट की दौड़ के लिए होड़ कुछ इस कदर है कि मंच और मंच से संबोधन की जुगत में नेता जमीन यानी लोगों के बीच कम और मंच पर अधिक नजर आ रहे हैं. चुनावी साल में संगठन के मंच पर मौका ना मिले तो अपना ही मंच तैयार कर चुनावी साल में दावा ठोकने से पीछे नहीं हट रहे हैं. रविवार को गजोह में मंच पर मंचन और टिकट का दावा (Hamirpur Congress Program in Gajoh) ठोकने की होड़ में हमीरपुर कांग्रेस के महासचिव जगजीत ठाकुर नजर आए. बात चाहे फूल मालाओं से गले को लकदक करने की हो या फिर मंच पर सियासी तलवार लहराने की, जगजीत ठाकुर कैमरों के पूरे फोकस में रहे.
जगजीत ठाकुर ने की पार्टी टिकट की मांग: फूल मालाओं से अपना सियासी वजन बढ़ाने के प्रयास के साथ ही जगजीत ने मंच से सम्मेलन में मौजूद कार्यकर्ताओं और मंच पर मौजूद सह प्रभारी और प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष के समक्ष अपने हाथों को मजबूत करने यानी पार्टी टिकट की मांग भी कर डाली. मंच से जगजीत ठाकुर लोगों की उम्मीदों की दुहाई देकर हाथों को मजबूत करने की मांग कर रहे थे तो वहीं, सभागार में मौजूद समर्थक नारे लगाकर नेता के दावे को प्रदर्शित करते दिखे. जिला महासचिव की मांग पर जिला अध्यक्ष राजेंद्र जार ने भी मंच से ही नसीहत दे डाली. सम्मेलन में अपने संबोधन के दौरान जिला अध्यक्ष ने कहा कि नारेबाजी और सोसेबाजी करने से टिकट नहीं मिलता है.
हमीरपुर से दावा भीड़ सुजानपुर और भोरंज से भीड़ जुटी: गजोह में रविवार को हमीरपुर विधानसभा क्षेत्र से पार्टी टिकट के लिए तैयार किए गए इस सियासी प्लॉट पर भीड़ सुजानपुर की अधिक देखने को मिली. बहरहाल इस आयोजन के बाद एक और टिकटार्थी लाइन में लग गया है. हमीरपुर विधानसभा क्षेत्र से कुछ ऐसे भी कांग्रेसी नेता टिकट की दौड़ में हैं जिनकी जमीन पर पकड़ है. इन नेताओं में पूर्व विधायक कुलदीप पठानिया, पूर्व विधायक अनीता वर्मा से लेकर कई नए चेहरे भी मैदान में हैं. ऐसे कई युवा चेहरे भी इस बार मैदान में हैं जो जमीन पर यानी लोगों के बीच जाकर कार्य कर रहे हैं.
जो पदाधिकारी रहते पार्टी को समय नहीं देते उनका दावा ही नहीं बनता: जिला अध्यक्ष हमीरपुर कांग्रेस का राजेंद्र जार से जब इस आयोजन के बारे में बात की गई तो उन्होंने कहा कि पार्टी पदाधिकारी होते हुए जो लोग पार्टी के कार्यक्रमों में समय नहीं देते हैं. उनका टिकट के लिए दावा बनता ही नहीं है. टिकट आवंटन में व्यक्ति की छवि और बैकग्राउंड भी देखा जाता है.
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