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राष्ट्रीय बालिका दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन, सरवीन चौघरी ने किया बेटा-बेटी में फर्क न करने का आह्नान - धर्मशाला कॉलेज में राष्ट्रीय बालिका दिवस

धर्मशाला कॉलेज के ऑडिटोरियम में राष्ट्रीय बालिका दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में शहरी विकास मंत्री सरवीन चौधरी बतौर मुख्यातिथि मौजूद रही.

National girl child day programme in Dharamshala
राष्ट्रीय बालिका दिवस धर्मशाला
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Published : Jan 24, 2020, 5:56 PM IST

धर्मशाला: शहरी विकास मंत्री सरवीन चौधरी ने शुक्रवार को धर्मशाला कॉलेज के ऑडिटोरियम में राष्ट्रीय बालिका दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि शिरकत किया. इस मौके पर सरवीन चौधरी ने कहा कि वर्तमान में बेटियां हर क्षेत्र में बेटों के कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रही हैं. ऐसे में लोगों को मानसिकता बदलते हुए बेटे और बेटी में फर्क नहीं करना चाहिए.

National girl child day programme in Dharamshala
धर्मशाला में राष्ट्रीय बालिका दिवस कार्यक्रम

सरवीन चौधरी ने कहा कि आंगनबाड़ी और आशा वर्कर के साथ महिलाओं से जुड़ा विंग कार्यक्रम में उपस्थित रहा. उन्होंने कहा कि इन्हीं के माध्यम से सरकारी व समाज हित की कई योजनाएं क्रियान्वित हो रही हैं. महिलाओं की स्थिति पुराने वक्त के मुकाबले काफी सुधरी है. महिलाओं के साथ छेड़छाड़ के मामलों के लिए सख्त कानून भी बने हैं. 24 जनवरी का दिन महिलाओं, लड़कियों और बच्चियों के लिए समर्पित है.

वीडियो रिपोर्ट

वहीं, शहरी विकास मंत्री सरवीन चौधरी ने कहा कि मुझे जो जानकारी है उसके अनुसार जिला कांगड़ा में गर्लज चाइल्ड रेशो 915 है. उन्होंने कहा कि गिरते लिंगानुपात को लेकर सरकार सख्त हुई है. उन्होंने कहा कि जिस तरह से बेटे के जन्म होने पर खुशी पर मनाई जाती है, उसी तरह बेटियों के जन्म पर भी खुशी मनाई जानी चाहिए. लोगों को बेटे-बेटी में फर्क नहीं करना चाहिए जिसके लिए लोगों को अपनी मानसिकता बदलनी होगी.

ये भी पढ़ें: बीड़ बिलिंग में होगा पैराग्लाइडिंग प्री वर्ल्ड कप का आयोजन, 100 से अधिक प्रतिभागी लेंगे हिस्सा

धर्मशाला: शहरी विकास मंत्री सरवीन चौधरी ने शुक्रवार को धर्मशाला कॉलेज के ऑडिटोरियम में राष्ट्रीय बालिका दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि शिरकत किया. इस मौके पर सरवीन चौधरी ने कहा कि वर्तमान में बेटियां हर क्षेत्र में बेटों के कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रही हैं. ऐसे में लोगों को मानसिकता बदलते हुए बेटे और बेटी में फर्क नहीं करना चाहिए.

National girl child day programme in Dharamshala
धर्मशाला में राष्ट्रीय बालिका दिवस कार्यक्रम

सरवीन चौधरी ने कहा कि आंगनबाड़ी और आशा वर्कर के साथ महिलाओं से जुड़ा विंग कार्यक्रम में उपस्थित रहा. उन्होंने कहा कि इन्हीं के माध्यम से सरकारी व समाज हित की कई योजनाएं क्रियान्वित हो रही हैं. महिलाओं की स्थिति पुराने वक्त के मुकाबले काफी सुधरी है. महिलाओं के साथ छेड़छाड़ के मामलों के लिए सख्त कानून भी बने हैं. 24 जनवरी का दिन महिलाओं, लड़कियों और बच्चियों के लिए समर्पित है.

वीडियो रिपोर्ट

वहीं, शहरी विकास मंत्री सरवीन चौधरी ने कहा कि मुझे जो जानकारी है उसके अनुसार जिला कांगड़ा में गर्लज चाइल्ड रेशो 915 है. उन्होंने कहा कि गिरते लिंगानुपात को लेकर सरकार सख्त हुई है. उन्होंने कहा कि जिस तरह से बेटे के जन्म होने पर खुशी पर मनाई जाती है, उसी तरह बेटियों के जन्म पर भी खुशी मनाई जानी चाहिए. लोगों को बेटे-बेटी में फर्क नहीं करना चाहिए जिसके लिए लोगों को अपनी मानसिकता बदलनी होगी.

ये भी पढ़ें: बीड़ बिलिंग में होगा पैराग्लाइडिंग प्री वर्ल्ड कप का आयोजन, 100 से अधिक प्रतिभागी लेंगे हिस्सा

Intro:धर्मशाला- वर्तमान में बेटियां हर क्षेत्र में बेटों के कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रही हैं। ऐसे में लोगों को मानसिकता बदलते हुए बेटे और बेटी में फर्क नहीं करना चाहिए। यह आहवान शहरी विकास मंत्री सरवीन चौधरी ने आज धर्मशाला कालेज के ऑडिटोरियम में राष्ट्रीय बालिका दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि शिरकत करते हुए किया। उन्होंने कहा कि पुराने वक्त के मुकाबले महिलाओं की स्थिति में काफी सुधार हुआ है। 







Body:सरवीन चौधरी ने कहा कि आंगनबाड़ी और आशा वर्कर के साथ महिलाओं से जुड़ा विंग कार्यक्रम में उपस्थित रहा। इन्हीं के माध्यम से सरकारी व समाज हित की कई योजनाएं क्रियान्वित हो रही हैं। महिलाओं की स्थिति पुराने वक्त के मुकाबले काफी सुधरी है। महिलाओं के साथ छेड़छाड़ के मामलों के लिए सख्त कानून भी बने हैं। 24 जनवरी का दिन महिलाओं, लड़कियों और बच्चियों के लिए समर्पित है। अब बच्चियों व महिलाओं की स्थिति बेहतर हुई है।


Conclusion:वही शहरी विकास मंत्री सरवीन चौधरी ने कहा कि मुझे जो जानकारी है उसके अनुसार जिला कांगड़ा में गल्र्स चाइल्ड रेशो 915 है। गिरते लिंगानुपात को लेकर सरकार सख्त हुई है, जेल का प्रावधान भी है और जुर्माना भी हो सकता है। जिस तरह से बेटे की खुशी पर मनाई जाती है, उसी तरह बेटियों के जन्म पर भी खुशी मनाई जानी चाहिए। लोगों को बेटे-बेटी में फर्क नहीं करना चाहिए, इसके लिए लोगों को अपनी मानसिकता बदलनी होगी।

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