धर्मशाला: हिमाचल प्रदेश इलेक्ट्रिकल कॉन्ट्रेक्टर एसोसिएशन (Himachal Pradesh Electrical Contractors Association) जिला कांगड़ा व चंबा के प्रधान अशोक राणा ने कहा की जल शक्ति विभाग में बिना मापदंड के इलेक्ट्रिकल कार्य किए जा रहे हैं जिससे सरकार के राजस्व को करोड़ों का चूना हर वर्ष लग रहा है. उन्होंने कहा बिना मापदंड के कार्य हो रहे हैं वैसे ही बिना मापदंड के इलेक्ट्रिकल कार्यों को आवंटित किया जा रहा है.
हिमाचल प्रदेश इलेक्ट्रिकल कांटेक्ट एसोसिएशन जिला कांगड़ा चंबा के उपप्रधान जगजीत राय ने धर्मशाला प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकार सम्मेलन में बताया कि जल शक्ति विभाग (jal shakti department) में इलेक्ट्रिकल विंग नहीं है, जिससे इलेक्ट्रिकल के कार्य सिविल के ठेकेदारों से ही जल शक्ति विभाग द्वारा कराए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि जल शक्ति विभाग इलेक्ट्रिकल कार्य की गुणवत्ता व मापदंड किस आधार पर पूरा कर रहा है यह समझ से परे है. उन्होंने कहा पूरे प्रदेश में जल विभाग के अंदर बनने वाले पंप हाउस व अन्य इलेक्ट्रिकल कार्य सिविल के ठेकेदारों (civil contractors) से ही कराए जा रहे हैं, जोकि इंडियन इलेक्ट्रिसिटी एक्ट 2003 (Indian Electricity Act 2003), रूल्स 45 के नियमों का उल्लंघन है.
जगजीत राय ने कहा कि जल शक्ति विभाग प्रदेश सरकार के संविधान के नियमों की सरेआम अनदेखी कर रहा है, जिससे हर वर्ष सरकार को करोड़ों का नुकसान उठाना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि लोक निर्माण विभाग (Public Works Department) में वर्तमान समय में तीन विंग सिविल, मैकेनिकल व इलेक्ट्रिकल विंग का काम कर रहे हैं लोक निर्माण विभाग द्वारा इसी के आधार पर कार्यों का आवंटन होता है. उन्होंने बताया कि इलेक्ट्रिकल विंग के लिए सबसे पहले सरकारी ठेकेदारों चीफ इलेक्ट्रिकल इंस्पेक्टर शिमला (Chief Electrical Inspector Shimla) से लाइसेंस लेना पड़ता है, जिसके लिए उसे कई मापदंड पूरे करने पड़ते हैं.
उपप्रधान जगजीत राय ने कहा कि चीफ इलेक्ट्रिकल इंस्पेक्टर द्वारा जारी किए गए लाइसेंस के आधार पर ही लोक निर्माण विभाग के इलेक्ट्रिकल विंग में रजिस्ट्रेशन (Registration in Electrical Wing) होती है और उसी के आधार पर उसे ए, बी, सी व डी का लाइसेंस प्राप्त होता है. उन्होंने बताया लोक निर्माण विभाग की रजिस्ट्रेशन पर हिमुडा, कृषि विभाग, मत्स्य विभाग सहित अन्य सरकारी एजेंसियों में मान्यता मिली है और इलेक्ट्रिकल के कार्य आवंटित किए जाते हैं.
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जगजीत राय ने बताया जल शक्ति विभाग में इलेक्ट्रिकल विंग न होने के कारण मान्यता प्राप्त इलेक्ट्रिकल ठेकेदार कोई भी कार्य नहीं कर सकते जबकि जल शक्ति विभाग में सिविल के ही ठेकेदार की रजिस्ट्रेशन होती है और सिविल के ही ठेकेदार कार्य कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि सिविल के ठेकेदार के द्वारा ही इलेक्ट्रिकल के कार्य किए जाएं तो उस कार्य की क्या गुणवत्ता होगी सरकार को इस पर ध्यान देने की आवश्यकता है.
हिमाचल प्रदेश इलेक्ट्रिकल ठेकेदार एसोसिएशन (Himachal Pradesh Electrical Contractors Association) जिला कांगड़ा व चंबा के प्रतिनिधियों ने सरकार से मांग की है कि जल शक्ति विभाग में होने वाले इलेक्ट्रिकल कार्य (पंप हाउस सहित अन्य कार्य) इलेक्ट्रिक ठेकेदार के द्वारा ही कार्य कराए जाएं जिससे जल शक्ति विभाग को हर वर्ष होने वाले करोड़ों के नुकसान से बच सकता है. एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने बताया सरकार से मांग की इस संबंध में सरकार द्वारा जारी की गई अधिसूचना भी जारी की गई है.
शक्ति विभाग ने इस अधिसूचना को दरकिनार कर सरेआम सरकारी नियमों की अवहेलना की जा रही है, जिससे सरकार को भी करोड़ों का नुकसान हो रहा है. एसोसिएशन ने सरकार से मांग की है जल शक्ति विभाग में होने वाले इलेक्ट्रिकल कार्य के लिए मान्यता प्राप्त ठेकेदारों (Recognized Contractors) से ही कराए जाएं और सरकार इसमें अगर असमर्थ रहती है तो एसोसिएशन हाई कोर्ट का रुख करेगी.
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