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Dharamshala: भारतीय राज्यसभा व लोकसभा के सांसदों ने किया तिब्बती संसदीय सचिवालय का दौरा

भारतीय संसदीय स्थायी समिति का एक प्रतिनिधिमंडल हिमाचल प्रदेश में धर्मशाला के आधिकारिक दौरे पर है. बुधवार को प्रतिनिधिमंडल के कई सदस्यों ने मंत्रालय और सचिवालय के अधिकारियों के साथ निर्वासित तिब्बती संसद का (Tibetan Parliamentary Secretariat Dharamshala) दौरा किया.

Tibetan Parliamentary Secretariat Dharamshala
सांसदों ने किया तिब्बती संसदीय सचिवालय का दौरा
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Published : Apr 27, 2022, 5:16 PM IST

कांगड़ा: भारतीय संसदीय स्थायी समिति का एक प्रतिनिधिमंडल हिमाचल प्रदेश में धर्मशाला के आधिकारिक दौरे पर है. बुधवार को प्रतिनिधिमंडल के कई सदस्यों ने मंत्रालय और सचिवालय के अधिकारियों के साथ निर्वासित तिब्बती संसद का (Tibetan Parliamentary Secretariat Dharamshala) दौरा किया. तिब्बती संसदीय सचिवालय पहुंचने पर तिब्बतन पार्लियामेंट के स्पीकर व अन्य सदस्यों ने भारतीय संसद के सदस्यों का गर्मजोशी से स्वागत किया.

तिब्बतन पार्लियामेंट के स्पीकर ने चीन द्वारा तिब्बत पर कब्जे के बाद से पिछले 6 दशकों से अधिक समय से निर्वासित तिब्बतियों को समर्थन और सहायता प्रदान करने के लिए भारत और उसके लोगों का आभार व्यक्त किया. तिब्बती धर्मगुरु दलाईलामा के नेतृत्व में तिब्बती लोकतांत्रिक राजनीति के विकास की बात करते हुए तिब्बतन पार्लियामेंट के स्पीकर ने तिब्बती संसद सदस्यों की संरचना और चुनाव प्रक्रिया के बारे में भी बताया और उन्हें तिब्बती संसद की स्थायी समिति के गठन और कामकाज के बारे में जानकारी दी.

तिब्बतन पार्लियामेंट के स्पीकर ने बताया कि तिब्बती संसद एक द्विसदनीय प्रणाली है. जिसमें कोई भी राजनीतिक दल एक वर्ष में दो सत्र आयोजित नहीं करता है. जहां संसद में चर्चा किए गए मुद्दे के आधार पर संसद सदस्य व्यक्तिगत रूप से खड़े होते हैं. इसी तरह, उन्होंने भारतीय सांसदों से तिब्बत के अंदर मानवाधिकारों के उल्लंघन के खिलाफ खड़े होने का आग्रह करते हुए बताया कि कैसे केंद्रीय तिब्बती प्रशासन तिब्बत के मुद्दे को हल करने का प्रयास करता है और तिब्बत के अंदर रहने वाले तिब्बतियों की वकालत करता है.

किशन कपूर, सांसद (लोकसभा) ने सभा में बोलते हुए टीपीआईई का दौरा करने में प्रसन्नता व्यक्त की और भारतीय और तिब्बती सांसदों की बैठक की सराहना करते हुए कहा कि तिब्बती समुदाय और भारतीय समुदाय के बीच मित्रता आज देश में एक उदाहरण स्थापित कर रहा है. सांसद ने कहा कि दुनिया भर में शांति का संदेश फैलाने वाले दलाईलामा को भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान और भारत रत्न से सम्मानित किया जाना चाहिए. भारत की सुरक्षा पर बोलते हुए किशन कपूर ने बताया कि कैसे तिब्बत का मुद्दा सीमा पर हो रहे संघर्षों के लिए महत्वपूर्ण है. उन्होंने भारतीय सांसदों से तिब्बती मुद्दे के लिए अपना समर्थन देने का भी आग्रह किया.

भारतीय संसदीय स्थायी समिति के (Indian Parliamentary Standing Committee) प्रतिनिधिमंडल में सुनील कुमार, सांसद (लोकसभा) चंद्रशेखर बेल्लाना, सांसद (लोकसभा) अजीत कुमार भुइयां, सांसद (राज्य सभा) एस ज्ञानथिरवियम, सांसद (राज्य सभा) किशन कपूर, सांसद (लोकसभा) संजय सेठ, सांसद (राज्य सभा) राजीव रंजन सिंह उर्फ ​​ललन सिंह, अध्यक्ष, सांसद (लोकसभा) गुरजीत सिंह औजला, सांसद (लोकसभा) हरीश द्विवेदी, सांसद (राज्य सभा) संजय हरिबाबू जाधव सांसद (लोकसभा) जय प्रकाश, सांसद (लोकसभा) दीपसिंह शंकरसिंह राठौड़, सांसद (लोकसभा) और राजेंद्र गहलोत, सांसद (राज्य सभा) शामिल हैं.

