हमीरपुर: राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान हमीरपुर (National Institute of Technology Hamirpur) में पत्र बम के माध्यम से सनसनी फैलाने वाले कॉन्ट्रैक्ट पर सेवारत असिस्टेंट प्रोफेसर (ग्रेड-2) पर सस्पेंशन की गाज गिरी है. जांच कमेटी की रिपोर्ट के बाद बीओजी ने इस असिस्टेंट प्रोफेसर को सस्पेंड करने के निर्देश दिए हैं. अब इसे फिलहाल लाइब्रेरी में लगा दिया गया है.
जानकारी के मुताबिक मार्च महीने में ई-मेल और व्हाट्सएप के माध्यम से एनआईटी हमीरपुर के खिलाफ एक पत्र बम जारी किया गया था. इसमें भेजने वाले का कोई नाम पता या कॉन्टैक्ट नहीं था केवल एनआईटी प्रबंधन के खिलाफ बेतुके आरोप लगाए गए थे और संस्थान के खिलाफ सनसनी फैलाई गई थी. इस पत्र बम को मीडिया में भी जारी किया गया था. एनआईटी के कार्यकारी डायरेक्टर प्रो. ललित अवस्थी ने संस्थान को बदनाम करने वाले ऐसे लोगों का पता लगाने के लिए एक जांच टीम का गठन किया था.
बता दें कि व्हाट्सएप के माध्यम से जो पत्र बम सर्कुलेट हुआ था, उसके माध्यम से जांच टीम ने पत्र बम जारी करने वाले का पता लगाया. इसमें पाया गया कि संस्थान के ही असिस्टेंट प्रोफेसर ग्रेड-2 ने यह पत्र जारी किया था. जांच कमेटी ने रिपोर्ट बीओजी को सौंपी. जिसके बाद असिस्टेंट प्रोफेसर को सस्पेंड (assistant professor suspend) कर दिया गया. गौर रहे कि एनआईटी से बर्खास्त किए गए संस्थान के पूर्व डायरेक्टर प्रो. विनोद यादव ने अपने कार्यकाल में मनमाने तरीके से एक साथ काफी संख्या में रेगुलर भर्तियां की थीं, जिसमें उन्होंने अपने गृह प्रदेश से काफी लोगों को नियुक्ति दी थी जो कि योग्यता भी पूरी नहीं करते थे.
बाद में जांच के दौरान पाया गया कि यह भर्ती नियमों के विपरीत की गई थी, जिसके बाद इन्हें रेगुलर से कॉन्ट्रैक्ट पर लाया गया. पत्र बम जारी करने वाला असिस्टेंट प्रोफेसर भी उसी भर्ती का हिस्सा है. इस भर्ती की जांच भी फैक्ट फाइंडिंग कमेटी (fact finding committee) कर रही है.
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