कांगड़ा: रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध का असर पूरी दुनिया पर देखने को मिल रहा है. वहीं, यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई करने गए कई हिमाचली छात्र अभी भी (Russia Ukraine crisis) युद्ध क्षेत्र में फंसे हुए हैं. इसी कड़ी में जिला कांगड़ा धर्मशाला के निवासी कुशला धीमान की बेटी कीर्ति भी खारकीव नेशनल मेडिकल विश्वविद्यालय में मेडिकल (Kharkiv National Medical University) की पढ़ाई के लिए गई हुई थी, लेकिन रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध शुरू होने की वजह से कीर्ति अब खारकीव में फंस गई है.
कीर्ति की माता कुशला धीमान ने राज्य सरकार व केंद्र सरकार से मांग करते हुए कहा कि जिला कांगड़ा के जितने भी बच्चे यूक्रेन में फंसे हैं उन्हें जल्द सही सलामत हिमाचल वापस लाया जाए. कुशला धीमान ने बताया उनकी बेटी कीर्ति पिछले 5 साल से यूक्रेन के (Himachal students trapped in Ukraine) खारकीव नेशनल मेडिकल विश्वविद्यालय में पढ़ाई करने के लिए गई हुई हैं और इसी वर्ष मई माह में कीर्ति के पढ़ाई के 5 वर्ष पूरे हो जाएंगे, लेकिन इसी बीच रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध शुरू हो गया और उनकी बेटी कीर्ति यूक्रेन में फंस गई.
उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी के द्वारा भी उनकी बेटी को गुमराह किया गया और यह कहा गया कि अगर वह भारत वापस जाते हैं और उनकी बेटी की हाजरी सौ प्रतिशत नहीं होती है तो उसे परीक्षा में नहीं बैठने दिया जाएगा. जिस वजह से यूनिवर्सिटी उन्हें डिग्री नहीं दे पाएगी.
कुशला धीमान ने बताया कि उनकी बेटी कीर्ति लगातार फोन के माध्यम से उनके संपर्क में बनी हुई है और हर तरह की स्थिति से अपने माता पिता को अवगत करवा रही है. कुशला धीमान ने बताया कि कीर्ति ने फोन के माध्यम से उन्हें यह जानकारी भी दी थी कि 23 फरवरी को भी उन्होंने ऑफलाइन माध्यम से क्लास लगाई है और उसी रात रूस ने यूक्रेन पर हमला कर दिया. उन्होंने बताया कि उन्होंने अपनी बेटी की 27 फरवरी की फ्लाइट भी बुक करवा दी थी, लेकिन युद्ध होने के चलते उनकी बेटी खारकीव से नहीं निकल सकी.
उन्होंने बताया कि उनकी बेटी ने फोन के माध्यम से उन्हें यह जानकारी दी थी कि वह बंकरों में छुपे हैं और उन्हें खाने पीने का भी सामान वहां उपलब्ध नहीं हो पा रहा है. उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार व जिला प्रशासन की ओर से अभी तक उनसे किसी भी प्रकार का संपर्क नहीं किया गया है.
ये भी पढ़ें: यूक्रेन से ऊना पहुंचे छात्र, भावुक हुए अभिभावक, डीसी बोले- अन्य छात्रों को निकालने के लिए प्रशासन सजग