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पुलवामा हमले की दूसरी बरसी: आतंकी हमले में हिमाचल के तिलक राज ने पाई थी शहादत

14 फरवरी का दिन इतिहास में जम्मू कश्मीर की एक दुखद घटना के साथ दर्ज है. 14 फरवरी 2019 को पुलवामा में हुए आतंकी हमले में 40 जवानों की एक साथ शहीद होने की सूचना के बाद पूरा देश गमहीन हो गया था. पुलवामा हमले में कांगड़ा जला के उपमंडल जवाली के तहत धेना गांव के तिलक राज भी शहीद हुए थे. शहादत को सलाम करते हुए प्रदेश सरकार ने तत्काल प्रभाव से तिलक राज की पत्नी सावित्री देवी को सब तहसील कार्यालय हारचक्कियां में लिपिक पद पर नौकरी दी है.

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पुलवामा आतंकी हमले में तिलक राज शहीद
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Published : Feb 14, 2021, 8:10 PM IST

कांगड़ाः 14 फरवरी का दिन इतिहास में एक दुखद घटना के साथ दर्ज है. आतंकवादियों ने इस दिन सुरक्षाकर्मियों पर कायराना हमले के लिए चुना. 14 फरवरी 2019 को पुलवामा में हुए आतंकी हमले में 40 जवानों की एक साथ शहीद होने की सूचना के बाद पूरा देश गमहीन हो गया था.

पुलवामा हमले में कांगड़ा जला के उपमंडल जवाली के तहत धेना गांव के तिलक राज भी शहीद हुए थे. शहादत को सलाम करते हुए प्रदेश सरकार ने तत्काल प्रभाव से तिलक राज की पत्नी सावित्री देवी को सब तहसील कार्यालय हारचक्कियां में लिपिक पद पर नौकरी दी है. सरकार ने 2019 में ही सावित्री देवी को नौकरी पर तैनात कर दिया था. इसके अलावा परिजनों को आर्थिक सहायता भी प्रदान की है. अब तिलक राज के गांव के हाई स्कूल धेवा को उनका नाम देने के लिए प्रक्रिया शुरू हो चुकी है.

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पुलवामा आतंकी हमले में तिलक राज शहीद

कोरोना के कारण रूका काम

प्रशासन ने स्कूल का नाम शहीद तिलक राज के नाम पर रखने के लिए शिक्षा निदेशालय और प्रदेश सरकार को प्रस्ताव भेजा है. कोरोना के कारण स्कूल का नाम बदलने की प्रक्रिया रूक गई थी. अब स्थितियां सामान्य हो रही हैं, तो शीघ्र स्कूल का नाम भी बदल दिया जाएगा.

कौन थे तिलक राज

तिलक राज का जन्म 2 मई, 1988 को हुआ था. उनके पिता लायक राज मजदूरी करते हैं और माता विमला देवी गृहिणी हैं. प्रारंभिक शिक्षा राजकीय प्राथमिक पाठशाला धेवा में हुई थी. स्कूल घर से डेढ़ किलोमीटर दूर था और वह हर रोज पैदल ही स्कूल जाते थे.

खेलकूद के शौकिन

दसवीं की पढ़ाई घर से छह किलोमीटर दूर राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला परगोड़ा से की थी. तिलक राज पढ़ाई के साथ-साथ खेलकूद में भी शौक रखते थे. गरीबी के कारण 10वीं के बाद की पढ़ाई नहीं कर पाए थे. उन्होंने जवाली में तीन साल फोटोग्राफी का काम सीखा और फिर दुकान खोली थी. कबड्डी की राज्यस्तरीय प्रतियोगिता में भी हिस्सा लिया था.

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लोकगायक भी थे तिलक राज

लोकगायक भी थे तिलक राज

कबड्डी खिलाड़ी होने के साथ-साथ लोकगायक भी थे. उन्होंने सिड्डू शराबी, नीलमा गद्दण व मेरी मोनिका जैसे हिट गाने गाए थे. इन गानों को 'यू ट्यूब' पर लाखों लोगों ने इन गानों को सुना है. तिलक राज को इन गानों के माध्यम से आज भी लोग याद करते हैं.

ये भी पढ़ेंः पुलवामा आतंकी हमले की दूसरी बरसी, आतंकियों के नापाक इरादों से उजड़े कई परिवार

कांगड़ाः 14 फरवरी का दिन इतिहास में एक दुखद घटना के साथ दर्ज है. आतंकवादियों ने इस दिन सुरक्षाकर्मियों पर कायराना हमले के लिए चुना. 14 फरवरी 2019 को पुलवामा में हुए आतंकी हमले में 40 जवानों की एक साथ शहीद होने की सूचना के बाद पूरा देश गमहीन हो गया था.

पुलवामा हमले में कांगड़ा जला के उपमंडल जवाली के तहत धेना गांव के तिलक राज भी शहीद हुए थे. शहादत को सलाम करते हुए प्रदेश सरकार ने तत्काल प्रभाव से तिलक राज की पत्नी सावित्री देवी को सब तहसील कार्यालय हारचक्कियां में लिपिक पद पर नौकरी दी है. सरकार ने 2019 में ही सावित्री देवी को नौकरी पर तैनात कर दिया था. इसके अलावा परिजनों को आर्थिक सहायता भी प्रदान की है. अब तिलक राज के गांव के हाई स्कूल धेवा को उनका नाम देने के लिए प्रक्रिया शुरू हो चुकी है.

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पुलवामा आतंकी हमले में तिलक राज शहीद

कोरोना के कारण रूका काम

प्रशासन ने स्कूल का नाम शहीद तिलक राज के नाम पर रखने के लिए शिक्षा निदेशालय और प्रदेश सरकार को प्रस्ताव भेजा है. कोरोना के कारण स्कूल का नाम बदलने की प्रक्रिया रूक गई थी. अब स्थितियां सामान्य हो रही हैं, तो शीघ्र स्कूल का नाम भी बदल दिया जाएगा.

कौन थे तिलक राज

तिलक राज का जन्म 2 मई, 1988 को हुआ था. उनके पिता लायक राज मजदूरी करते हैं और माता विमला देवी गृहिणी हैं. प्रारंभिक शिक्षा राजकीय प्राथमिक पाठशाला धेवा में हुई थी. स्कूल घर से डेढ़ किलोमीटर दूर था और वह हर रोज पैदल ही स्कूल जाते थे.

खेलकूद के शौकिन

दसवीं की पढ़ाई घर से छह किलोमीटर दूर राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला परगोड़ा से की थी. तिलक राज पढ़ाई के साथ-साथ खेलकूद में भी शौक रखते थे. गरीबी के कारण 10वीं के बाद की पढ़ाई नहीं कर पाए थे. उन्होंने जवाली में तीन साल फोटोग्राफी का काम सीखा और फिर दुकान खोली थी. कबड्डी की राज्यस्तरीय प्रतियोगिता में भी हिस्सा लिया था.

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लोकगायक भी थे तिलक राज

लोकगायक भी थे तिलक राज

कबड्डी खिलाड़ी होने के साथ-साथ लोकगायक भी थे. उन्होंने सिड्डू शराबी, नीलमा गद्दण व मेरी मोनिका जैसे हिट गाने गाए थे. इन गानों को 'यू ट्यूब' पर लाखों लोगों ने इन गानों को सुना है. तिलक राज को इन गानों के माध्यम से आज भी लोग याद करते हैं.

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