कांगड़ा: एनपीएस लागू होने के चलते प्रभावित कर्मचारियों के हितों को लेकर जिला कांगड़ा के धर्मशाला में पूर्व सांसद राजन सुशांत कुछ दलों के साथ प्रदेश भाजपा सरकार के खिलाफ डीसी कार्यालय के बाहर धरने पर बैठे. इस दौरान (rajan sushant protest in dharamshala) उन्होंने कहा कि भाजपा व कांग्रेस दोंनों ही पार्टियों की सरकारें कर्मचारी विरोधी रहीं हैं. उन्होंने कहा कि सरकारों ने विधायिका और न्यायपालिका को छोड़कर सभी को एनपीएस में (Protest against NPS in Himachal) डालकर लोगों के साथ भद्दा मजाक किया है और सेवानिवृत्ति के बाद उन्हें मिलने वाले लाभों से वंचित कर दिया है.
राजन सुशांत ने कहा कि वर्तमान में कर्मचारी सरकार से (restoration of old pension scheme in HP) नाराज हैं. तभी तो पिछले चुनावों में कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ वोट डाले जिसके कारण सरकार को चुनावों में मुंह की खानी पड़ी. उन्होंने पूर्व में रही कांग्रेस सरकार को भी कोसते हुए एनपीएस को लागू करने का जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री के उस बयान पर जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर हेलीकॉप्टर बेचने पड़े तो बेच देंगे, लेकिन कर्मचारियों के लिए एनपीएस लागू करेंगे, पर कहा कि अग्निहोत्री तब कहां थे जब उनकी सरकार ने एनपीएस लागू की थी.
उन्होंने कहा वे पिछले कई दिनों से हड़ताल पर बैठे हुए हैं, लेकिन अभी तक प्रदेश भाजपा सरकार का कोई मंत्री, विधायक या प्रशासन का अधिकारी उनसे मिलने नहीं आया है. उन्होंने कहा कि पुरानी पेंशन बहाली के लिए आम जनता को सरकारों के अन्याय से अवगत कराना इस मुहिम का मुख्य उद्देश्य है और वह यही चाहते हैं कि पुरानी पेंशन का मुद्दा (restoration of old pension scheme in HP) हर घर का मुद्दा बने.
उन्होंने कहा कि सरकारी सेवा में आने वाले आम नागरिक भी पुरानी पेंशन से वंचित हैं. उन्होंने कहा कि वह अपनी सांसद और विधायक की दोनों पेंशन एक साल से छोड़ चुके हैं और उम्मीद रखते हैं कि हर विधायक और सांसद भी अगर कर्मचारियों को पेंशन देने का समर्थन नहीं करता है तो देश हित में अपनी पेंशन भी छोड़ दें.
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