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खबर का असर: बिन मां-बाप के बच्चों से मिलने पहुंचा प्रशासन, मदद का दिया भरोसा

अनाथ बच्चों की इस खबर को 'ईटीवी भारत' पर सुर्खियों में आने के बाद प्रशासन पर इसका असर हुआ. जिसके बाद बी. डी. ओ. देहरा डॉक्टर स्वाति गुप्ता ने बच्चों के घर का निरीक्षण करने पहुंची. इस दौरान उन्होंने बच्चों के परिजनों सहित स्थानीय पंचायत प्रधान, सेक्रटरी व अन्य लोगों से पूरा ब्यौरा लिया.

Story on orphan children in kangra
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Published : Aug 19, 2020, 8:31 PM IST

Updated : Sep 16, 2020, 12:58 PM IST

ज्वालामुखीः कांगड़ा जिला के घुरकाल ग्राम पंचायत के महेश और मोहित के सिर से बचपन में ही माता पिता का साया से उठ गया था. अब हालात ऐसे हैं कि न तो सिर ढकने के लिए मकान है और न ही कोई परवरिश करने वाला. दोनों बच्चे संसाधनों के आभाव में मुश्किल से अपनी जिंदगी को इस आस में गुजार रहे थे कि कोई ना कोई एक दिन उनकी दुर्दशा को देखकर आसरा जरूर देगा.

वीडियो रिपोर्ट

इनका ये सपना बीते रोज ही पूरा हुआ जब अनाथ बच्चों की खबर सुर्खियों में आने के बाद बीडीओ देहरा डॉक्टर स्वाति गुप्ता इनके घर का निरीक्षण करने पहुंची. वहीं, बीडीओ देहरा के बाद बुधवार को एसडीएम ज्वालामुखी अंकुश शर्मा व तहसीलदार जगदीश शर्मा भी इन अनाथ बच्चों के घर का दौरा करने पहुंचे.

इस दौरान उन्होंने बच्चों की स्कूल से सबंधित पढ़ाई-लिखाई को लेकर पूरा करवाने और हर संभव सहायता करने का आश्वासन दिया. बच्चों को सरकारी योजना के तहत घर दिलवाने का भी आश्वासन दिया गया.

ज्वालामुखी प्रशासन का कहना है कि बच्चों के घर को बनाने को लेकर कुछ कानूनी अड़चनें सामने आई हैं, जिन्हें कानूनी तौर पर ही हल किया जाएगा. साथ ही सारी ओपचरिकताएं पूरी होने के बाद इन्हें जल्द मकान भी बनवाकर दे दिया जाएगा.

वहीं, जांच में पता चला कि पिता की मौत के बाद इन दोनों अनाथ बच्चों को किसी भी तरह की सहायता राशि नहीं दी गई. इस सहायता राशि को लेकर भी कुछ खामियां सामने आई हैं. प्रसाशन ने साफ किया है कि ये कमियां दूर होने के बाद इन्हें दुर्घटना में हुई पिता की मौत के बाद जो सरकार की निर्धारित राशि दी जाती है, वह भी मुहैया करवाई जाएगी.

बता दें कि महेश और मोहित अपने माता-पिता की मौत के बाद अपने चाचा के पास रहकर बड़ी मुश्किल से अपनी जिंदगी गुजार रहे थे. बिन मां-बाप के बच्चों की इस खबर को 'ईटीवी भारत' पर प्रमुखता से दिखाए जाने के बाद प्रशासन पर इसका असर हुआ. जिसके बाद बीडीओ देहरा डॉक्टर स्वाति गुप्ता ने बच्चों के घर का निरीक्षण करने पहुंची. इस दौरान उन्होंने बच्चों के रिश्तेदारों सहित स्थानीय पंचायत प्रधान, सेक्रटरी व अन्य लोगों से पूरा ब्यौरा लिया.

साथ ही बच्चों को हर संभव सहायता देने के लिए सबंधित पंचायत के प्रतिनिधियों को आदेश दिए. इस दौरान बीडीओ देहरा डॉक्टर स्वाति गुप्ता ने अपनी जेब से दोनों बच्चों को स्कूल की फीस भरी गई थी, उसके पैसे भी दिए.

इन सबके अलावा स्वाति गुप्ता ने राशन के साथ दोनों अनाथ बच्चों को फल भी दिए. स्वाति गुप्ता ने कहा कि इस समय प्रशासन से जो फौरी तौर पर बनता है वह फिलहाल कर दिया गया है. इसके साथ ही इन बच्चों को बीपीएल की सूची में पहले ही ले लिया गया है.

