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foreign birds in Kangra: मेहमानों की सुरक्षा को लेकर सख्ती, इसलिए इतनी टीमें की गई गठित - कांगड़ा की ताजा खबरें

वन्य प्राणी एवं संरक्षण विभाग विदेशी मेहमानों की सुरक्षा के लिए विभाग पूरी तरह मुस्तैद और प्रवासी पक्षियों का अवैध रूप से शिकार नहीं होने दिया जाएगा. यह बात के डीएफओ राहुल राहणे ने कही.वहीं, सरहदों की बंदिशों से अनजान विदेशी परिंदे प्रदेश की झीलों और जलाशयों के मुहानों पर पहुंचकर चहचहाने (Foreign birds reached Himachal)लगे हैं.वन्यप्राणी विंग की टीमों का गठन किया गया,ताकि (Wildlife Wing formed in Kangra) पाक्षिक गणना की जा सके.

foreign birds in Kangra
मेहमानों की सुरक्षा को लेकर सख्ती
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Published : Dec 22, 2021, 3:31 PM IST

धर्मशाला : वन्य प्राणी एवं संरक्षण विभाग के डीएफओ राहुल राहणे ने बताया कि विदेशी मेहमानों की सुरक्षा के लिए विभाग पूरी तरह मुस्तैद और प्रवासी पक्षियों का अवैध रूप से शिकार नहीं होने दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि ऐसा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. साइबेरिया और ट्रांस हिमालयी क्षेत्रों चीन, मध्य एशियाई, तिब्बत के साथ-साथ दूसरे कई देशों में जब अत्यधिक ठंड के कारण झीलों व तालाबों का पानी जम जाता है, तो कई विदेशी मेहमान परिंदे हजारों किलोमीटर की यात्रा कर हिमाचल प्रदेश आते हैं. फरवरी-मार्च में जब यहां गर्मी शुरू होती तो पक्षी दोबारा लौट जाते है.

सरहदों की बंदिशों से अनजान विदेशी परिंदे प्रदेश की झीलों और जलाशयों के मुहानों पर पहुंचकर चहचहाने (Foreign birds reached Himachal)लगे .सूबे की पौंग झील में भी हजारों विदेशी परिंदे पहुंच चुके. प्रदेश की गोबिंदसागर झील, पंडोह डैम, सतलुज नंगल डैम झील सहित दूसरी झीलों में भी हजारों विदेशी परिंदों ने दस्तक दी. प्रदेश की वेटलैंड पौंग झील (महारणा प्रताप सागर झील पौंग बांध) में वन्य प्राणी एवं संरक्षण विभाग की पाक्षिक गणना में पौंग झील में 88 प्रजातियों के 69 हजार 189 प्रवासी पक्षी पहुंचे. हर माह दो बार होने वाली पाक्षिक गणना के लिए वन्यप्राणी विंग ने 15 टीमों का गठन किया गया है.

वन्यप्राणी विंग की टीम ने (Wildlife Wing formed in Kangra) दो दिन पहले ही पौंग झील में प्रवासी पक्षियों की पाक्षिक गणना (Counting of exotic birds in Himachal)की, इसमें इस साल पहुंची प्रजातियों में बार-हेडेड गीज 27139, कामन कूट 12867, नार्दर्न पिंटेल 5291, कामन टिल 4445, कामन पोचार्ड 4229, लिटल कर्मोनेंट 3339, रूडी शेल डकआ 1654, गड वाल 1118, स्पाट बिल्ड डक 948, रशियन विजन 594, वार्न स्वेल्लो 425, नॉर्दन शावलर 423, कॉमन मूर हेन 420, ब्लैक हेडेड गुल्ल 387, ब्लैक विंग्ड स्टिल्ट 371, पर्पल मूर 370, रिवर टर्न 341, रिवर लैप विंग 269, ग्रेट कर्मोनेंट 268 व लिटल ग्रेब 253 प्रवासी पक्षी पौंग झील में पहुंचे.

