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कड़ाके की ठंड में बढ़े हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक के मामले, मरीजों में 35 साल के युवा भी शामिल - मेडिकल कॉलेज हमीरपुर के मेडिसन विशेषज्ञ

हमीरपुर में सर्द मौसम के चलते मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल हमीरपुर में हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक के मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है.

heart attack cases increased in hamirpur
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Published : Dec 17, 2019, 5:20 PM IST

हमीरपुरः प्रदेशभर में इन दिनों कड़ाके की ठंड पड़ रही है. जिला हमीरपुर में भी सर्दी कहर बरपा रही है. सर्द मौसम के चलते मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल हमीरपुर में हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक के मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है.

सालभर की अपेक्षा दिसंबर महीने में दिल के दौरे और स्ट्रोक की अधिक शिकायत लोगों को पेश आ रही है. मेडिकल कॉलेज हमीरपुर में भी एक सप्ताह में हार्ट अटैक के आठ मरीज आए हैं. इनमें 35 साल के युवा भी शामिल हैं.

मेडिकल कॉलेज में ब्रेन स्ट्रोक के भी दो मरीज आए हैं. चिकित्सकों के अनुसार ठंड के कारण खून के थक्के जमने से इन दिनों यह समस्या अधिक आती है. ऐसे में लोगों को सावधानी बरतने के साथ-साथ अपने ब्लड प्रेशर और शुगर को भी नियंत्रण में रखना चाहिए.

चिकित्सकों के अनुसार बीपी और शुगर के मरीजों में इन दिनों दिल का दौरा पड़ने का अधिक डर रहता है. चिकित्सकों का कहना है कि सुबह तीन से सात बजे तक दिल का दौरा पड़ने का अधिक डर रहता है. चिकित्सकों ने हार्ट अटैक से बचने के लिए खान-पान को उचित रखने और धूम्रपान और मदिरा पान का सेवन न करने की सलाह दी है.

वहीं, मेडिकल कॉलेज हमीरपुर में दिल का दौरा पड़ने के बाद जो लोग उपचार के लिए आते हैं, उन्हें यहां एंजियोग्राफी की सुविधा नहीं मिलती है. एंजियोग्राफी के लिए मरीजों को पीजीआई चंडीगढ़, आईजीएमसी शिमला या मेडिकल कॉलेज टांडा रेफर करना पड़ता है.

वीडियो.

मेडिकल कॉलेज हमीरपुर के मेडिसन विशेषज्ञ डॉ. बावेश बरवाल का कहना है कि इन दिनों वर्षभर की तुलना में हार्ट अटैक और स्ट्रोक के अधिक मरीज आते हैं. मेडिकल कॉलेज हमीरपुर में भी अपेक्षाकृत वर्तमान में अधिक मरीज आए हैं. जिनका उपचार किया गया है और गंभीर रोगियों को रेफर किया गया है.

विशेषज्ञ डॉ. बावेश बरवाल ने लोगों से सावधानी के साथ ही खान-पान उचित ध्यान रखने की अपील की है. उन्होंने कहा कि सीने में दर्द होने पर कुछ लोग गेस्टिक की दर्द समझकर चिकित्सक को नहीं दिखाते हैं, इस कारण कई बार उपचार में देरी हो जाती है.

क्या हैं लक्ष्ण

दिल का दौरा पड़ते समय सीने में दर्द, सांस लेने में दिक्कत, दर्द बाएं बाजू से गर्दन की ओर जाता है, पसीना आना, असहज महसूस करना. ये लक्ष्ण दिखने पर तुरंत डॉक्टर को जांच करवाएं.

बचाव के उपाय

धूम्रपान और मदिरापान न करें, अधिक नमक और तेलीय भोजन न करें, बीपी शुगर और मोटापे को नियंत्रित रखें. नियमित व्यायाम करें और शारीरिक गतिविधि करें, तनाव से दूर रहें.

ये भी पढ़ें- पहाड़ी लोग इस अंदाज में बनाते हैं हिमाचली 'बिरयानी', देसी घी के साथ लगती है और भी टेस्टी

हमीरपुरः प्रदेशभर में इन दिनों कड़ाके की ठंड पड़ रही है. जिला हमीरपुर में भी सर्दी कहर बरपा रही है. सर्द मौसम के चलते मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल हमीरपुर में हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक के मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है.

सालभर की अपेक्षा दिसंबर महीने में दिल के दौरे और स्ट्रोक की अधिक शिकायत लोगों को पेश आ रही है. मेडिकल कॉलेज हमीरपुर में भी एक सप्ताह में हार्ट अटैक के आठ मरीज आए हैं. इनमें 35 साल के युवा भी शामिल हैं.

मेडिकल कॉलेज में ब्रेन स्ट्रोक के भी दो मरीज आए हैं. चिकित्सकों के अनुसार ठंड के कारण खून के थक्के जमने से इन दिनों यह समस्या अधिक आती है. ऐसे में लोगों को सावधानी बरतने के साथ-साथ अपने ब्लड प्रेशर और शुगर को भी नियंत्रण में रखना चाहिए.

चिकित्सकों के अनुसार बीपी और शुगर के मरीजों में इन दिनों दिल का दौरा पड़ने का अधिक डर रहता है. चिकित्सकों का कहना है कि सुबह तीन से सात बजे तक दिल का दौरा पड़ने का अधिक डर रहता है. चिकित्सकों ने हार्ट अटैक से बचने के लिए खान-पान को उचित रखने और धूम्रपान और मदिरा पान का सेवन न करने की सलाह दी है.

