धर्मशालाः लोकसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आता जा रहा है प्रदेश की ठंडी फ़िजाओं का माहौल दिन-प्रतिदिन गरमाता जा रहा है. सोमवार को पंडित सुखराम और उनके पोते आश्रय शर्मा ने जैसे ही कांग्रेस का दामन थामा प्रदेश की ठंडी फिजाओं ने एक बार फिर से गरम हवाओं का रास्ता थाम लिया.
पिछले कुछ दिनों से ये अटकलें लगाई जा रही थी कि सुखरमा और उनका पोता कांग्रेस का हाथ थाम लेगा जो सोमवार शाम होते-होते सच भी साबित हो गया. वहीं, इस कदम के बाद मंडी जिले की सियासत में भूचाल सी परिस्थितियां उत्पन्न हो गई हैं.
वहीं, भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री कृपाल परमार ने सुखराम परिवार को लेकर कहा कि वो क्या कहें कि लौट कर अपने घर को आए, लेकिन उनका आधा परिवार इधर है आधा परिवार उधर इसलिए कुछ नहीं कहा जा सकता.
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भाजपा प्रदेश महामंत्री ने कहा इस परिवार का कोई इस मंत्रिमंडल में है तो कोई उस दल में अपना स्थान ढूंढ रहा है. कृपाल परमार ने सुखराम परिवार पर शायराना अंदाज में हमला करते हुए कहा, ''कभी हमसे आ मिले कभी उनसे जा मिले, ऐसी हो कोई फितरत कोई उनसे क्या मिले''
बता दें कि सुखराम परिवार पहले कांग्रेस दल में शामिल था, लेकिन हिमाचल विधानसभा चुनाव में उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया था. अब जब लोकसभा चुनाव आए तो पंडित सुखराम और उनके पोते आश्रय शर्मा फिर से कांग्रेस में आश्रय ले चुके हैं. वहीं, सुखराम के बेटे अनिल शर्मा जयराम सरकार में मंत्रिमंडल में शामिल हैं.
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