भोरंज/हमीरपुर: भोरंज उपमंडल में शुरू किए एनीमिया रोकथाम पायलट प्रोजेक्ट के तहत आज दस अलग-अलग स्थानों में खून की जांच के लिए आयुष विभाग की तरफ से शिविरों को आयोजन किया गया. इस दौरान बच्चों, किशोरियों और ग्रामीणों के खून की जांच की गई और एनीमिया से बचने के लिये स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा लोगों को जागरूक किया गया.
आयुष अधिकारी ने खून को लेकर दी जानकारी
आयुष अधिकारी सरिता राणा ने कहा कि अगर लोगों ने संतुलित व पौष्टिक आहार पर ध्यान नहीं दिया तो उन्हें एनीमिया का शिकार होना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि मनुष्य के शरीर में आयरन की कमी के कारण हीमोग्लोबिन का बनना सामान्य हो जाता है, जिससे शरीर में खून की कमी हो जाती है और लोगों को एनीमिया हो जाता है. साथ हीक हा कि बच्चों से लेकर हर उम्र के लोग एनीमिया से ग्रस्त हो रहे हैं, लेकिन किशोरावस्था, प्रसव के बाद रजोनिवृत के बीच की आयु में ये समस्या सबसे अधिक देखी जा सकती है.
एनिमिया के लक्षण
- थकान होना
- शरीर का पीला होना
- कमजोरी होना
- सांस लेने में तकलीफ होना
- सीने में दर्द
- चक्कर आना
एनिमिया का उपचार
1.शरीर में लौह तत्वों की पूर्ति के लिए हरी व पत्तेदार सब्जियों का सेवन करना
2. सूखे हुए फल खाना
3. अकुंरित दालें खाना
748 लोगों में से 216 लोग एनीमिक ग्रस्त
आयुर्वेदिक स्वास्थ्य केंद्र लदरौर के प्रभारी डॉ. विजेद्र सिंह ने बताया कि शुक्रवार को आंगनबाड़ी केंद्र खुथड़ी, भौर, तमरोह, समराला, कोहटा, करहा, ग्राम पंचायत पपलाह, महल, आयुर्वेदिक स्वास्थ्य केंद्र चौंतड़ा च हनोह में 748 लोगों के खून की जांच की गई है. जिसमें 216 लोग एनीमिक ग्रस्त पाए गए हैं. हालांकि उन्हें निशुल्क दवाईयां दी गई. साथ ही कहा कि ग्राम पंचायत हनोह में शिविर का आयोजन किया गया, जहां 99 में से 20 महिलाओं में खून की कमी पाई गई.
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