हमीरपुरः जिला प्रशासन का दावा है कि रेड जोन से हमीरपुर जिला में आने वाले लोगों को संस्थागत संगरोध केंद्रों में रखने के लिए समुचित प्रबंध किए गए हैं और प्राथमिकता के आधार पर इनके नमूने इत्यादि जांच के लिए भेजे जा रहे हैं.
महाराष्ट्र के ठाणे और गुजरात के अहमदाबाद से रेलगाड़ियों में हमीरपुर जिला के लोग वापस आ रहे हैं. इसके दृष्टिगत सभी आवश्यक तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं. जिला में संस्थागत संगरोध स्थलों की क्षमता को बढ़ाया जा रहा है.
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, हमीरपुर के हॉस्टल को भी संस्थागत संगरोध स्थल के लिए चिह्नित किया गया है. यहां पर लगभग 180 बिस्तर क्षमता तैयार कर ली गई है. लोगों को अलग-अलग कमरों में रखने के लिए सभी आवश्यक प्रबंध किए गए हैं. यहां सेवाएं देने वाले कर्मचारियों व अन्य स्टाफ को समुचित प्रशिक्षण दिया गया है.
उपायुक्त हरिकेश मीणा ने कहा कि जिला में हाल ही में कनार्टक से 89 और चेन्नई से 18 लोग पहुंचे हैं. संस्थागत संगरोध के दौरान इनके नमूने इत्यादि लेने के बाद रिपोर्ट नेगेटिव आने पर इन्हें गृह संगरोध के लिए भेज दिया गया है. इसी प्रकार ग्रीन जोन गोआ से आए 72 लोग कड़े गृह संगरोध में रखे गए हैं.
मुंबई से आए 167 और पुणे से लौटे 68 लोगों के नमूने भी जांच के लिए भेजे गए थे. इनमें से जो व्यक्ति संक्रमित पाए गए हैं, उन्हें सेकंडरी और प्राइमरी आइसोलेशन सुविधा स्थलों में उपचार के लिए भेजा दिया गया है.
उपायुक्त हरिकेश मीणा ने कहा कि कोविड-19 संक्रमित व्यक्तियों के उपचार में सभी मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) की अनुपालना की जा रही है. सेकंडरी आइसोलेशन सुविधा स्थल आरसीएच भोटा और जिला कोविड-19 केयर सेंटर, डुग्घा में सभी तरह की सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर कार्य किया जा रहा है.
उपायुक्त ने बताया कि जो 31 लोग हाल ही में संक्रमित पाए गए हैं, उनमें से अधिकांश लोगों की बाहरी राज्यों से ट्रैवल हिस्ट्री रही है. संक्रमित व्यक्तियों के उपचार के लिए स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सक व सहायक स्टाफ दिन-रात कार्य कर रहे हैं.