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भारत बंद के आह्वान पर कांगड़ा में सड़कों पर उतरे मजदूर संगठन, केंद्र सरकार के खिलाफ की नारेबाजी - भारत बंद के आहवान पर कांगड़ा में सड़कों पर उतरें मजदूर संगठन न्यूज

जिला कांगड़ा में भी मजदूर संगठनों ने सड़कों पर उतरकर केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए विरोध प्रदर्शन किया. इसी बीच जिला वित्त सचिव अशोक कटोच ने कहा कि केंद्र सरकार ने श्रम विरोधी नीतियों को बंद नहीं किया तो मजदूर संगठनों की राष्ट्रीय स्तर यूनियन अनिश्चितकालीन हड़ताल करेगी.

Labor organizations protest in kangra
विरोध करते मजदूर संगठन
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Published : Jan 8, 2020, 4:37 PM IST

Updated : Jan 8, 2020, 9:38 PM IST

धर्मशाला: मंगलवार को देश भर में भारत बंद के आह्वान पर ट्रेड यूनियने सड़कों पर उतरीं. इसी कड़ी में जिला कांगड़ा में भी मजदूर संगठनों ने सड़कों पर उतरकर केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए विरोध प्रदर्शन किया.

सीटू के जिला कांगड़ा वित्त सचिव अशोक कटोच ने कहा कि केंद्र सरकार ने श्रम विरोधी नीतियों को बंद नहीं किया तो मजदूर संगठनों की राष्ट्रीय स्तर यूनियन अनिश्चितकालीन हड़ताल करेगी. उन्होंने बताया कि मोदी सरकार छह साल से श्रम कानूनों को खत्मकर उनके हक पर हमला कर रही है.

Labor organizations protest in kangra
विरोध करते मजदूर संगठन

ये भी पढ़ें: शिलाई में साल की पहली बर्फबारी पर झूमे युवा व पर्यटक, बागवान भी हुए बाग-बाग

अशोक कटोच ने कहा कि देश में 44 श्रम कानूनों को खत्म करके चार लेबर कोर्ट बनाए गए हैं, सरकार इस फैसले को वापिस ले. उन्होंने कहा कि सभी श्रमिकों को न्यूनतम 21 हजार वेतन दिया जाए और औद्योगिक क्षेत्र में मजदूरों को 40 फीसदी अधिक वेतन की व्यवस्था हो. साथ ही आवासीय व्यवस्था और वो लाभ जो पहले श्रमिकों को दिए जा रहे थे, उन्हें बहाल किया जाए.

अशोक कटोच ने कहा कि देश की मोदी सरकार देश की नवरत्न इकाइयों को कौड़ियों के भाव बेच रही है. 1 लाख 27 करोड़ रुपये की वार्षिक आमदनी देने वाली भारत पेट्रोलियम को मोदी सरकार पूंजीपतियों को कौड़ियों के भाव बेचने जा रही है. उन्होंने कहा कि साल1971 की लड़ाई में विदेशी पेट्रोल कंपनियों ने भारतीय कंपनियों को पेट्रोल देने से मना कर दिया था, उस वक्त निजी कंपनियों का राष्ट्रीकरण करके पेट्रोलियम की चार कंपनियां बनाई गई थी.

वीडियो

अशोक कटोच ने कहा कि देश के रक्षा उत्पादन में केंद्र सरकार विदेशी पूंजी लाना चाहती है. ऐसे में सुरक्षा उपकरण जब विदेशी हाथों में रहेंगे तो देश की सुरक्षा कैसे सुरक्षित होगी. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार भारतीय जीवन बीमा निगम को भी बेचने की तैयारी में हैं, जबकि मोदी सरकार के मंत्रियों के दोस्त देश के बैंकों का करोड़ों रुपये ले जाकर विदेश में नागरिकता ले रहे हैं.

धर्मशाला: मंगलवार को देश भर में भारत बंद के आह्वान पर ट्रेड यूनियने सड़कों पर उतरीं. इसी कड़ी में जिला कांगड़ा में भी मजदूर संगठनों ने सड़कों पर उतरकर केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए विरोध प्रदर्शन किया.

सीटू के जिला कांगड़ा वित्त सचिव अशोक कटोच ने कहा कि केंद्र सरकार ने श्रम विरोधी नीतियों को बंद नहीं किया तो मजदूर संगठनों की राष्ट्रीय स्तर यूनियन अनिश्चितकालीन हड़ताल करेगी. उन्होंने बताया कि मोदी सरकार छह साल से श्रम कानूनों को खत्मकर उनके हक पर हमला कर रही है.

Labor organizations protest in kangra
विरोध करते मजदूर संगठन

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अशोक कटोच ने कहा कि देश में 44 श्रम कानूनों को खत्म करके चार लेबर कोर्ट बनाए गए हैं, सरकार इस फैसले को वापिस ले. उन्होंने कहा कि सभी श्रमिकों को न्यूनतम 21 हजार वेतन दिया जाए और औद्योगिक क्षेत्र में मजदूरों को 40 फीसदी अधिक वेतन की व्यवस्था हो. साथ ही आवासीय व्यवस्था और वो लाभ जो पहले श्रमिकों को दिए जा रहे थे, उन्हें बहाल किया जाए.