इनके अलावा भी कई दूसरी प्रजातियों के सैकड़ों पक्षी भी पौंग झील में पहुंचे. बताया जा रहा है कि 2019-2020 में लगभग 96 प्रजातियों के 108578 पक्षी पौंग में पहुंचे थे . वर्ष 2018-2019 में प्रवासी पक्षियों की संख्या 1,15,229 लाख रही थी .वर्ष 2017-18 में 62 प्रजातियों के प्रवासी पक्षियों की संख्या 1,10,203 लाख थी.

ये भी पढ़ें : कौल सिंह का बीजेपी पर हमला, 2022 में तीन चौथाई बहुमत के साथ सरकार बनाने का दावा


धर्मशाला : वन्य प्राणी एवं संरक्षण विभाग के डीएफओ राहुल राहणे ने बताया कि विदेशी मेहमानों की सुरक्षा के लिए विभाग पूरी तरह मुस्तैद और प्रवासी पक्षियों का अवैध रूप से शिकार नहीं होने दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि ऐसा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. साइबेरिया और ट्रांस हिमालयी क्षेत्रों चीन, मध्य एशियाई, तिब्बत के साथ-साथ दूसरे कई देशों में जब अत्यधिक ठंड के कारण झीलों व तालाबों का पानी जम जाता है, तो कई विदेशी मेहमान परिंदे हजारों किलोमीटर की यात्रा कर हिमाचल प्रदेश आते हैं. फरवरी-मार्च में जब यहां गर्मी शुरू होती तो पक्षी दोबारा लौट जाते है.

सरहदों की बंदिशों से अनजान विदेशी परिंदे प्रदेश की झीलों और जलाशयों के मुहानों पर पहुंचकर चहचहाने (Foreign birds reached Himachal)लगे .सूबे की पौंग झील में भी हजारों विदेशी परिंदे पहुंच चुके. प्रदेश की गोबिंदसागर झील, पंडोह डैम, सतलुज नंगल डैम झील सहित दूसरी झीलों में भी हजारों विदेशी परिंदों ने दस्तक दी. प्रदेश की वेटलैंड पौंग झील (महारणा प्रताप सागर झील पौंग बांध) में वन्य प्राणी एवं संरक्षण विभाग की पाक्षिक गणना में पौंग झील में 88 प्रजातियों के 69 हजार 189 प्रवासी पक्षी पहुंचे. हर माह दो बार होने वाली पाक्षिक गणना के लिए वन्यप्राणी विंग ने 15 टीमों का गठन किया गया है.

वन्यप्राणी विंग की टीम ने (Wildlife Wing formed in Kangra) दो दिन पहले ही पौंग झील में प्रवासी पक्षियों की पाक्षिक गणना (Counting of exotic birds in Himachal)की, इसमें इस साल पहुंची प्रजातियों में बार-हेडेड गीज 27139, कामन कूट 12867, नार्दर्न पिंटेल 5291, कामन टिल 4445, कामन पोचार्ड 4229, लिटल कर्मोनेंट 3339, रूडी शेल डकआ 1654, गड वाल 1118, स्पाट बिल्ड डक 948, रशियन विजन 594, वार्न स्वेल्लो 425, नॉर्दन शावलर 423, कॉमन मूर हेन 420, ब्लैक हेडेड गुल्ल 387, ब्लैक विंग्ड स्टिल्ट 371, पर्पल मूर 370, रिवर टर्न 341, रिवर लैप विंग 269, ग्रेट कर्मोनेंट 268 व लिटल ग्रेब 253 प्रवासी पक्षी पौंग झील में पहुंचे.

इनके अलावा भी कई दूसरी प्रजातियों के सैकड़ों पक्षी भी पौंग झील में पहुंचे. बताया जा रहा है कि 2019-2020 में लगभग 96 प्रजातियों के 108578 पक्षी पौंग में पहुंचे थे . वर्ष 2018-2019 में प्रवासी पक्षियों की संख्या 1,15,229 लाख रही थी .वर्ष 2017-18 में 62 प्रजातियों के प्रवासी पक्षियों की संख्या 1,10,203 लाख थी.

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