नूरपुर: जिला कांगड़ा के उपमंडल नूरपुर में बुधवार को खेल मंत्री गोविंद ठाकुर ने स्थानीय विधायक राकेश पठानिया के साथ विश्रामगृह में प्रेसवार्ता का आयोजन किया. इसी बीच उन्होंने कहा कि एक्सपेरिमेंटल सिल्वीकल्चर फीलिंग पूरी तरह सफल होती नजर आ रही है.
खेल मंत्री गोविंद ठाकुर ने कहा कि नूरपुर वन मंडल के तहत सदवां और टटल वनक्षत्रों के पचास जंगल, जिसका क्षेत्रफल 1600 हेक्टेयर है वो सिल्वीकल्चर एक्सपेरिमेंट के लिए चयनित किया गया था.
उच्चतम न्यायालय द्वारा प्रदेश में वनों में कटान व उसके वैज्ञानिक तरीके से प्रबंधन को लेकर जो दो वनक्षेत्र चयनित किये थे. उसमें गठित एक्सपेरिमेंटल सिल्वीकल्चर मॉनिटरिंग कमेटी के साथ उन्होंने कल दोनों जगह का दौरा किया.
वन मंत्री ने कहा कि जिस तरह से इन तीनों जगहों पर विभाग सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार खरा उतरा है, उससे उम्मीद की जा सकती है कि आने वाले समय में जब पूरे प्रदेश के जंगलों पर ये नियम लागू किया जायेगा, तो इससे प्रदेश के राजस्व में भारी इजाफा होगा. उन्होंने कहा कि वन हमारी हमारी बहुमूल्य संपदा है और इनका सरंक्षण करना सरकार की उच्च प्राथमिकता है.
बता दें कि प्रदेश में पिछले लगभग तीन दशकों से वनों के कटान पर पूर्ण रोक है,जिसे लेकर समय-समय पर जनहित याचिकाएं कोर्ट में कटान की अनुमति लेने के लिए दायर होती है. साथ ही प्रशासन द्वारा पेड़ के सूखने और सड़ने से पहले उसे काटने व उसका नई प्लांटेशन करने की बात कही गई थी.
हाईकोर्ट ने प्राथमिक तौर पर एक एक्सपेरिमेंटल सिल्वीकल्चर प्रोग्राम बनाने का आदेश दिया था. जिसके तहत सरकार ने सिल्वीकल्चर के लिए पांवटा साहिब, बिलासपुर और नूरपुर क्षेत्र को शामिल किया है. नूरपुर क्षेत्र के पचास से ज्यादा जंगलों में खैर के पेड़ों को शामिल किया गया था, जिन्हें काटने के बाद उस जगह नई प्लांटेशन करने की बात कही गई थी.