अशोक कटोच ने कहा कि देश की मोदी सरकार देश की नवरत्न इकाइयों को कौड़ियों के भाव बेच रही है. 1 लाख 27 करोड़ रुपये की वार्षिक आमदनी देने वाली भारत पेट्रोलियम को मोदी सरकार पूंजीपतियों को कौड़ियों के भाव बेचने जा रही है. उन्होंने कहा कि साल1971 की लड़ाई में विदेशी पेट्रोल कंपनियों ने भारतीय कंपनियों को पेट्रोल देने से मना कर दिया था, उस वक्त निजी कंपनियों का राष्ट्रीकरण करके पेट्रोलियम की चार कंपनियां बनाई गई थी.

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अशोक कटोच ने कहा कि देश के रक्षा उत्पादन में केंद्र सरकार विदेशी पूंजी लाना चाहती है. ऐसे में सुरक्षा उपकरण जब विदेशी हाथों में रहेंगे तो देश की सुरक्षा कैसे सुरक्षित होगी. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार भारतीय जीवन बीमा निगम को भी बेचने की तैयारी में हैं, जबकि मोदी सरकार के मंत्रियों के दोस्त देश के बैंकों का करोड़ों रुपये ले जाकर विदेश में नागरिकता ले रहे हैं.

Intro:धर्मशाला- देश भर में भारत बंद के आहवान पर 25 करोड़ मजबूर वर्ग सड़कों पर उतरा। जिला कांगड़ा में भी मजदूर संगठनों ने सड़कों पर उतरकर केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। मजदूर संगठनों का कहना है कि केंद्र सरकार ने श्रम विरोधी नीतियों को बंद नहीं किया गया तो मजदूर संगठनों की राष्ट्रीय स्तर की यूनियनें अनिश्चितकाली हड़ताल पर जाने को मजबूर हो जाएंगी। विरोध प्रदर्शन में शामिल कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए सीटू के  जिला  वित  सचिव  अशोक  कटोच  ने आरोप लगाया कि पिछले 6 साल से मोदी सरकार मजदूरों के हकों पर हमले कर रही है, श्रम कानूनों को खत्म कर दिया गया और पंूजीपतियों के हक में केवल 4 लेबर कोर्ट बनाए जा रहे हैं। 





Body:श्रम कानून का उल्लंघन होने पर मजदूर न्यायालय में जाकर न्याय मांग सकता है, लेकिन कोर्ट बनने के बाद कमेटी बनेगी, जो मजदूरों के मामलों को सुनेंगी। कटोच ने कहा कि देश की 10 से ज्यादा केंद्रीय ट्रेड यूनियनें और 55 के लगभग ट्रेड यूनियन फेडरेशनंस जिसमें आंगनबाड़ी, हेप्लर व वर्कर इस प्रदर्शन में शामिल हुए हैं। देश में 44 श्रम कानूनों को खत्म करके 4 लेबर कोर्ट बनाए गए हैं, सरकार इस फैसले को वापिस ले। सभी श्रमिकों को न्यूनतम 21 हजार वेतन दिया जाए। औद्योगिक क्षेत्र में मजदूरों को 40 फीसदी अधिक वेतन की व्यवस्था हो, उनके लिए आवासीय व्यवस्था हो तथा जो लाभ पूर्व में श्रमिकों को दिए जा रहे थे, उन्हें बहाल किया जाए।
नवरत्न इकाईयों को कौडिय़ों के भाव बेच रही मोदी सरकार
अशोक कटोच ने कहा कि देश की मोदी सरकार देश की नवरत्न इकाइयों को कौडिय़ों के भाव बेच रही है। 1 लाख 27 करोड़ रुपये की वार्षिक आमदनी देने वाली भारत पेट्रोलियम को मोदी सरकार पूंजीपतियों को कौडिय़ों के भाग बेचने जा रही है। वर्ष 1971 की लड़ाई में विदेशी पेट्रोल कंपनियों ने भारतीय कंपनियों को पेट्रोल देने से मना कर दिया था, उस समय वक्त निजी कंपनियों का राष्ट्रीकरण करके पेट्रोलियम की चार कंपनियां बनाई गई थी। आज मोदी सरकार इन कंपनियों को बेचकर देश की सुरक्षा से भी समझौता कर रही है।
 



Conclusion:वही सीटू के  जिला  वित  सचिव  अशोक  कटोच ने कहा कि देश के रक्षा उत्पादन में केंद्र सरकार विदेशी पूंजी लाना चाहती है। सुरक्षा उपकरण जब विदेशी हाथों में रहेंगे तो देश की सुरक्षा कैसे सुरक्षित होगी। केंद्र सरकार भारतीय जीवन बीमा निगम को भी बेचने की तैयारी में है। बैंक फेल हो रहे हैं, लोगों का पैसा डूब रहा है, जबकि मोदी सरकार के मंत्रियों के दोस्त देश के बैंकों का करोड़ों रुपये ले जाकर विदेश में नागरिकता ले रहे हैं।

Last Updated : Jan 8, 2020, 9:38 PM IST
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