हमीरपुरः नगर परिषद सुजानपुर में कुर्सी के लिए छिड़ी जंग में विकास कार्य पिछड़ गए हैं. कुर्सी के खेल में यहां पर सियासी दांवपेच जारी है. लोगों का कहना है कि जिसके लिए जनता ने प्रतिनिधियों को चुना गया था उन विकास कार्यों की यहां पर बात ही नहीं हो रही है.
ऐसा भी नहीं है कि यहां पर विपक्ष ना हो, लेकिन विपक्ष भी महज जोड़-तोड़ की राजनीति का माध्यम बन चुका है. नगर परिषद सुजानपुर में भाजपा समर्थित पार्षद कुर्सी के लिए लड़ रहे हैं तो वहीं, कांग्रेस के पार्षद इस लड़ाई में तमाशबीन बनकर महज किंग मेकर बनने का श्रेय लेने में जुटे हैं.
पिछले डेढ़ साल से यहां पर विकास कार्य पूरी तरह से ठप हो चुके हैं. विकास की बात करने की बजाय भाजपा और कांग्रेस के पार्षद यहां पर कुर्सी के खेल में ही मशगूल हो गए हैं. कांग्रेस समर्थित पार्षद मनोज ठाकुर से जब इस बारे में बात की गई तो उन्होंने कहा कि भाजपा ने कांग्रेस का समर्थन लेकर पहले भी यहां पर अध्यक्ष की कुर्सी हासिल की थी.
मनोज ठाकुर ने कहा कि पहले अध्यक्ष के लिए भाजपा ने समर्थन मांगा था और अब उपाध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए कांग्रेस के पार्षद भाजपा समर्थित पार्षदों को अपना समर्थन दे रहे हैं. ऐसे में भाजपा समर्थित पार्षद यहां पर कुर्सी के खेल में तो व्यस्त हैं, लेकिन कांग्रेस भी विपक्ष की ठोस भूमिका नहीं निभाते नजर आ रहे है.
वहीं, इस बारे जब भाजपा समर्थित पूर्व नगर परिषद अध्यक्ष अशोक मेहरा से बात की गई तो उनका कहना है कि यहां पर अपनी डफली अपना राग है. ढाई-ढाई साल के सत्ता तय होने के बाद पूर्व अध्यक्ष रमन भटनागर ने तो अपना कार्यकाल पूरा कर लिया, लेकिन उनके 1 साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद ही अविश्वास प्रस्ताव लाया गया.
कुर्सी की चाहत में यहां पर अपना कार्यकाल पूरा होने का रोना रो रहे हैं. विकास कार्यों के प्रति किसी को सरोकार नहीं है. लगभग एक महीना हो चुका है और नगर परिषद सुजानपुर अध्यक्ष की कुर्सी अभी तक खाली है. वहीं, अब उपाध्यक्ष का तख्तापलट भी लगभग तय है.
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