धर्मशाला: निर्वासित तिब्बत सरकार के 16वें तिब्बत सांसद में निर्वाचन का 10वां बजट सत्र सोमवार से शुरू हो गया है. तिब्बती संसद के अध्यक्ष पेमा जुंगनी ने अपने उद्घाटन संबोधन में दिन के एजेंडे की जानकारी दी जिसमें अधिकारिक शौक,चर्चा और बजट के अनुमोदन के 16 संकल्प शामिल थे. इसके बाद स्पष्टीकरण और चर्चा, वार्षिक ऑडिट रिपोर्ट की समीक्षा आदि पर चर्चा की गई.
तिब्बती संसद के अध्यक्ष पेमा जुंगनी ने कहा कि कोविड-19 महामारी ने दौरान सभी को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा और नियमित गतिविधियों भी बाधित हुई. उन्होंने कहा कि हमें यह सूचित करते हुए राहत मिली है कि सत्र में शामिल होने वाले किसी भी सदस्य के कोविड-19 के पॉजिटिव होने के रिपोर्ट नही आई है।
सुचारू रूप से चल रही संसदीय चुनाव की कार्यवाही
पूरे भारत में स्थिति और पड़ोसी राज्य पंजाब में बढ़ते मामलों के मद्देनजर यह कहना मुश्किल है कि संसद 15 दिनों के सत्र को पूरा करेगा या नहीं. उन्होंने कहा कि हमें स्थिति का आंकलन करना होगा यदि व्यवसाय निर्धारित दिनों की समाप्ति से पहले पूरा हो जाता है तो हम सत्र को स्थगित करने का निर्णय ले सकते हैं. उन्होंने कहा कि सिक्योंग और संसदीय चुनाव कार्यवाही सुचारू रूप से चल रही है और किसी भी अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली है. स्पीकर ने कार्यवाहक अध्यक्ष और तदर्थ समिति भी नियुक्त की.
प्रवासियों के निधन पर पेश किया गया शोक प्रस्ताव
संसद सत्र में 26 वर्षीय शूरमो सहित स्वर्गीय प्रवासियों के निधन पर शोक व्यक्त करने का प्रस्ताव पेश किया गया जिन्होंने चीन सरकार के निरंतर कब्जे और दमन के विरोध में आत्मदाह कर लिया था. इसने तिब्बती सिविल सेवकों, पूर्व सीटीए अधिकारियों लोबसांग खेड़ुप ड्रोंगप्रंग और केंद्रीय उप मंत्री और लद्दाख के सांसद फुंटसोक नामग्याल, अमेरिकी प्रतिनिधि जॉन रॉबर्ट लुईस से लोकसभा के सदस्य सहित तमाम भारतीय और विदेशी नेताओं के निधन पर शोक प्रस्ताव रखा गया.
ये भी पढ़ें: कोरोना का कहर: कैबिनेट मीटिंग में सरकार ने लगाई मैड़ी मेला ऊना पर रोक
ये भी पढ़ें: धर्मशाला में एलआईसी कर्मियों ने किया प्रदर्शन, आईपीओ लाने का विरोध