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कांगड़ा: भारतीय संसदीय स्थायी समिति का एक प्रतिनिधिमंडल हिमाचल प्रदेश में धर्मशाला के आधिकारिक दौरे पर है. बुधवार को प्रतिनिधिमंडल के कई सदस्यों ने मंत्रालय और सचिवालय के अधिकारियों के साथ निर्वासित तिब्बती संसद का (Tibetan Parliamentary Secretariat Dharamshala) दौरा किया. तिब्बती संसदीय सचिवालय पहुंचने पर तिब्बतन पार्लियामेंट के स्पीकर व अन्य सदस्यों ने भारतीय संसद के सदस्यों का गर्मजोशी से स्वागत किया.

तिब्बतन पार्लियामेंट के स्पीकर ने चीन द्वारा तिब्बत पर कब्जे के बाद से पिछले 6 दशकों से अधिक समय से निर्वासित तिब्बतियों को समर्थन और सहायता प्रदान करने के लिए भारत और उसके लोगों का आभार व्यक्त किया. तिब्बती धर्मगुरु दलाईलामा के नेतृत्व में तिब्बती लोकतांत्रिक राजनीति के विकास की बात करते हुए तिब्बतन पार्लियामेंट के स्पीकर ने तिब्बती संसद सदस्यों की संरचना और चुनाव प्रक्रिया के बारे में भी बताया और उन्हें तिब्बती संसद की स्थायी समिति के गठन और कामकाज के बारे में जानकारी दी.

तिब्बतन पार्लियामेंट के स्पीकर ने बताया कि तिब्बती संसद एक द्विसदनीय प्रणाली है. जिसमें कोई भी राजनीतिक दल एक वर्ष में दो सत्र आयोजित नहीं करता है. जहां संसद में चर्चा किए गए मुद्दे के आधार पर संसद सदस्य व्यक्तिगत रूप से खड़े होते हैं. इसी तरह, उन्होंने भारतीय सांसदों से तिब्बत के अंदर मानवाधिकारों के उल्लंघन के खिलाफ खड़े होने का आग्रह करते हुए बताया कि कैसे केंद्रीय तिब्बती प्रशासन तिब्बत के मुद्दे को हल करने का प्रयास करता है और तिब्बत के अंदर रहने वाले तिब्बतियों की वकालत करता है.

किशन कपूर, सांसद (लोकसभा) ने सभा में बोलते हुए टीपीआईई का दौरा करने में प्रसन्नता व्यक्त की और भारतीय और तिब्बती सांसदों की बैठक की सराहना करते हुए कहा कि तिब्बती समुदाय और भारतीय समुदाय के बीच मित्रता आज देश में एक उदाहरण स्थापित कर रहा है. सांसद ने कहा कि दुनिया भर में शांति का संदेश फैलाने वाले दलाईलामा को भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान और भारत रत्न से सम्मानित किया जाना चाहिए. भारत की सुरक्षा पर बोलते हुए किशन कपूर ने बताया कि कैसे तिब्बत का मुद्दा सीमा पर हो रहे संघर्षों के लिए महत्वपूर्ण है. उन्होंने भारतीय सांसदों से तिब्बती मुद्दे के लिए अपना समर्थन देने का भी आग्रह किया.

भारतीय संसदीय स्थायी समिति के (Indian Parliamentary Standing Committee) प्रतिनिधिमंडल में सुनील कुमार, सांसद (लोकसभा) चंद्रशेखर बेल्लाना, सांसद (लोकसभा) अजीत कुमार भुइयां, सांसद (राज्य सभा) एस ज्ञानथिरवियम, सांसद (राज्य सभा) किशन कपूर, सांसद (लोकसभा) संजय सेठ, सांसद (राज्य सभा) राजीव रंजन सिंह उर्फ ​​ललन सिंह, अध्यक्ष, सांसद (लोकसभा) गुरजीत सिंह औजला, सांसद (लोकसभा) हरीश द्विवेदी, सांसद (राज्य सभा) संजय हरिबाबू जाधव सांसद (लोकसभा) जय प्रकाश, सांसद (लोकसभा) दीपसिंह शंकरसिंह राठौड़, सांसद (लोकसभा) और राजेंद्र गहलोत, सांसद (राज्य सभा) शामिल हैं.

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