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कांगड़ा में पेन डाउन हड़ताल की वजह से अस्पताल में नहीं पहुंचे डॉक्टर्स, मरीजों को घटों लाइन में करना पड़ा इंतजार

ज्वालामुखी अस्पताल में पेन डाउन हड़ताल के चलते डॉक्टर्स अस्पताल नहीं पहुंचे, जिससे मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा.

डॉक्टर्स का इंतजार करते मरीज.
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Published : Jun 20, 2019, 8:20 PM IST

कांगड़ा: गुरुवार को जिला के ज्वालामुखी अस्पताल में पेन डाउन हड़ताल के चलते डॉक्टर्स अस्पताल नहीं पहुंचे, जिससे मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा.

बता दें कि पूरे राज्य में मुख्यमंत्री के गृह क्षेत्र पीएचसी थाची में महिला डॉक्टर के साथ हुई छेड़छाड़ को लेकर डॉक्टर्स की हड़ताल चल रही है, जिसका असर ज्वालामुखी में भी देखने को मिला. यहां भी डॉक्टरों की हड़ताल के चलते मरीजों की लंबी लाइन लगी रही. वहीं, जर्जर बिल्डिंग में चल रहे नागरिक अस्पताल में मरीजो को बैठने की जगह भी उपलब्ध नहीं थी, जिससे मरीजों को जमीन पर ही बैठना पड़ा.

दुर्गम क्षेत्रों से आए मरीजों ने बताया कि वो सुबह से भूखे प्यासे लाइन में लगे हुए हैं. उन्होंने बताया कि डॉक्टरों द्वारा की जाने वाली पेन डाउन हड़ताल के बारे में उन्हें नहीं बताया गया था, जिससे परेशानी का सामना करना पड़ा.

मरीजों ने बताया कि अस्पताल में पीने का पानी भी उपलब्ध नहीं है, जिससे उन्हें बाहर से पानी की बोतल खरीदनी पड़ी. इसके अलावा उन्होंने बताया कि शौचालयों में भी पानी उपलब्ध नहीं था, जिससे वार्ड में रुके मरीजों व तीमारदारों को परेशानी का सामना करना पड़ा.

खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ सतिंदर वर्मा ने बताया कि पेन डाउन हड़ताल के चलते डॉक्टर्स अस्पताल में मौजूद नहीं थे. उन्होंने बताया कि1 बजे के बाद नियमित रूप से मरीजों की जांच की जा रही है और आपातकालीन मरीजों को भी तुरंत देखा जा रहा है.

सीएम ने चिकित्सकों को आश्वाशन दिया कि मेडिपर्सन एक्ट को सख्ती से लागू किया जाएगा. सीएम के आश्वाशन के बाद डॉक्टर्स ने अपनी हड़ताल बंद कर दी.

कांगड़ा: गुरुवार को जिला के ज्वालामुखी अस्पताल में पेन डाउन हड़ताल के चलते डॉक्टर्स अस्पताल नहीं पहुंचे, जिससे मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा.

बता दें कि पूरे राज्य में मुख्यमंत्री के गृह क्षेत्र पीएचसी थाची में महिला डॉक्टर के साथ हुई छेड़छाड़ को लेकर डॉक्टर्स की हड़ताल चल रही है, जिसका असर ज्वालामुखी में भी देखने को मिला. यहां भी डॉक्टरों की हड़ताल के चलते मरीजों की लंबी लाइन लगी रही. वहीं, जर्जर बिल्डिंग में चल रहे नागरिक अस्पताल में मरीजो को बैठने की जगह भी उपलब्ध नहीं थी, जिससे मरीजों को जमीन पर ही बैठना पड़ा.

दुर्गम क्षेत्रों से आए मरीजों ने बताया कि वो सुबह से भूखे प्यासे लाइन में लगे हुए हैं. उन्होंने बताया कि डॉक्टरों द्वारा की जाने वाली पेन डाउन हड़ताल के बारे में उन्हें नहीं बताया गया था, जिससे परेशानी का सामना करना पड़ा.

मरीजों ने बताया कि अस्पताल में पीने का पानी भी उपलब्ध नहीं है, जिससे उन्हें बाहर से पानी की बोतल खरीदनी पड़ी. इसके अलावा उन्होंने बताया कि शौचालयों में भी पानी उपलब्ध नहीं था, जिससे वार्ड में रुके मरीजों व तीमारदारों को परेशानी का सामना करना पड़ा.

खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ सतिंदर वर्मा ने बताया कि पेन डाउन हड़ताल के चलते डॉक्टर्स अस्पताल में मौजूद नहीं थे. उन्होंने बताया कि1 बजे के बाद नियमित रूप से मरीजों की जांच की जा रही है और आपातकालीन मरीजों को भी तुरंत देखा जा रहा है.

सीएम ने चिकित्सकों को आश्वाशन दिया कि मेडिपर्सन एक्ट को सख्ती से लागू किया जाएगा. सीएम के आश्वाशन के बाद डॉक्टर्स ने अपनी हड़ताल बंद कर दी.


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From: Nitesh Kumar <jminitesh@gmail.com>
Date: Thu, Jun 20, 2019, 6:02 PM
Subject: न्यूज 2
To: <rajneeshkumar@etvbharat.com>


जमीन पर बैठ कर अपनी बारी का इंतज़ार करते रहे मरीज, लोगों को नही पता हड़ताल का

पेन डाउन हड़ताल के चलते मरीजो को हुई परेशानी,
पानी की भी व्यबस्था रही ठप्प 
जर्जर बिल्डिंग में बैठने के लिए भी नही जगह
ज्वालामुखी, 20 जून (नितेश): ज्वालामुखी अस्पताल में आज पेन डाउन हड़ताल के चलते मरीजो को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। दो दिन से चली आ रही पेन डाउन हड़ताल के चलते आज सुबह भी डॉक्टर ज्वालामुखी अस्पताल में नही पहुंचे जिस बजह से सैकड़ो मरीजो को काफी परेशानी हुई।
दुर्गम क्षेत्रो से आये मरीज अनिता (खुंडिया), नितिन (बग्गी), गुलाब सिंह (घलोर), राजेश (गुमर), मनीष (ज्वालाजी), अजय (आधे दी हट्टी),  सौरभ( बोहन), अमर सिंह ( सपडी), रीटा देवी( मझीन),  सुषमा देवी( कथोग), मंजू ( थलाकन) आदि ने बताया कि वे सुबह से भूखे प्यासे लाइनों में लगे हैं और किसी भी प्रकार की जानकारी नही है कि डॉक्टर कहाँ हैं।
जर्जर बिल्डिंग में चल रहे नागरिक अस्पताल में मरीजो को बैठने की जगह भी उपलब्ध नही हो पाई जिस बजह से जमीन पर ही आसन लगाना पड़ा।
दो चार बेंच होने की बजह से कई मरीज खड़े ही नजर आए। गौरतलब है कि पूरे राज्य में डॉक्टरों की हड़ताल चल रही है जिसका असर ज्वालामुखी में भी देखने को मिला। यहाँ भी डॉक्टरों की हड़ताल के चलते मरीजो की लंबी लाइने लग गई और मरीज परेशान होते दिखे। अस्पताल में कोई भी बोर्ड या सूचना नही लगाई गई थी कि आज हड़ताल है।
जिस बजह से बिना जानकारी के मरीज काफी दिकत्ते महसूस करते रहे


उपयुक्त जगह न होने के चलते जमीन पर ही बैठे रहे मरीज
उपर्युक्त जगह बैठने की न होने के कारण मरीज जमीन पर ही बैठे हैं। उन्हें नही पता है कि हड़ताल चल रही है और डॉक्टर कब आएंगे वे रोज की तरह डॉक्टर का इंतजार कर रहे हैं पर डॉक्टर सुबह से ही गायब हैं जिस बजह से उन्हें इस गर्मी में फर्श पर बैठ कर अपनी बारी का इंतजार करना पड़ रहा है।

अस्पताल में पीने का पानी भी उपलब्ध नही
पर्ची बनाकर सुबह से सभी मरीज इंतजार करते नजर आए। मरीजो ने यह भी बताया कि अस्पताल में पीने का पानी भी उपलब्ध नही है जिस बजह से उन्हें बाहर से पानी की बोतलें खरीदनी पड़ी इसके साथ ही शौचालयों में भी पानी उपलब्ध नही था जिस बजह से वार्ड में रुके मरीजो व  तीमारदारों को भी काफी परेशानियां उठानी पड़ी।


बयान
क्या कहते खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ सतिंदर वर्मा
खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ सतिंदर वर्मा का कहना है कि पेन डाउन हड़ताल के चलते डॉक्टर उपलब्ध नही हुए। 11 बजे के बाद नियमित रूप से मरीजो की जांच की गई। आपातकालीन मरीजो को तुरंत देखा गया।
फोटो
ज्वालामुखी : उपर्युक्त जगह बैठने की न होने के कारण जमीन पर ही बैठे रहे मरीज। 
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