कांगड़ा: हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. सुरेश कुमार सोनी ने मंगलवार को बताया कि हिमाचल प्रदेश में संस्कृत भाषा को दूसरी राजभाषा का दर्जा प्रदान किया गया है और अब प्रदेश सरकार संस्कृत विषय को कक्षा तीसरी से पांचवीं तक लागू करने पर विचार कर रही है. इसके अलावा विद्यार्थियों में गणित विषय के भय को समाप्त करने के लिए कक्षा छठी से वैदिक गणित विषय को लागू करने पर भी विचार किया जा रहा है.
दरअसल, डॉ. सुरेश कुमार सोनी संस्कृत और वैदिक गणित विषय के पाठ्यक्रम की समीक्षा बारे बोर्ड परिसर में आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला के दौरान बोल रहे थे. डॉ. सुरेश कुमार सोनी ने कार्यशाला में (Workshop on new syllabus of HPBOSE) उपस्थित संस्कृत और वैदिक गणित विषय विशेषज्ञों को कक्षा तीसरी से पांचवी कक्षा के लिए संस्कृत विषय व कक्षा छठी से दसवीं के लिए वैदिक गणित विषय को पाठ्य पुस्तकों में सम्मलित करने के लिए पाठ्यक्रम तैयार करने के बारे में आग्रह किया कि यह पाठ्यक्रम ऐसा होना चाहिए जिससे विद्यार्थी अतिरिक्त बोझ न समझें.
उन्होंने बताया कि (Chairman of HPBOSE on new syllabus) कार्याशाला में विषय विशेषज्ञों ने सारगर्भित और ज्ञानवर्धक सुझाव दिये हैं. तीसरी और चौथी कक्षा में संस्कृत विषय की मौखिक परीक्षा ली जाए और पांचवी कक्षा में लिखित परीक्षा ली जाए. वैदिक गणित के 16 सूत्रों से प्रतियोगी परीक्षा में गणित विषय से सम्बन्धित प्रश्नों को आसानी से हल कर सकेंगें. विषय विशेषज्ञों से प्राप्त सुझावों पर गहनता से विचार मन्थन किया जायेगा. प्राप्त सुझावों को सरकार के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा. उसके बाद ही प्राप्त सुझावों को (Workshop on new syllabus of HPBOSE ) कार्यान्वित रूप प्रदान किया जायेगा.
इस कार्याशाला में संस्कृत विषय के विशेषज्ञ देश राज शर्मा, निर्देशक एसडीएसवीएम तलवाड़ा टाउनशिप पंजाब, ओम प्रकाश, सहायक आचार्य राजकीय महाविद्यालय शिमला, नरेन्द्र कुमार संस्कृत भारती विवेकानन्द केन्द्र शिमला, ओंकार चन्द राजकीय संस्कृत महाविद्यालय शिमला रा.व.मा. विद्यालय राख कांगडा, रा.व.मा. विद्यालय चण्डी जिला सोलन, गिरीराज, रा० उच्च पाठशाला वडोल कांगड़ा तथा वैदिक गणित के विषय विशेषज्ञ गोपाल दास जीआमएस भदारवानी मंडी ने भाग लिया.
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