साथ ही आगामी ग्राम सभा में एक प्रपोजल तैयार करने के बाद बच्चों को घर बनाकर दिया जाएगा. जिसको लेकर सबंधित पंचायत प्रतिनिधियों को आदेश दे दिए गए है. उन्होंने कहा कि इसके अलावा बच्चों की पूरी सहायता करने के लिए प्रशासन प्रयासरत है और आगे भी इस दिशा में कार्य करता रहेगा .

ज्वालामुखीः कांगड़ा जिला के घुरकाल ग्राम पंचायत के महेश और मोहित के सिर से बचपन में ही माता पिता का साया से उठ गया था. अब हालात ऐसे हैं कि न तो सिर ढकने के लिए मकान है और न ही कोई परवरिश करने वाला. दोनों बच्चे संसाधनों के आभाव में मुश्किल से अपनी जिंदगी को इस आस में गुजार रहे थे कि कोई ना कोई एक दिन उनकी दुर्दशा को देखकर आसरा जरूर देगा.

वीडियो रिपोर्ट

इनका ये सपना बीते रोज ही पूरा हुआ जब अनाथ बच्चों की खबर सुर्खियों में आने के बाद बीडीओ देहरा डॉक्टर स्वाति गुप्ता इनके घर का निरीक्षण करने पहुंची. वहीं, बीडीओ देहरा के बाद बुधवार को एसडीएम ज्वालामुखी अंकुश शर्मा व तहसीलदार जगदीश शर्मा भी इन अनाथ बच्चों के घर का दौरा करने पहुंचे.

इस दौरान उन्होंने बच्चों की स्कूल से सबंधित पढ़ाई-लिखाई को लेकर पूरा करवाने और हर संभव सहायता करने का आश्वासन दिया. बच्चों को सरकारी योजना के तहत घर दिलवाने का भी आश्वासन दिया गया.

ज्वालामुखी प्रशासन का कहना है कि बच्चों के घर को बनाने को लेकर कुछ कानूनी अड़चनें सामने आई हैं, जिन्हें कानूनी तौर पर ही हल किया जाएगा. साथ ही सारी ओपचरिकताएं पूरी होने के बाद इन्हें जल्द मकान भी बनवाकर दे दिया जाएगा.

वहीं, जांच में पता चला कि पिता की मौत के बाद इन दोनों अनाथ बच्चों को किसी भी तरह की सहायता राशि नहीं दी गई. इस सहायता राशि को लेकर भी कुछ खामियां सामने आई हैं. प्रसाशन ने साफ किया है कि ये कमियां दूर होने के बाद इन्हें दुर्घटना में हुई पिता की मौत के बाद जो सरकार की निर्धारित राशि दी जाती है, वह भी मुहैया करवाई जाएगी.

बता दें कि महेश और मोहित अपने माता-पिता की मौत के बाद अपने चाचा के पास रहकर बड़ी मुश्किल से अपनी जिंदगी गुजार रहे थे. बिन मां-बाप के बच्चों की इस खबर को 'ईटीवी भारत' पर प्रमुखता से दिखाए जाने के बाद प्रशासन पर इसका असर हुआ. जिसके बाद बीडीओ देहरा डॉक्टर स्वाति गुप्ता ने बच्चों के घर का निरीक्षण करने पहुंची. इस दौरान उन्होंने बच्चों के रिश्तेदारों सहित स्थानीय पंचायत प्रधान, सेक्रटरी व अन्य लोगों से पूरा ब्यौरा लिया.

साथ ही बच्चों को हर संभव सहायता देने के लिए सबंधित पंचायत के प्रतिनिधियों को आदेश दिए. इस दौरान बीडीओ देहरा डॉक्टर स्वाति गुप्ता ने अपनी जेब से दोनों बच्चों को स्कूल की फीस भरी गई थी, उसके पैसे भी दिए.

इन सबके अलावा स्वाति गुप्ता ने राशन के साथ दोनों अनाथ बच्चों को फल भी दिए. स्वाति गुप्ता ने कहा कि इस समय प्रशासन से जो फौरी तौर पर बनता है वह फिलहाल कर दिया गया है. इसके साथ ही इन बच्चों को बीपीएल की सूची में पहले ही ले लिया गया है.

साथ ही आगामी ग्राम सभा में एक प्रपोजल तैयार करने के बाद बच्चों को घर बनाकर दिया जाएगा. जिसको लेकर सबंधित पंचायत प्रतिनिधियों को आदेश दे दिए गए है. उन्होंने कहा कि इसके अलावा बच्चों की पूरी सहायता करने के लिए प्रशासन प्रयासरत है और आगे भी इस दिशा में कार्य करता रहेगा .

Last Updated : Sep 16, 2020, 12:58 PM IST
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