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पहली बार रामनवमी में बज्रेश्वरी देवी मंदिर सूने, न घंटियों की गूंज...न श्रद्धालुओं की भीड़ - बगलामुखी मंदिर कोटला

कोरोना वायरस का असर इस बार चैत्र नवरात्रों में साफ दिखा. कोरोना वायरस के चलते हिमाचल में कर्फ्यू लगा है. इस वजह से प्रदेश के सभी मंदिरों को बंद कर दिया गया है.

No devotees in temples during navratri
बज्रेश्वरी देवी
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Published : Apr 2, 2020, 4:46 PM IST

कांगड़ा: कोरोना वायरस का असर इस बार चैत्र नवरात्रों में साफ दिखा. कोरोना वायरस के चलते हिमाचल में कर्फ्यू लगा है. इस वजह से प्रदेश के सभी मंदिरों को बंद कर दिया गया है. रामनवमी के दिन भी प्रदेश के सभी मंदिर सूने पड़े हैं.

बज्रेश्वरी देवी मंदिर में नवरात्रों में बिना श्रद्धालुओं के ही नौ दिन तक पूजा पाठ किया गया. इस साल चैत्र मेला को भी रद्द कर दिया गया. ऐसा पहला मौका है जब नवरात्रों में शक्तिपीठ सूने रहे. बज्रेश्वरी देवी सहित बगलामुखी मंदिर कोटला के कपाट पहले ही बंद कर दिए गए थे.

वीडियो रिपोर्ट

मंदिर के वरिष्ठ पुजारी पंडित राम प्रसाद शर्मा ने बताया कि इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है, जब चैत्र नवरात्रों में कोरोना महामारी के कारण मंदिर के कपाट बंद रहे. चैत्र नवरात्र में शक्तिपीठ माता श्री बज्रेश्वरी देवी की पूजा का विशेष महत्व होता है. इस समय हजारों श्रद्धालु मंदिर में माता की पूजा करने के लिए आते हैं लेकिन इस बार ऐसा कुछ भी नहीं हुआ.

वहीं, रामनवमी के अवसर पर मंदिर में यज्ञ का आयोजन किया गया. अष्टमी पर यहां माता की विशेष पूजा-अर्चना की गई. रामनवमी के दिन माता को पूड़ी व चने का भोग लगया है.

ये भी पढ़ें: कर्फ्यू और लॉकडाउन के बीच मजदूरों के लिए राहत बनी सूद सभा, मुहैया करवा रही राशन

कांगड़ा: कोरोना वायरस का असर इस बार चैत्र नवरात्रों में साफ दिखा. कोरोना वायरस के चलते हिमाचल में कर्फ्यू लगा है. इस वजह से प्रदेश के सभी मंदिरों को बंद कर दिया गया है. रामनवमी के दिन भी प्रदेश के सभी मंदिर सूने पड़े हैं.

बज्रेश्वरी देवी मंदिर में नवरात्रों में बिना श्रद्धालुओं के ही नौ दिन तक पूजा पाठ किया गया. इस साल चैत्र मेला को भी रद्द कर दिया गया. ऐसा पहला मौका है जब नवरात्रों में शक्तिपीठ सूने रहे. बज्रेश्वरी देवी सहित बगलामुखी मंदिर कोटला के कपाट पहले ही बंद कर दिए गए थे.

वीडियो रिपोर्ट

मंदिर के वरिष्ठ पुजारी पंडित राम प्रसाद शर्मा ने बताया कि इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है, जब चैत्र नवरात्रों में कोरोना महामारी के कारण मंदिर के कपाट बंद रहे. चैत्र नवरात्र में शक्तिपीठ माता श्री बज्रेश्वरी देवी की पूजा का विशेष महत्व होता है. इस समय हजारों श्रद्धालु मंदिर में माता की पूजा करने के लिए आते हैं लेकिन इस बार ऐसा कुछ भी नहीं हुआ.

वहीं, रामनवमी के अवसर पर मंदिर में यज्ञ का आयोजन किया गया. अष्टमी पर यहां माता की विशेष पूजा-अर्चना की गई. रामनवमी के दिन माता को पूड़ी व चने का भोग लगया है.

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