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हिमाचल वासियों का शोषण कर रहे वित्तीय संस्थान, धारा 118-A की हो रही उल्लंघना: सुभाष शर्मा - Act 118 A in Himachal

हिमाचल जनक्रांति पार्टी के (Himachal Jankranti Party PC Dharamshala) संयोजक सुभाष शर्मा ने प्रदेश के वित्तीय संस्थानों पर आरोप लगया है की वे जमकर प्रदेश वासियों का शोषण कर रहे हैं और सरकार इस पर चुप्पी साधे बैठी है. उन्होंने कहा कि वित्तीय संस्थान जमीन जायदाद को सस्ती दरों पर हिमाचल के बाहरी लोगों को धारा 118ए का उल्लंघन करते हुए ऑनलाइन बेच रहे हैं. उन्होंने मांग उठाई कि सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए.

Himachal Jankranti Party
हिमाचल जनक्रांति पार्टी
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Published : Feb 6, 2022, 5:25 PM IST

धर्मशाला: हिमाचल जनक्रांति पार्टी ने (Himachal Jankranti Party PC Dharamshala) रविवार को धर्मशाला में एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया. इस दौरान पार्टी के संयोजक सुभाष शर्मा ने कहा कि वित्तीय संस्थान जमकर हिमाचल वासियों का शोषण कर रहे हैं और सरकार इस पर चुप्पी साधे बैठी है. उन्होंने कहा कि किसी व्यक्ति की मृत्यु होने पर जमीन जायदाद का बंटवारा न होने पर जमीन सभी वारिसों के नाम हो जाती हैं. वित्तीय संस्थान किसी व्यक्ति विशेष को लोन देता है, तो पूरी जमीन को गिरवी रख लेता है.

सुभाष शर्मा (Himachal Jankranti Party Convener Subhash Sharma ) ने आरोप लगाते हुए कहा कि लोन अदा न करने की स्थिति में वित्तीय संस्थान हिमाचल प्रदेश भू राजस्व अधिनियम 8.37 नियम को ताक पर रखते हुए पूरी जमीन को सस्ते दामों में अपनों को ही लाभ पहुंचाने की मंशा रखते हुए बेच देता है. उन्होंने कहा कि किसी संस्थान या व्यक्ति की वित्तीय हालत लीक कर दी जाती है. जिसके चलते वित्तीय संस्थान उस व्यक्ति या संस्थान पर दबाव बनाना शुरू कर देता है.

उन्होंने कहा कि हाल ही में कोरोना तथा अन्य कारणों से हिमाचल में संस्थानों को काफी घाटे का सामना करना पड़ रहा है. वित्तीय संस्थान दबाव बनाकर तनाव का माहौल पैदा कर देता है. जिसके चलते वित्तीय संस्थान जमीन जायदाद को सस्ती दरों पर हिमाचल के बाहरी लोगों को भू राजस्व अधिनियम 118ए का उल्लंघन करते हुए ऑनलाइन बेच दी जाती है और इसके चलते जहां व्यक्ति न्यायालय का दरवाजा खटखटाता है, तो न्यायालय में धन राशि को जमा करने के लिए कहा जाता है.

उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति किस्त नहीं अदा कर पा रहा है, तो वह न्यायालय की राशि कहां से देगा. उन्होंने कहा कि जहां सरकार छोटे उद्यमियों को सशक्त बनाने का दावा करती है, वहीं सरकार की नाक तले ही वित्तीय संस्थान (Subhash Sharma on Financial Institutes in Himachal) सरकार के दावों को खोखला करते नजर आती है. उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में न्यायालय में रिट भी दायर की है और न्यायालय ने मुद्दे की गंभीरता को देखते हुए कड़े कदम उठाना शुरू भी कर दिए हैं.

उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाओं से हिमाचल के उद्यमी हतोत्साहित हो रहे हैं और प्रदेश में बेरोजगारी भी बढ़ रही है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में सरकार की नाक के तले वित्तीय संस्थान भू माफिया को संरक्षण दे रहा है. उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि वित्तीय संस्थाओं पर नजर रखकर हिमाचल के उद्यमियों को राहत प्रदान करें तथा हिमाचल के युवाओं के स्वावलंबन के लिए सरकार उद्यमियों के शोषण होने से रोके.

ये भी पढ़ें: हिमाचल के इन चार शहरों में बनेंगे रोप वे, 3 की डीपीआर भी तैयार: CM जयराम

धर्मशाला: हिमाचल जनक्रांति पार्टी ने (Himachal Jankranti Party PC Dharamshala) रविवार को धर्मशाला में एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया. इस दौरान पार्टी के संयोजक सुभाष शर्मा ने कहा कि वित्तीय संस्थान जमकर हिमाचल वासियों का शोषण कर रहे हैं और सरकार इस पर चुप्पी साधे बैठी है. उन्होंने कहा कि किसी व्यक्ति की मृत्यु होने पर जमीन जायदाद का बंटवारा न होने पर जमीन सभी वारिसों के नाम हो जाती हैं. वित्तीय संस्थान किसी व्यक्ति विशेष को लोन देता है, तो पूरी जमीन को गिरवी रख लेता है.

सुभाष शर्मा (Himachal Jankranti Party Convener Subhash Sharma ) ने आरोप लगाते हुए कहा कि लोन अदा न करने की स्थिति में वित्तीय संस्थान हिमाचल प्रदेश भू राजस्व अधिनियम 8.37 नियम को ताक पर रखते हुए पूरी जमीन को सस्ते दामों में अपनों को ही लाभ पहुंचाने की मंशा रखते हुए बेच देता है. उन्होंने कहा कि किसी संस्थान या व्यक्ति की वित्तीय हालत लीक कर दी जाती है. जिसके चलते वित्तीय संस्थान उस व्यक्ति या संस्थान पर दबाव बनाना शुरू कर देता है.

उन्होंने कहा कि हाल ही में कोरोना तथा अन्य कारणों से हिमाचल में संस्थानों को काफी घाटे का सामना करना पड़ रहा है. वित्तीय संस्थान दबाव बनाकर तनाव का माहौल पैदा कर देता है. जिसके चलते वित्तीय संस्थान जमीन जायदाद को सस्ती दरों पर हिमाचल के बाहरी लोगों को भू राजस्व अधिनियम 118ए का उल्लंघन करते हुए ऑनलाइन बेच दी जाती है और इसके चलते जहां व्यक्ति न्यायालय का दरवाजा खटखटाता है, तो न्यायालय में धन राशि को जमा करने के लिए कहा जाता है.

उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति किस्त नहीं अदा कर पा रहा है, तो वह न्यायालय की राशि कहां से देगा. उन्होंने कहा कि जहां सरकार छोटे उद्यमियों को सशक्त बनाने का दावा करती है, वहीं सरकार की नाक तले ही वित्तीय संस्थान (Subhash Sharma on Financial Institutes in Himachal) सरकार के दावों को खोखला करते नजर आती है. उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में न्यायालय में रिट भी दायर की है और न्यायालय ने मुद्दे की गंभीरता को देखते हुए कड़े कदम उठाना शुरू भी कर दिए हैं.

उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाओं से हिमाचल के उद्यमी हतोत्साहित हो रहे हैं और प्रदेश में बेरोजगारी भी बढ़ रही है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में सरकार की नाक के तले वित्तीय संस्थान भू माफिया को संरक्षण दे रहा है. उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि वित्तीय संस्थाओं पर नजर रखकर हिमाचल के उद्यमियों को राहत प्रदान करें तथा हिमाचल के युवाओं के स्वावलंबन के लिए सरकार उद्यमियों के शोषण होने से रोके.

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