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सुनो सरकार, घर जमीनें डुबोकर भी पौंग विस्थापित हो रहे प्रताड़ना के शिकार

पौंग डैम के विस्थापितों ने आरोप लगाया है कि सरकार द्वारा दी गई जमीन पर राजस्थान के स्थानीय दबंगों ने जाली दस्तावेज बना कर कब्जा कर लिया है. विस्थापितों ने हिमाचल सरकार से इंसाफ की गुहार लगाई है.

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Published : Aug 23, 2019, 2:52 PM IST

pong dam

कागड़ा: हिमाचल के कांगड़ा जिले में बनाए गए पौंग डैम के विस्थापित अब भी अपने हक को पाने के लिए दर-दर भटक रहे हैं. वैसे तो इस डैम से राजस्थान, हरियाणा, पंजाब को फायदा मिला है, लेकिन इसके लिए अपनी जमीन देने वाले हिमाचली लोगों को अभी तक कोई न्याय नहीं मिल पाया है. डैम बनने के समय ही विस्थापितों को राजस्थान सरकार ने अपने राज्य में लोगों को जमीन अलॉट की थी.

वीडियो

लेकिन पौंग डैम के विस्थापितों ने आरोप लगाया है कि राजस्थान के स्थानीय दबंगों ने हिमाचलियों की जमीन पर नजर गड़ाए बैठे हैं और नए-नए तरीकों से ठगी कर रहे हैं.
कांगड़ा में नूरपुर से विस्थापित विजय कुमार ने बताया कि राजस्थान सरकार ने राज्य के अनूपगढ़ में उन्हें जमीन अलॉट की थी. विस्थापित ने आरोप लगाया कि राजस्थान के एक व्यक्ति ने उनकी जमीन के जाली दस्तावेज तैयार करवाए और रजिस्ट्री अपने नाम की करवा ली है.

विस्थापित विजय कुमार ने बताया कि इस मामले को लेकर राजस्थान के अनूपगढ़ थाने में शिकायत करने के बाद भी कोई उचित कार्रवाई नहीं हुई है. दबंगों ने जमीन पर खेती बाड़ी शुरू कर दी है. इस बात की शिकायत करने पर दबंगों ने विस्थापित से मारपीट भी की है. परिवार को ठगों ने पीट-पीट कर वहां से भगा दिया और जैसे-तैसे विस्थापित वापस हिमाचल लौटे और आपबीती सुनाई.

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वहीं कांगड़ा के ही पंचायत धनेटी गारला के रत्न सिंह के साथ भी अनूपगढ़ में धोखाधड़ी का सामने आया है. इनके साथ भी भू-माफिया ने जाली दस्तावेजों के जरिये इनकी जमीन हड़पने की कोशिश की है. मामला पहले राजस्थान की ही एक सेशन कोर्ट में चला था. जिसमें फैसला रत्न सिंह के हक में आया था, लेकिन भू-माफिया ने इस मामले को अब हाईकोर्ट में पहुंचा दिया. रत्न सिंह ने भी हिमाचल सरकार से इंसाफ की गुहार लगाई है.

विस्थापितों ने हिमाचल सरकार से राजस्थान सरकार पर दबाव बनाकर कर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है. वहीं, लोगों का कहना है कि इस मामले में नूरपूर के एसडीएम से मिलकर सरकार को ज्ञापन भी दिया जाएगा.

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कागड़ा: हिमाचल के कांगड़ा जिले में बनाए गए पौंग डैम के विस्थापित अब भी अपने हक को पाने के लिए दर-दर भटक रहे हैं. वैसे तो इस डैम से राजस्थान, हरियाणा, पंजाब को फायदा मिला है, लेकिन इसके लिए अपनी जमीन देने वाले हिमाचली लोगों को अभी तक कोई न्याय नहीं मिल पाया है. डैम बनने के समय ही विस्थापितों को राजस्थान सरकार ने अपने राज्य में लोगों को जमीन अलॉट की थी.

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लेकिन पौंग डैम के विस्थापितों ने आरोप लगाया है कि राजस्थान के स्थानीय दबंगों ने हिमाचलियों की जमीन पर नजर गड़ाए बैठे हैं और नए-नए तरीकों से ठगी कर रहे हैं.
कांगड़ा में नूरपुर से विस्थापित विजय कुमार ने बताया कि राजस्थान सरकार ने राज्य के अनूपगढ़ में उन्हें जमीन अलॉट की थी. विस्थापित ने आरोप लगाया कि राजस्थान के एक व्यक्ति ने उनकी जमीन के जाली दस्तावेज तैयार करवाए और रजिस्ट्री अपने नाम की करवा ली है.

विस्थापित विजय कुमार ने बताया कि इस मामले को लेकर राजस्थान के अनूपगढ़ थाने में शिकायत करने के बाद भी कोई उचित कार्रवाई नहीं हुई है. दबंगों ने जमीन पर खेती बाड़ी शुरू कर दी है. इस बात की शिकायत करने पर दबंगों ने विस्थापित से मारपीट भी की है. परिवार को ठगों ने पीट-पीट कर वहां से भगा दिया और जैसे-तैसे विस्थापित वापस हिमाचल लौटे और आपबीती सुनाई.

