कांगड़ा: हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा खनन को लेकर जारी अधिसूचना के विरोध में सैकड़ों ट्रक-टिप्पर संचालक हड़ताल पर चले गए हैं. टिप्पर ऑपरेटर सड़क के दोनों ओर अपनी गाड़ियां खड़ी कर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. पिछले एक सप्ताह से हड़ताल पर बैठे इन लोगों से सरकार का कोई भी नुमाइंदा अभी तक नहीं मिला है.
इस हड़ताल के कारण जिले भर में रेत बजरी की सप्लाई भी बाधित है, जिससे निर्माण कार्य प्रभावित हो रहे हैं. टिप्पर वेलफेयर एसोसिएशन के बैनर तले चल रहे इस आंदोलन को कांग्रेस ने समर्थन दिया है. एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष अश्विनी शर्मा ने बताया कि अधिसूचना के तहत ओवरलोडिंग पर आरसी रद्द करने का प्रावधान किया गया है और अवैध खनन सामग्री ले जाने पर भी ट्रक टिप्पर की आरसी रद्द करने के निर्देश दिए हैं.
एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष अश्विनी शर्मा ने कहा कि अवैध खनन पर ट्रक टिप्पर की आरसी रद्द करना तर्कसंगत नहीं है. उन्होंने कहा कि सरकार की खनन नीति सही नहीं है. सरकार टिप्पर, क्रेशर, ठेकेदारों व सरकारी अधिकारियों की संयुक्त रूप से एक कमेटी बनाए और नए सिरे से खनन को लेकर ऐसी नीति बनाई जाए जो सरकार के साथ आमजन के हित में हो.
एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष अश्विनी शर्मा ने कहा कि सरकार इस अधिसूचना को तुरंत प्रभाव से रद्द करें अन्यथा ट्रक-टिप्पर संचालक बड़ा आंदोलन करेंगे. उन्होंने बताया कि इस मामले को लेकर बुधवार को जिला प्रशासन के समक्ष अपनी बात रखी जाएगी. इस अधिसूचना को रद्द नहीं किया गया तो सभी ट्रक टिप्पर और ट्रैक्टर चालक अपनी गाड़ियों की चाबियां उपायुक्त कार्यालय में सौंप देंगे.
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