धर्मशाला: गर्मियों का मौसम है, ऐसे में मैदानी क्षेत्रों के पर्यटकों को धर्मशाला पर्यटन नगरी की करेरी लेक पर्यटकों को आकर्षित कर रही है. मैदानी क्षेत्रों में जहां कड़कती गर्मी पड़ रही है वहीं, पर्यटक करेरी पहुंचकर सुकून महसूस कर रहे हैं. करेरी लेक ऐसा स्थल है, जहां गर्मियों में भी गर्म कपड़ों की जरूरत पड़ ही जाती है. शायद यह भी एक वजह है कि मैदानी क्षेत्रों में पर्यटक मैक्लोडगंज के बजाय करेरी की ओर रुख कर रहे हैं. मैदानी क्षेत्रों में जहां तापमान 40 डिग्री से ऊपर जा रहा है वहीं, करेरी में काफी कम तापमान में पर्यटक घूमने का आनंद ले रहे हैं.
गर्मियों में पर्यटक स्थलों के भ्रमण का जिक्र हो और तो धर्मशाला में सबसे पहले करेरी का ही ख्याल आता है. पंजाब, चंडीगढ़ व दिल्ली के पर्यटक धर्मशाला भ्रमण के दौरान करेरी लेक के दौरे को तरजीह दे रहे हैं. पर्यटकों की मानें तो धर्मशाला पहुंचते ही यहां की वादियां और शांत माहौल सुकून देता है, लेकिन जब करेरी पहुंचे तो अलग ही आनंद की अनुभूति होती है. करेरी लेक पहुंची पर्यटक प्रियंका का कहना था कि यहां मौसम बहुत अच्छा है चंडीगढ़ और पंजाब में काफी गर्मी है, लेकिन यहां की वादियां और मौसम अच्छे हैं. करेरी में आकर तो पता ही नहीं चल रहा है कि गर्मियों का मौसम है.
उन्होंने बताया कि अभी करेरी लेक आए हैं, इसके बाद (Kareri Lake Dharamshala) मैक्लोडगंज, डल लेक, भागसूनाग और धर्मकोट घूमने का भी कार्यक्रम है. पर्यटक गुरप्रीत का कहना था कि गर्मियों में यहां आना अच्छी अनुभूति है. घूमने के लिए करेरी लेक बेस्ट प्लेस है. उन्होंने बताया कि पूर्व क्रिकेट स्टार सचिन तेंदुलकर भी यहां आ चुके हैं. मैदानी क्षेत्रों में खासी गर्मी पड़ रही है, लेकिन करेरी में आकर सुकून मिला है. उन्होंने बताया कि करेरी लेक पहुंचने पर उन्हें ठंड से बचने के लिए गर्म कपड़ों का सहारा भी लेना पड़ गया.
बता दें कि वैसे तो धर्मशाला से करेरी झील की दूरी 30 किलोमीटर (Kareri Lake trek distance) है, लेकिन यह पूरा रास्ता पैदल तय नहीं (Kareri Lake Trek) करना पड़ता, बल्कि गाड़ियों की सुविधा भी आधे से ज्यादा रास्ते तक मिल जाती है. धर्मशाला से घेरा होकर नोहली गांव में अपने निजी वाहन से पहुंचा जा सकता है. नाेहली पहुंचने के बाद करेरी का ट्रैक 10 किलोमीटर का ही शेष रह जाता है. इसके अलावा शाहपुर बाजार से भी करेरी के लिए रास्ता जाता है, लेकिन वो रास्ता धर्मशाला से होकर करीब 50 किलोमीटर दूर पड़ जाता है.