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वहीं कांगड़ा के ही पंचायत धनेटी गारला के रत्न सिंह के साथ भी अनूपगढ़ में धोखाधड़ी का सामने आया है. इनके साथ भी भू-माफिया ने जाली दस्तावेजों के जरिये इनकी जमीन हड़पने की कोशिश की है. मामला पहले राजस्थान की ही एक सेशन कोर्ट में चला था. जिसमें फैसला रत्न सिंह के हक में आया था, लेकिन भू-माफिया ने इस मामले को अब हाईकोर्ट में पहुंचा दिया. रत्न सिंह ने भी हिमाचल सरकार से इंसाफ की गुहार लगाई है.

विस्थापितों ने हिमाचल सरकार से राजस्थान सरकार पर दबाव बनाकर कर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है. वहीं, लोगों का कहना है कि इस मामले में नूरपूर के एसडीएम से मिलकर सरकार को ज्ञापन भी दिया जाएगा.

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Intro:जिन लोगों ने देश की खातिर अपने घर और ज़मीने सरकार को कुर्बान कर दी आज वही लोग अपने हक के लिए दर दर भटक रहे है। बात कर रहे हैं पोंग डैम विस्थापितों की। हालत ये है कि अपनी ज़मीने डुबोने के बाद ना तो इन पर प्रदेश सरकर की नज़र इनायत हुई ना ही राजस्थान ने इन्हें अपनाया। जिस समय ये डैम बना था उस समय विस्थापितों को प्रदेश सरकार और राजस्थान सरकार ने मिलकर राजस्थान में लोगों को ज़मीन अलॉट की थी। अब वहां के स्थानीय लोग हिमाचलियों की ज़मीन पर नज़र गड़ाए बैठे हैं और नए नए तरीके इख्तियार कर ठगी कर रहे हैं। ऐसा ही एक मामला जिला कांगड़ा में नूरपुर के व्यक्ति के साथ हुआ है। सरकार ने विजय कुमार निवासी सिनेमा हाल जसूर को राजस्थान के अनूपगढ़ में 1 मरब्बा अलॉट किया था।


Body:इस जमीन पर राजस्थान के निवासी जगदेव, रविंदर पाल, सुधीर, जगदेव पुत्र राम सिंह शाम सिंह ने अलॉट की गई जमीन के जाली दस्तावेज तैयार करवाये और रजिस्ट्री अपने नाम की करवा ली। इस बात से बेखबर विजय कुमार को जब लता लगा तो उन्होंने राजस्थान की अदालत में केस दायर कर दिया। कोर्ट ने अपने आदेश में भी यथास्थिति बनाये रखने का आदे9श दिया जबकि दबंगों ने इन आदेशों को भी धत्ता बता दिया और ज़मीन पर खेती बाड़ी शुरू कर दी। इस बात की शिकायत वहां की पुलिस से की गई तो दबंगों ने इनके पूरे परिवार से मारपीट की और उन्हें जान से मारने की कोशिश भी की। यही नही वहां रह रही विजय कुमार की पत्नी और दो मासूम बच्चों को भी उन्होंने नही बक्शा। इस सम्बंध में राजस्थान के अनूपगढ़ थाने में शिकायत भी दी गई लेकिन उस पर नाममात्र करवाई की गई। अब इनकी सरकार से मांग है कि राजस्थान सरकार पर दबाव बनाकर इन लोगों पर करवाई की गई।


Conclusion:इस परिवार को ठगों ने पीट पीट कर वहां से भगा दिया और जैसे तैसे कर के ये अपने घर पहुंचे। इन लोगों ने जब अपनी आपबीती सुनाई तो बरबस ही इनकी आंखों से आंसू निकल आये। वहीं जिला के ही सनेका बदां पंचायत धनेटी गारला के रत्न सिंह के साथ भी अनूपगढ़ में धोखाधड़ी की गई। इनके साथ भी भू माफिया ने जाली दस्तावेजों के जरिये इनकी ज़मीन हड़पने की कोशिश की है। इनका मामला पहले राजस्थान की ही एक सेशन कोर्ट में चला था जिसमे फैसला इनके हक में आया, लेकिन भू माफिया ने इस मामले को अब हाई कोर्ट में पहुंचा दिया। रत्न सिंह ने भी सरकार से मांग की है कि पोंग बांध विस्थापितों के साथ राजस्थान में हो रहे अन्याय को रोका जाए और इनकी समस्याओं का तुरन्त निवारण किया जाए। फिलवक्त इन लोगों के सरकार से यही मांग है कि राजस्थान सरकार और दबाव बनाकर इन लोगों पर कार्रवाई की जाए और इन लोगों को इंसाफ दिया जाए। वहीं लोगों का कहना हैं कि इस मामले नूरपूर के एसडीएम से मिलकर सरकार को ज्ञापन प्रेषित किया जाएगा।
विसुअल
आप बीती सुनाते विजय कुमार।
रत्न सिंह
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