धर्मशाला: तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा (Tibetan spiritual leader Dalai Lama) शुक्रवार को लद्दाख पहुंचे. इस दौरान द्रिकुंग चेतसांग रिनपोछे, ठिकसे रिनपोछे और अन्य लामाओं ने उनका जोरदार स्वागत किया. लद्दाख पहुंचने के बाद तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा की एक झलक पाने के लिए लद्दाख के हजारों लद्दाखी, तिब्बती, मठवासी और आम लोगों सहित युवा और बच्चे सड़क के दोनों ओर खड़े नजर दिखे. जैसे ही दलाई लामा का काफिला सड़क से गुजरा, तो लोगों ने सर झुकाकर उनका स्वागत किया. दलाई लामा को एक झलक देखने के बाद वहां मौजूद सैकड़ों लोग खुशी से झुम उठे.
लद्दाख पहुंचने पर दलाई लामा ने कहा कि मैं एक बार फिर यहां आकर बहुत खुश हूं. उन्होंने कहा कि मैं उन लोगों की संख्या से बहुत प्रभावित हूं, जो मेरा स्वागत करने के लिए सड़क पर खड़े थे. लद्दाख के लोगों और मेरे बीच विश्वास और प्रेम-कृपा पर आधारित एक विशेष बंधन है. जिसकी मैं बहुत सराहना करता हूं. इस दौरान उन्होंने वहां मौजूद लोगों ने पेड़ लगाने का आग्रह भी किया. उन्होंने कहा कि जहां भी संभव हो, वहां आप लोग पेड़ लगाएं. उन्होंने कहा कि मेरे दोस्त दिवंगत भारतीय पर्यावरण कार्यकर्ता सुंदरलाल बहुगुणा ने मुझे लोगों को पेड़ों के महत्व के बार में जागरूक करने का जिम्मा सौंपा था. उन्होंने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन को दूर करने की दिशा में हम सभी एक महत्वपूर्ण कदम उठा सकते हैं और उनकी देखभाल कर सकते हैं.
बता दें कि कोविड-19 वैश्विक महामारी के बाद तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा पहली बार अपने निवास स्थान धर्मशाला से बाहर की यात्रा पर हैं. दलाई लामा अगले कुछ दिन लद्दाख में ही रहेंगे. लद्दाख में कुछ दिनों के विश्राम के बाद दलाईलामा लद्दाख में रह रहे तिब्बती बौद्ध भिक्षुओं को चेनरेजिग (अवलोकितेश्वर) अभिषेक देंगे और शांतिदेव के 'बोधिसत्व के मार्ग में प्रवेश' के नौवें अध्याय की व्याख्या को जारी रखेंगे. जिसे तिब्बती धर्मगुरु दलाईलामा के वर्ष 2018 में शुरू किया था.