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सीमेंट और सरिए के बढ़ते दामों से खफा उपभोक्ता संरक्षण संगठन, सरकार को दी ये नसीहत

हिमाचल प्रदेश में लगातार सीमेंट के दाम बढ़ने (cement prices hike in himachal) पर राजनीति तेज हो गई है. हमीरपुर उपभोक्ता संरक्षण संगठन की बैठक में प्रदेश में बढ़ रही सीमेंट की कीमतों पर चिंता (Consumer Protection Organization on cement prices) व्यक्त की गई. उपभोक्ता संरक्षण संगठन की हमीरपुर इकाई अध्यक्ष एडवोकेट सुशील शर्मा ने कहा कि सीमेंट कारखाने हिमाचल में हैं और अन्य राज्यों के मुकाबले यहां पर सीमेंट महंगा स्थानीय लोगों को मिल रहा है.

Consumer Protection Organization on cement prices
हमीरपुर उपभोक्ता संरक्षण संगठन की बैठक.
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Published : Apr 23, 2022, 4:07 PM IST

हमीरपुर: सीमेंट के बढ़ते दामों को लेकर प्रदेश में राजनीति तेज (cement prices hike in himachal) होती जा रही है. हमीरपुर उपभोक्ता संरक्षण संगठन की बैठक में प्रदेश में बढ़ रही सीमेंट की कीमतों पर चिंता (Consumer Protection Organization on cement prices) व्यक्त की गई और सीमेंट के दामों पर प्रदेश सरकार से तुरंग प्रभाव से लगाम लगाने की मांग की गई. इसके साथ ही सरिए की कीमतों पर हुई बेतहाशा वृद्धि पर भी चिंता प्रकट की गई. उपभोक्ता संरक्षण संगठन की हमीरपुर इकाई अध्यक्ष एडवोकेट सुशील शर्मा की अध्यक्षता में हुई बैठक में उपस्थित सदस्यों ने एकमत से कहा कि सीमेंट और सरिए के दाम के बढ़ने से आम जनता पर दोहरी मार पड़ी है तथा सरकार को इस विषय पर गम्भीरता से सोचना पड़ेगा.

उन्होंने कहा कि इन बेतहाशा दामों की वृद्धि से आम जनता और मध्यमवर्ग के लोगों का गृहनिर्माण का सपना दूभर हो गया. इसके साथ ही मुफ्त में बिजली देने का सरकार के फैसले का भी उपभोक्ता संगठन ने विरोध किया है. संगठन ने कहा कि 125 यूनिट माफ करने के सरकार के फैसले से सरकारी उपक्रमों पर बोझ बढ़ेगा, जिसके चलते सरकार को 125 यूनिट से ज्यादा खर्च करने वालों पर बोझ बढ़ाना पड़ेगा. बैठक में जिला प्रशासन से मांग की गई कि हमीरपुर शहर में जहां पर भी अधिक संख्या में लोगों को रोड क्रॉस करना पड़ता है. वहां पर जेब्रा क्राॅसिंग लगाई जाए. इससे आम बच्चों और बजुर्गों को रोड क्राॅसिंग में सुविधा होगी.

अध्यक्ष सुशील शर्मा ने कहा कि सीमेंट कारखाने हिमाचल में (cement factory in himachal) हैं और अन्य राज्यों के मुकाबले यहां पर सीमेंट महंगा स्थानीय लोगों को मिल रहा है. प्रदेश के लोगों ने पर्यावरण की दृष्टि से इन कारखानों के वजह से यहां पर कीमत चुकाई है और पर्यावरण की दूषित हुआ है. कायदे से हिमाचल के लोगों को कम दाम पर सीमेंट उपलब्ध होना चाहिए था, लेकिन इसके विपरीत अन्य राज्यों के मुकाबले अधिक कीमत पर हिमाचल में वसूली जा रही है.

