ETV Bharat / city

नूरपुर में पहाड़ी दरकने से कई घर जमींदोज, प्रभावितों की सरकार से मदद की गुहार

author img

By

Published : Dec 17, 2019, 10:31 PM IST

Updated : Dec 18, 2019, 2:45 PM IST

कांगड़ा के नूरपुर शहर के वार्ड नंबर 9 में बारिश के बाद हुए भूस्खलन ने 10 घरों को तहस-नहस कर दिया. प्रभावितों सरकार से मदद की गुहार लगाई है.

houses collapsed due to landslide at nurpur
houses collapsed due to landslide at nurpur

कांगड़ाः जिला कांगड़ा के नूरपुर शहर के वार्ड नंबर 9 के वाशिंदे लगातार हो रहे भूस्खलन के कारण डर के साये में जीने को मजबूर हैं. अपने खून-पसीने की कमाई से बने आशियानों को मिट्टी में मिलता हुआ देख सभी परिवार सदमे में हैं.

गौरतलब है कि न्याजपुर के करीब बीस परिवार मेहनत-मजदूरी कर अपना जीवन यापन करते हैं. बीते कुछ समय से वार्ड नंबर 9 में पहाड़ी दरकने से भूस्खलन का खतरा बढ़ गया है. अभी कुछ दिन पहले ही बारिश के बाद हुए भूस्खलन ने 10 घरों को तहस-नहस कर दिया.

प्रभावित परिवारों की माने तो इनकी रातें बाहर खुले में कट रही हैं. उनका कहना है कि गत रात भी एक घर पूरी तरह जमींदोज हो गया. जिस कारण डर के मारे सभी परिवार अपने छोटे-छोटे बच्चों के साथ सर्द रात में बाहर खुले आसमान में रात काटने पर मजबूर हैं.

वीडियो.

प्रभावितों से मिले पूर्व विधायक अजय महाजन

वहीं,नूरपुर के पूर्व विधायक अजय महाजन ने प्रभावित इलाकों का दौरा कर पीड़ितों का हाल जाना. उन्होंने शासन और प्रशासन से उचित कदम उठाने की मांग की है.


ये भी पढ़ें- पहाड़ी लोग इस अंदाज में बनाते हैं हिमाचली 'बिरयानी', देसी घी के साथ लगती है और भी टेस्टी

कांगड़ाः जिला कांगड़ा के नूरपुर शहर के वार्ड नंबर 9 के वाशिंदे लगातार हो रहे भूस्खलन के कारण डर के साये में जीने को मजबूर हैं. अपने खून-पसीने की कमाई से बने आशियानों को मिट्टी में मिलता हुआ देख सभी परिवार सदमे में हैं.

गौरतलब है कि न्याजपुर के करीब बीस परिवार मेहनत-मजदूरी कर अपना जीवन यापन करते हैं. बीते कुछ समय से वार्ड नंबर 9 में पहाड़ी दरकने से भूस्खलन का खतरा बढ़ गया है. अभी कुछ दिन पहले ही बारिश के बाद हुए भूस्खलन ने 10 घरों को तहस-नहस कर दिया.

प्रभावित परिवारों की माने तो इनकी रातें बाहर खुले में कट रही हैं. उनका कहना है कि गत रात भी एक घर पूरी तरह जमींदोज हो गया. जिस कारण डर के मारे सभी परिवार अपने छोटे-छोटे बच्चों के साथ सर्द रात में बाहर खुले आसमान में रात काटने पर मजबूर हैं.

वीडियो.

प्रभावितों से मिले पूर्व विधायक अजय महाजन

वहीं,नूरपुर के पूर्व विधायक अजय महाजन ने प्रभावित इलाकों का दौरा कर पीड़ितों का हाल जाना. उन्होंने शासन और प्रशासन से उचित कदम उठाने की मांग की है.


ये भी पढ़ें- पहाड़ी लोग इस अंदाज में बनाते हैं हिमाचली 'बिरयानी', देसी घी के साथ लगती है और भी टेस्टी

Intro:Body:hp_nurpir_01_ex mla meet sliding effected families_vis_10011
नूरपुर शहर के वार्ड नम्बर नौ के भूस्खलन प्रभावित परिवार लगातार हो रहे भूस्खलन के कारण डर के साये में जी रहे है।अपने खून पसीने की कमाई से बने आशियानों को धूल विसरित होते देख यह सभी परिवार सदमे में है।गौरतलब है कि न्याजपुर के यह परिवार जो लगभग बीस परिवारों की संख्या में है और कई दशकों से जहां पर मेहनत मजदूरी कर अपना जीवन यापन कर रहे थे।पिछले कुछ समय से पहाड़ी दरकने के कारण यह सभी परिवार भूस्खलन की जद में आ गए।खतरे को भांपते हुए प्रशासन ने इन बीस परिवारों में से दस परिवार जिनके घर जो पूरी तरह ज़मीदोज़ हो गए थे और कुछ पूरी तरह खतरे के मुहाने पर थे उन परिवारों को जंजघर और खाली पड़े सरकारी आवासों में स्थापित कर दिया लेकिन अभी भी नौ से दस परिवार ऐसे है जो अब भूस्खलन की जद में आ रहे है।हाल ही हुई बारिश के कारण इन घरों के नीचे की जमीन लगातार दरक रही है और अब यह दस परिवार भी खतरे की जद में है।इन प्रभावितों की माने तो इनकी रातें बाहर खुले में कट रही है।गत रात भी एक घर पूरी तरह जमीदोज हुआ जिस कारण डर के मारे यह परिवार अपने छोटे छोटे बच्चों के साथ सर्द रात में बाहर खुले आसमान में रात काटने पर मजबूर हुए।
इसी को लेकर आज नूरपुर के पूर्व विधायक अजय महाजन ने भी दौरा किया और प्रभावितों के दर्द को जाना।अजय महाजन ने शासन प्रशासन से अपील की कि इन प्रभावित परिवारों की मदद सरकार प्राथमिकता के आधार पर करे।अजय महाजन ने इन परिवारों को भूमि रहित श्रेणी के तहत रखते हुए सरकार से प्रत्येक परिवार के लिए तीन तीन मरले जगह मुहैया करवाने की मांग की।अजय महाजन की माने तो इसी शहर में इतनी जगह है जहां इन परिवारों का स्थापन हो सकता है इसलिए इन्हें शहर के बाहर स्थापित करने की बजाए शहर में बसाने की अपील की।उन्होंने कहा कि यह सभी परिवार कई दशकों से जहां के निवासी है और पुरुषों के साथ इन परिवारों की महिलाएं लोगों के घरों में काम कर अपने परिवारों का पालन पोषण कर रही है।ऐसे में अगर इन परिवारों को कहीं दूर ग्रामीण क्षेत्रों में बसाया जाता है तो इनके लिए कमाई का कोई जरिया नहीं रहेगा।इसलिये सरकार इन सभी पहलुओं को ध्यान में रखय हुए जहा इन्हें जमीन उपलब्ध करवाए वही उससे पहले इन्हें किसी सुरक्षित जगहों पर बसाकर फ़ौरी राहत प्रदान करे।Conclusion:
Last Updated : Dec 18, 2019, 2:45 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.