कांगड़ा: रूस व यूक्रेन के मध्य जारी युद्ध में फंसे भारतीय स्टूडेंटस के वतन लौटने का सिलसिला जारी (Kirti Dhiman returned from Ukraine) है. हिमाचल की बात करें तो प्रदेश के कई स्टूडेंटस यूक्रेन में पढ़ाई कर रहे हैं. वहीं जिला कांगड़ा के भी कई बच्चे मेडिकल की पढ़ाई करने के लिए यूक्रेन गए हुए है. जो अब वापस अपने घर लौट रहे हैं. इसी कड़ी में धर्मशाला के दाड़ी की रहने वाली कीर्ति धीमान भी पिछले कल यानी रविवार को अपने घर पहुंच गई हैं. बेटी के सकुशल लौटने पर परिवार सदस्यों की सांस में सांस आई है और परिवार सदस्यों ने सरकार का आभार जताया है.
कीर्ति ने बताया कि हालांकि जिस यूनिवर्सिटी में वह पढ़ाई कर रही (Kirti Dhiman of Dharmshala) हैं, उसके प्रशासन ने कभी उन्हें इस बात का एहसास नहीं होने दिया कि हालात बिगड़ रहे हैं और यूनिवर्सिटी प्रशासन यहीं कहता रहा है कि युद्ध जैसा कुछ नहीं है, लेकिन जब 24 फरवरी को युद्ध शुरू हुआ तो उन्हें मेट्रो में जाकर छिपना पड़ा. वहां पर खाने-पीने की कोई व्यवस्था नहीं थी, इसी बीच कीर्ति व उनके साथी स्टूडेंटस अपने जोखिम पर फ्लैट में जाकर खाना पकाकर लाते थे.
कीर्ति ने बताया कि यूक्रेन की एक फैमिली ने अपनी जान को जोखिम में डालकर उनकी मदद की और उन्हें रेलवे स्टेशन (Russia Ukraine war) पहुंचाया. उसके बाद यूक्रेन स्थित भारतीय दूतावास के अधिकारियों की मदद से उनकी वापसी संभव हो पाई. वहीं कीर्ति की माता कुशला धीमान का कहना है कि जहां युद्ध हो रहा हो, उस देश में बच्चे फंसे हों तो चिंता होना लाजमी है. उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार और प्रदेश की जयराम सरकार का आभार जताया.