कांगड़ा: गुरुवार को जिला के ज्वालामुखी अस्पताल में पेन डाउन हड़ताल के चलते डॉक्टर्स अस्पताल नहीं पहुंचे, जिससे मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा.
बता दें कि पूरे राज्य में मुख्यमंत्री के गृह क्षेत्र पीएचसी थाची में महिला डॉक्टर के साथ हुई छेड़छाड़ को लेकर डॉक्टर्स की हड़ताल चल रही है, जिसका असर ज्वालामुखी में भी देखने को मिला. यहां भी डॉक्टरों की हड़ताल के चलते मरीजों की लंबी लाइन लगी रही. वहीं, जर्जर बिल्डिंग में चल रहे नागरिक अस्पताल में मरीजो को बैठने की जगह भी उपलब्ध नहीं थी, जिससे मरीजों को जमीन पर ही बैठना पड़ा.
दुर्गम क्षेत्रों से आए मरीजों ने बताया कि वो सुबह से भूखे प्यासे लाइन में लगे हुए हैं. उन्होंने बताया कि डॉक्टरों द्वारा की जाने वाली पेन डाउन हड़ताल के बारे में उन्हें नहीं बताया गया था, जिससे परेशानी का सामना करना पड़ा.
मरीजों ने बताया कि अस्पताल में पीने का पानी भी उपलब्ध नहीं है, जिससे उन्हें बाहर से पानी की बोतल खरीदनी पड़ी. इसके अलावा उन्होंने बताया कि शौचालयों में भी पानी उपलब्ध नहीं था, जिससे वार्ड में रुके मरीजों व तीमारदारों को परेशानी का सामना करना पड़ा.
खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ सतिंदर वर्मा ने बताया कि पेन डाउन हड़ताल के चलते डॉक्टर्स अस्पताल में मौजूद नहीं थे. उन्होंने बताया कि1 बजे के बाद नियमित रूप से मरीजों की जांच की जा रही है और आपातकालीन मरीजों को भी तुरंत देखा जा रहा है.
सीएम ने चिकित्सकों को आश्वाशन दिया कि मेडिपर्सन एक्ट को सख्ती से लागू किया जाएगा. सीएम के आश्वाशन के बाद डॉक्टर्स ने अपनी हड़ताल बंद कर दी.