धर्मशाला: हिमाचल में पुरानी पेंशन की मांग (old pension demand in himachal) को लेकर राजनीति तेज हो गई है. धर्मशाला में कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन के लिए रैली निकालकर एकजुटता दिखाई. कर्मचारी मिनी सचिवालय में एकत्रित हुए. नई पेंशन स्कीम कर्मचारी महासंघ (New Pension Scheme Employees Federation) के जिला अध्यक्ष राजिंदर मन्हास की अध्यक्षता में पेंशन संकल्प रैली निकाली गई.
रैली को संबोधित राज्य अध्यक्ष प्रदीप ठाकुर ने कहा कि अगर सरकार पुरानी पेंशन बहाल करती है तो वे साथ देंगे. अगर सरकार ओल्ड पेंशन स्कीम की बहाली नहीं करती है तो फिर उन्हें अन्य विकल्पों पर विचार करना पड़ेगा, जिसके लिए सरकार ही जिम्मेदार होगी. उन्होंने कहा कि राजस्थान में और छत्तीसगढ़ में ओल्ड पेंशन स्कीम की बहाली कर दी है और जल्द ही अन्य प्रदेश भी ओल्ड पेंशन बहाली के लिए अपनी घोषणा कर चुके हैं. इसलिए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को मानवीय दृष्टिकोण को देखते हुए हिमाचल प्रदेश में अब बिना देरी किए मानसून सत्र से पहले पुरानी पेंशन बहाली की घोषणा करनी चाहिए नहीं तो फिर से एक बार प्रदेश के कर्मचारी शिमला में मानसून सत्र में सरकार के समक्ष एक बड़ी रैली परिवार सहित करेंगे. प्रदीप ठाकुर ने कहा कि तब तक अपने आंदोलन को नहीं रुकने देंगे. जब तक कि ओल्ड पेंशन स्कीम की बहाली नहीं हो जाती.
वहीं, जिलाध्यक्ष रजिंदर मन्हास ने कहा कि इस रैली में हजारों कर्मचारियों ने भाग लिया है. उन सभी कर्मचारियों की केवल एक ही मांग है कि उन्हें पुरानी पेंशन का लाभ दिया जाए जब तक उन्हें ओल्ड पेंशन का लाभ नहीं दिया जाता वे सभी संघर्ष करते रहेंगे और जरूरत पड़ी तो इससे भी कठोर कदम उठाने से कर्मचारी गुरेज नहीं करेंगे.
उन्होंने कहा कि कांगड़ा के 15 विधानसभा क्षेत्र में हर विधानसभा में 1500 परिवार एनपीएस कर्मचारियों के हैं जो इस बार सिर्फ पुरानी पेंशन बहाली पर ही वोट कर विधायक चुनेंगे और हर जिला अब राज्य कार्यकारिणी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर पुरानी पेंशन के लिए प्रयास कर रहा है और विना पेंशन बहाली मिशन रिपीट मुमकिन नहीं है. उन्होंने जिला कांगड़ा के सभी कर्मचारियों का धन्यवाद किया जो पेंशन संकल्प रैली का हिस्सा बने. उन्होंने कहा कि संगठन पुरानी पेंशन बहाली के लिए संघर्षरत है और उन्हें विश्वास है कि अपने संघर्ष से जरूर पुरानी पेंशन बहाल करवाने में कामयाब रहेंगे.
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