हमीरपुर: दडूही हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में नाले पर चेकडैम लगाए जाने से बने तालाब में (Fishes Dying In Pond in Daruhi) सैकड़ों मछलियों के मरने की शिकायत के बाद स्थानीय पंचायत प्रतिनिधि और मत्स्य विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे. यहां पर कुछ मछलियों को मत्स्य विभाग और स्थानीय पंचायत के प्रयासों से मरने से बचाया गया है और तालाब से निकाल कर दूसरी जगह भी शिफ्ट किया गया है. स्थानीय लोगों की मानें तो इस तालाब में नजदीक के कुछ घरों से सीवरेज की गंदगी आ रही है जिस वजह से यह दिक्कत पेश आ रही है. पिछले कई दिनों से यहां पर लगातार मछलियां मर रही हैं. यहां तक कि इस तालाब का पानी पीने से स्थानीय पशुपालक की भैंस की भी मौत हो गई है.
बताया जा रहा है कि यहां पर समस्या वन विभाग द्वारा चेक डेम लगाए जाने के बाद अधिक सामने आ रही है. चेक डैम लगाने के बाद यहां पर नाले का पानी एक जगह रुक गया जिस वजह से तालाब बन गया और यहां पर मिट्टी और गंदगी अधिक मात्रा में जमा हो गई. पंचायत ने शिकायत के बाद जल शक्ति विभाग के माध्यम से पानी के सैंपल भी यहां पर भरे हैं, पंचायत प्रतिनिधियों का कहना है कि सैंपल के रिपोर्ट के मुताबिक यहां पानी पीने लायक नहीं है हालांकि अभी तक यह पुष्टि नहीं हुई है कि इस पानी में सीवरेज की गंदगी है या नहीं.
शिकायतकर्ता हेमा का कहना है कि 13 मई (Fishes Dying In Pond in Daruhi) को उन्होंने डीसी हमीरपुर को इस समस्या की शिकायत दी थी जिसके बाद यहां पर पंचायत प्रतिनिधियों और मत्स्य विभाग की तरफ से समस्या के समाधान के लिए प्रयास किए जा रहे हैं. सीवरेज की गंदगी इस तालाब में मिल रही है जिस वजह से मछलियां मर रही हैं और यहां पर समस्या पेश आ रही है. यह नाला पक्का भरो से आता है और आसपास ही नहीं बल्कि दूर पार के घरों से भी पानी यहां पर गंदगी के रूप में नाले में पहुंच रहा है. स्थानीय हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी एसोसिएशन के पदाधिकारी भी सही ढंग से इस समस्या के समाधान के लिए प्रयास नहीं कर रहे हैं.
पंचायत प्रधान दडूही उषा बिरला का कहना है कि वन विभाग की तरफ से यहां पर चेकडैम में लगाया गया था और इस विषय पर पंचायत के साथ कोई चर्चा नहीं की गई है. पंचायत बिना बजट के प्रावधान के कार्य को यहां पर कर रही है और पानी को बाहर निकालने के बाद मिट्टी को भी तालाब से बाहर निकाला जाएगा. पहले यह दिक्कत पेश नहीं आती थी लेकिन अब पानी का बहाव(Daruhi Housing Board Colony Hamirpur) रुक गया था. हालांकि निकासी के लिए आउटलेट रखा गया था लेकिन उसे भी विभाग की तरफ से 2 महीने तक खोला नहीं गया था. उन्होंने मांग करते हुए कहा कि वन विभाग इस तालाब की पानी की निकासी की व्यवस्था सही ढंग से करे. एक बार तो यहां पर सफाई संभव है लेकिन बार-बार ऐसी समस्या आएगी तो पंचायत वन विभाग की भूमि पर कार्य करने के लिए अधिकृत नहीं है.
हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी एसोसिएशन के सचिव देशराज का कहना है कि बार-बार विभाग के पास शिकायत की जा रही है लेकिन पंचायत और विभाग नोटिस तक ही सीमित है. यहां पर इर्द-गिर्द जो मकान बने हैं उन्हें टीसीपी की तरफ से कोई अनुमति नहीं है. नोटिस के बावजूद यहां पर नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है इस समस्या का स्थाई समाधान जरूरी है.