वहीं, मेडिकल कॉलेज हमीरपुर में दिल का दौरा पड़ने के बाद जो लोग उपचार के लिए आते हैं, उन्हें यहां एंजियोग्राफी की सुविधा नहीं मिलती है. एंजियोग्राफी के लिए मरीजों को पीजीआई चंडीगढ़, आईजीएमसी शिमला या मेडिकल कॉलेज टांडा रेफर करना पड़ता है.

वीडियो.

मेडिकल कॉलेज हमीरपुर के मेडिसन विशेषज्ञ डॉ. बावेश बरवाल का कहना है कि इन दिनों वर्षभर की तुलना में हार्ट अटैक और स्ट्रोक के अधिक मरीज आते हैं. मेडिकल कॉलेज हमीरपुर में भी अपेक्षाकृत वर्तमान में अधिक मरीज आए हैं. जिनका उपचार किया गया है और गंभीर रोगियों को रेफर किया गया है.

विशेषज्ञ डॉ. बावेश बरवाल ने लोगों से सावधानी के साथ ही खान-पान उचित ध्यान रखने की अपील की है. उन्होंने कहा कि सीने में दर्द होने पर कुछ लोग गेस्टिक की दर्द समझकर चिकित्सक को नहीं दिखाते हैं, इस कारण कई बार उपचार में देरी हो जाती है.

क्या हैं लक्ष्ण

दिल का दौरा पड़ते समय सीने में दर्द, सांस लेने में दिक्कत, दर्द बाएं बाजू से गर्दन की ओर जाता है, पसीना आना, असहज महसूस करना. ये लक्ष्ण दिखने पर तुरंत डॉक्टर को जांच करवाएं.

बचाव के उपाय

धूम्रपान और मदिरापान न करें, अधिक नमक और तेलीय भोजन न करें, बीपी शुगर और मोटापे को नियंत्रित रखें. नियमित व्यायाम करें और शारीरिक गतिविधि करें, तनाव से दूर रहें.

ये भी पढ़ें- पहाड़ी लोग इस अंदाज में बनाते हैं हिमाचली 'बिरयानी', देसी घी के साथ लगती है और भी टेस्टी

Intro:प्रचंड सर्दी के मौसम में हमीरपुर जिला में एकाएक बढ़ गए हार्ड अटैक और ब्रेन स्ट्रोक के मामले
हमीरपुर.
जिला हमीरपुर में प्रचंड सर्दी के मौसम के चलते मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल हमीरपुर में हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक के मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। वर्ष भर की अपेक्षा दिसंबर माह में दिल के दौरे और स्ट्रोक की अधिक शिकायत लोगों को पेश आ रही है। मेडिकल कॉलेज हमीरपुर में भी एक सप्ताह में हार्ट अटैक के आठ मरीज आए हैं। इनमें 35 से 45 वर्ष के युवा भी शामिल हैं। मेडिकल कॉलेज में ब्रेन स्ट्रोक के भी दो मरीज आए हैं। चिकित्सकों के अनुसार ठंड के कारण खून के थक्के जमने से इन दिनों यह समस्या अधिक आती है। ऐसे में लोगों को सावधानी बरतने के साथ-साथ अपने ब्लड प्रेशर और शुगर को भी नियंत्रण में रखना पड़ेगा। चिकित्सकों के अनुसार बीपी और शुगर के मरीजों में दिल का दौरा पड़ने का अधिक डर रहता है।





Body:चिकित्सकों का कहना है कि सुबह तीन से सात बजे तक दिल का दौरान पड़ने का अधिक डर रहता है। चिकित्सकों ने हार्ट अटैक से बचने के लिए खान-पान को उचित रखने और धूम्रपान तथा मदिरा पान का सेवन न करने की सलाह दी है।
वहीं, मेडिकल कॉलेज हमीरपुर में दिल का दौरा पड़ने के बाद जो लोग उपचार के लिए आते हैं, उन्हें यहां एंजियोग्राफी की सुविधा नहीं मिलती है। एंजियोग्राफी के लिए मरीजों को पीजीआई चंडीगढ़, आईजीएमसी शिमला या मेडिकल कॉलेज टांडा रेफर करना पड़ता है। मेडिकल कॉलेज हमीरपुर के मेडिसन विशेषज्ञ डॉ. बावेश बरवाल का कहना है कि इन दिनों वर्षभर की तुलना में हार्ट अटैक और स्ट्रोक के अधिक मरीज आते हैं। मेडिकल कॉलेज हमीरपुर में भी अपेक्षाकृत वर्तमान में अधिक मरीज आए हैं। जिनका उपचार किया गया है और गंभीर रोगियों को रेफर किया गया है। उन्होंने लोगों से सावधानी के साथ-साथ खान-पान उचित ध्यान रखने की अपील की है। उन्होंने कहा कि सीने में दर्द होने पर कुछ लोग गेस्टिक की दर्द समझकर चिकित्सक को नहीं दिखाते हैं, इस कारण कई बार उपचार में देरी हो जाती है।


Conclusion:
क्या हैं लक्षण
दिल का दौरा पड़ते समय सीने में दर्द, दर्द बायें बाजू से गर्दन की ओर जाती है, सांस लेने में दिक्कत, पसीना आना, असहज महसूस करना आदि।

बचाव के उपाय
धूम्रपान और मदिरापान न करें, अधिक नमक और तेलीय भोजन न करें, बीपी शुगर और मोटापे को नियंत्रित रखें। नियमित व्यायाम करें और शारीरिक गतिविधि करें, तनाव से दूर रहेें। ये लक्षण दिखने पर तुरंत चिकित्सक से जांच करवाएं।  

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