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नूरपुर पहुंचे शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती महाराज, बोले- परपंराओं से जुड़े रहने से ही होगी देश की प्रगति - जगतगुरु शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती

जगतगुरु शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती महाराज शुक्रवार को कांगड़ा जिला के नूरपुर पहुंचे. स्थानीय विधायक राकेश पठानिया ने संत का स्वागत किया

Shankaracharya Nischalananda Saraswati
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Published : Sep 27, 2019, 11:28 PM IST


धर्मशालाः जगतगुरु शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती महाराज शुक्रवार को कांगड़ा जिला के नूरपुर में पहुंचे. जहां नगर परिषद हॉल में उनका प्रवचन हुआ. इस प्रवचन में काफी संख्या में नूरपुरवासी प्रवचन सुनने के लिए आए. स्थानीय विधायक राकेश पठानिया ने संत का स्वागत किया.

विधायक पठानिया ने कहा कि सरस्वती महाराज के आगमन की जानकारी कम होने से जनता शंकराचार्य निश्चलानंद के दर्शनों से वंचित रह गई. उन्होंने कहा कि हिमाचल में संत के आगमन से प्रदेश की धरती पावन हो गई.

वीडियो.

वहीं, निश्चलानंद सरस्वती ने उपस्थित लोगों को प्रवचन देते हुए कहा कि शुक्रवार को देश की संस्कृति का पाश्चात्यीकरण हो गया है. लोग अपने धर्म-कर्म से विमुख हो चुके है. उन्होंने कहा कि इस देश को स्वंतंत्र कराने मे असंख्य लोगों ने अपने प्राणों को न्योछावर किया, लेकिन जिस स्वंतंत्र भारत की कल्पना उन्होंने की थी आज वो भारत नहीं है.

सरस्वती ने कहा कि सबसे प्राचीन माने जाने वाला सनातन धर्म आज मरणासन्न स्थिति में पहुंच चुका है. उन्होंने कहा कि देश की प्रगति और उन्नति तभी संभव है, जब तक देशवासी परपंराओं से जुड़े रहें. उन्होंने कहा कि पेड़ तभी तक हरा रह सकता है, जब वो जड़ों से जुड़ा रहे. इसलिए जरुरी है कि अपनी परम्पराओं और संस्कृत से जुड़े रहे और युवा पीढ़ी का सही मार्गदर्शन करें.

ये भी पढ़ें- बारात निकलने से ठीक पहले दूल्हा बदलेगी धर्मशाला कांग्रेस! चुनावी मैदान में नहीं उतरेंगे सुधीर शर्मा


धर्मशालाः जगतगुरु शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती महाराज शुक्रवार को कांगड़ा जिला के नूरपुर में पहुंचे. जहां नगर परिषद हॉल में उनका प्रवचन हुआ. इस प्रवचन में काफी संख्या में नूरपुरवासी प्रवचन सुनने के लिए आए. स्थानीय विधायक राकेश पठानिया ने संत का स्वागत किया.

विधायक पठानिया ने कहा कि सरस्वती महाराज के आगमन की जानकारी कम होने से जनता शंकराचार्य निश्चलानंद के दर्शनों से वंचित रह गई. उन्होंने कहा कि हिमाचल में संत के आगमन से प्रदेश की धरती पावन हो गई.

वीडियो.

वहीं, निश्चलानंद सरस्वती ने उपस्थित लोगों को प्रवचन देते हुए कहा कि शुक्रवार को देश की संस्कृति का पाश्चात्यीकरण हो गया है. लोग अपने धर्म-कर्म से विमुख हो चुके है. उन्होंने कहा कि इस देश को स्वंतंत्र कराने मे असंख्य लोगों ने अपने प्राणों को न्योछावर किया, लेकिन जिस स्वंतंत्र भारत की कल्पना उन्होंने की थी आज वो भारत नहीं है.

सरस्वती ने कहा कि सबसे प्राचीन माने जाने वाला सनातन धर्म आज मरणासन्न स्थिति में पहुंच चुका है. उन्होंने कहा कि देश की प्रगति और उन्नति तभी संभव है, जब तक देशवासी परपंराओं से जुड़े रहें. उन्होंने कहा कि पेड़ तभी तक हरा रह सकता है, जब वो जड़ों से जुड़ा रहे. इसलिए जरुरी है कि अपनी परम्पराओं और संस्कृत से जुड़े रहे और युवा पीढ़ी का सही मार्गदर्शन करें.

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जगतगुरु शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती महाराज का आज नूरपुर आगमन हुआ|जहाँ नगरपरिषद हाल में उनका प्रवचन हुआ|इस प्रवचन में काफी संख्या में नूरपुर वासी प्रवचन श्रवण के लिए पहुंचे|स्थानीय विधायक राकेश पठानिया ने उनका स्वागत किया और कहा कि नूरपुर में उनके चरणकमल पड़ने से प्रदेश की भूमि पावन हो गई|उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर महाराज का सानिध्य प्राप्त करने के लिए नूरपुर आने के लिए तैयार थे लेकिन खराब मौसम के कारण वो जहाँ नहीं पहुँच सके|पठानिया ने कहा कि सरस्वती महाराज के आगमन को लेकर अगर कुछ दिन पहले जानकारी होती तो जो जनता उनके दर्शनों से वंचित रह गई है उनको भी दर्शनार्थ का सौभाग्य मिलता|
वहीँ निश्चलानंद सरस्वती ने उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि आज देश की संस्कृति का पाश्चात्यीकरण हो गया है और लोग अपने धर्म-कर्म से विमुख हो चुके है|उन्होंने कहा कि इस देश को स्वंतंत्र कराने मे असंख्य लोगों ने अपने प्राणों को न्योछाबर किया|लेकिन जिस स्वंतंत्र भारत की कल्पना उन्होंने की थी आज वो भारत नहीं है|उन्होंने कहा कि सबसे प्राचीन माने जाने वाला सनातन धर्म आज मरणासन्न स्थिति में पहुँच चूका है|उन्होंने कहा कि देश की प्रगति और उन्नति तभी संभव है जब तक हम परम्पराओं से जुड़े रहें|उन्होंने कहा कि पेड़ तभी तक हरा रह सकता है जब वो जड़ों से जुड़ा हुआ हो और जैसे ही उसकी जड़ें कटी उसको सूखने में वक्त नहीं लगता|इसलिए जरुरी है कि हम अपनी परम्पराओं और संस्कृत से जुड़े रहे और युवा पीढ़ी का सही मार्गदर्शन करें|
बाईट_जगतगुरु शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती महाराज
बाईट_राकेश पठानिया,विधायक नूरपुर
Conclusion:
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