उन्होंने कहा कि, चोर दरवाजे से लगातार दाम बढ़ाए जा रहे हैं और सरकार को इस पर लगाम लगाने की आवश्यकता है. सरिये के दाम बढ़ने से भी आम जनता को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. सरकार को इन वस्तुओं की बढ़ती कीमतों पर नियंत्रण के लिए कदम उठाने चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा 125 यूनिट बिजली फ्री (125 units of electricity free in Himachal) दिए जाने का फैसला भी गलत है.

ये भी पढ़ें: सीमेंट के बढ़ रहे दामों को लेकर सरकार पर भड़के मुकेश अग्निहोत्री, कही ये बात

हमीरपुर: सीमेंट के बढ़ते दामों को लेकर प्रदेश में राजनीति तेज (cement prices hike in himachal) होती जा रही है. हमीरपुर उपभोक्ता संरक्षण संगठन की बैठक में प्रदेश में बढ़ रही सीमेंट की कीमतों पर चिंता (Consumer Protection Organization on cement prices) व्यक्त की गई और सीमेंट के दामों पर प्रदेश सरकार से तुरंग प्रभाव से लगाम लगाने की मांग की गई. इसके साथ ही सरिए की कीमतों पर हुई बेतहाशा वृद्धि पर भी चिंता प्रकट की गई. उपभोक्ता संरक्षण संगठन की हमीरपुर इकाई अध्यक्ष एडवोकेट सुशील शर्मा की अध्यक्षता में हुई बैठक में उपस्थित सदस्यों ने एकमत से कहा कि सीमेंट और सरिए के दाम के बढ़ने से आम जनता पर दोहरी मार पड़ी है तथा सरकार को इस विषय पर गम्भीरता से सोचना पड़ेगा.

उन्होंने कहा कि इन बेतहाशा दामों की वृद्धि से आम जनता और मध्यमवर्ग के लोगों का गृहनिर्माण का सपना दूभर हो गया. इसके साथ ही मुफ्त में बिजली देने का सरकार के फैसले का भी उपभोक्ता संगठन ने विरोध किया है. संगठन ने कहा कि 125 यूनिट माफ करने के सरकार के फैसले से सरकारी उपक्रमों पर बोझ बढ़ेगा, जिसके चलते सरकार को 125 यूनिट से ज्यादा खर्च करने वालों पर बोझ बढ़ाना पड़ेगा. बैठक में जिला प्रशासन से मांग की गई कि हमीरपुर शहर में जहां पर भी अधिक संख्या में लोगों को रोड क्रॉस करना पड़ता है. वहां पर जेब्रा क्राॅसिंग लगाई जाए. इससे आम बच्चों और बजुर्गों को रोड क्राॅसिंग में सुविधा होगी.

अध्यक्ष सुशील शर्मा ने कहा कि सीमेंट कारखाने हिमाचल में (cement factory in himachal) हैं और अन्य राज्यों के मुकाबले यहां पर सीमेंट महंगा स्थानीय लोगों को मिल रहा है. प्रदेश के लोगों ने पर्यावरण की दृष्टि से इन कारखानों के वजह से यहां पर कीमत चुकाई है और पर्यावरण की दूषित हुआ है. कायदे से हिमाचल के लोगों को कम दाम पर सीमेंट उपलब्ध होना चाहिए था, लेकिन इसके विपरीत अन्य राज्यों के मुकाबले अधिक कीमत पर हिमाचल में वसूली जा रही है.

उन्होंने कहा कि, चोर दरवाजे से लगातार दाम बढ़ाए जा रहे हैं और सरकार को इस पर लगाम लगाने की आवश्यकता है. सरिये के दाम बढ़ने से भी आम जनता को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. सरकार को इन वस्तुओं की बढ़ती कीमतों पर नियंत्रण के लिए कदम उठाने चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा 125 यूनिट बिजली फ्री (125 units of electricity free in Himachal) दिए जाने का फैसला भी गलत है.

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