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'कभी हमसे आ मिले कभी उनसे जा मिले, ऐसी हो कोई फितरत कोई उनसे क्या मिले' - पंडित सुखराम परिवार कांग्रेस में शामिल

लोकसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आता जा रहा है प्रदेश की ठंडी फ़िजाओं का माहौल दिन-प्रतिदिन गरमाता जा रहा है.

सुखराम परिवार कांग्रेस में शामिल
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Published : Mar 26, 2019, 1:48 PM IST

धर्मशालाः लोकसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आता जा रहा है प्रदेश की ठंडी फ़िजाओं का माहौल दिन-प्रतिदिन गरमाता जा रहा है. सोमवार को पंडित सुखराम और उनके पोते आश्रय शर्मा ने जैसे ही कांग्रेस का दामन थामा प्रदेश की ठंडी फिजाओं ने एक बार फिर से गरम हवाओं का रास्ता थाम लिया.

पिछले कुछ दिनों से ये अटकलें लगाई जा रही थी कि सुखरमा और उनका पोता कांग्रेस का हाथ थाम लेगा जो सोमवार शाम होते-होते सच भी साबित हो गया. वहीं, इस कदम के बाद मंडी जिले की सियासत में भूचाल सी परिस्थितियां उत्पन्न हो गई हैं.

वहीं, भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री कृपाल परमार ने सुखराम परिवार को लेकर कहा कि वो क्या कहें कि लौट कर अपने घर को आए, लेकिन उनका आधा परिवार इधर है आधा परिवार उधर इसलिए कुछ नहीं कहा जा सकता.

पढ़ेंःसुखराम फैक्टर ने बदले मंडी सीट के समीकरण, महेश्वर सिंह से मिलने पहुंचे रामस्वरूप

भाजपा प्रदेश महामंत्री ने कहा इस परिवार का कोई इस मंत्रिमंडल में है तो कोई उस दल में अपना स्थान ढूंढ रहा है. कृपाल परमार ने सुखराम परिवार पर शायराना अंदाज में हमला करते हुए कहा, ''कभी हमसे आ मिले कभी उनसे जा मिले, ऐसी हो कोई फितरत कोई उनसे क्या मिले''

कृपाल परमार, हिमाचल प्रदेश महामंत्री, BJP

बता दें कि सुखराम परिवार पहले कांग्रेस दल में शामिल था, लेकिन हिमाचल विधानसभा चुनाव में उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया था. अब जब लोकसभा चुनाव आए तो पंडित सुखराम और उनके पोते आश्रय शर्मा फिर से कांग्रेस में आश्रय ले चुके हैं. वहीं, सुखराम के बेटे अनिल शर्मा जयराम सरकार में मंत्रिमंडल में शामिल हैं.

ये भी पढ़ेंःराजनीतिक सरगर्मियों के बीच दिल्ली रवाना हुए वीरभद्र, टिकट आवंटन को लेकर रखेंगे पक्ष

धर्मशालाः लोकसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आता जा रहा है प्रदेश की ठंडी फ़िजाओं का माहौल दिन-प्रतिदिन गरमाता जा रहा है. सोमवार को पंडित सुखराम और उनके पोते आश्रय शर्मा ने जैसे ही कांग्रेस का दामन थामा प्रदेश की ठंडी फिजाओं ने एक बार फिर से गरम हवाओं का रास्ता थाम लिया.

पिछले कुछ दिनों से ये अटकलें लगाई जा रही थी कि सुखरमा और उनका पोता कांग्रेस का हाथ थाम लेगा जो सोमवार शाम होते-होते सच भी साबित हो गया. वहीं, इस कदम के बाद मंडी जिले की सियासत में भूचाल सी परिस्थितियां उत्पन्न हो गई हैं.

वहीं, भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री कृपाल परमार ने सुखराम परिवार को लेकर कहा कि वो क्या कहें कि लौट कर अपने घर को आए, लेकिन उनका आधा परिवार इधर है आधा परिवार उधर इसलिए कुछ नहीं कहा जा सकता.

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भाजपा प्रदेश महामंत्री ने कहा इस परिवार का कोई इस मंत्रिमंडल में है तो कोई उस दल में अपना स्थान ढूंढ रहा है. कृपाल परमार ने सुखराम परिवार पर शायराना अंदाज में हमला करते हुए कहा, ''कभी हमसे आ मिले कभी उनसे जा मिले, ऐसी हो कोई फितरत कोई उनसे क्या मिले''

कृपाल परमार, हिमाचल प्रदेश महामंत्री, BJP

बता दें कि सुखराम परिवार पहले कांग्रेस दल में शामिल था, लेकिन हिमाचल विधानसभा चुनाव में उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया था. अब जब लोकसभा चुनाव आए तो पंडित सुखराम और उनके पोते आश्रय शर्मा फिर से कांग्रेस में आश्रय ले चुके हैं. वहीं, सुखराम के बेटे अनिल शर्मा जयराम सरकार में मंत्रिमंडल में शामिल हैं.

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Intro:धर्मशाला- लोकसभा के चुनाव जैसे जैसे समीप आ रहे हैं प्रदेश की ठंडी फिजाओं का माहौल दिन-प्रतिदिन गर्म होता जा रहा है। पिछले कल पंडित सुखराम और उनके पोते आश्रय शर्मा ने जैसे ही कांग्रेस का दामन थामा प्रदेश की ठंडी फिजाओं ने एक बार फिर से गर्म हवाओं का रास्ता थाम लिया। पिछले कल से ही अटकलें चल रही थी कि सुखराम और उनका पोता कांग्रेस का हाथ थाम लेगा जो शाम होते होते सत्य भी साबित हो गया। वहीं इस कदम के बाद मंडी जिले की सियासत में भूचाल की परिस्थितियां उत्पन्न हो गई है।


Body:वहीं भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री कृपाल परमार ने सुखराम के परिवार पर कहा कि क्या कहूं लौट कर अपने घर को आए। भी उन्होंने कहा कि इस पर क्या कहा जा सकता है उनका परिवार आधा इधर है और आधा उधर है। उन्होंने कहा कि कोई वर्तमान सरकार के मंत्रिमंडल में है तो कोई उस दल में अपना स्थान ढूंढ रहा है। कृपाल परमार ने चंद लाइनों में सुखराम परिवार पर हमला करते हुए कहा कि कभी हमसे आ मिले कभी उनसे जा मिले ऐसी क्या हुई फितरत कोई उनसे जा मिले।


Conclusion:बता दें कि सुखराम परिवार पहले कांग्रेस के दल में था वहीं पिछली विधानसभा के चुनावों में उन्होंने भाजपा का साथ थाम लिया था लेकिन लोकसभा चुनाव आते हैं सुखराम परिवार के 2 सदस्य पंडित सुखराम और उनके पोते आश्रय शर्मा कांग्रेस का आश्रय ले चुके हैं।
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