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सूबे में जड़ से खत्म होगी रूबेला व खसरा बीमारी, स्वास्थ्य अधिकारियों को दी गई ट्रेनिंग - measles disease in Bilaspur

हिमाचल प्रदेश सरकार ने बिलासपुर में रूबेला व खसरा रोग से लोगों को मुक्त करने के लिए कार्य योजना तैयार की है. इस कार्य योजना के तहत अधिकारी अपने जिला में कार्य करना शुरू कर देंगे.

Government started its mission to end measles disease in Bilaspur
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Published : Nov 6, 2019, 1:57 PM IST

बिलासपुर: प्रदेश सरकार ने बिलासपुर में टीबी के बाद रूबेला व खसरा रोग से लोगों को मुक्त करने के लिए कार्य योजना तैयार की है. सरकार ने 2023 तक इस रोग से मुक्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया है. सरकार ने सूबे के जिला स्वास्थ्य अधिकारियों को शिमला में विशेष प्रशिक्षण भी दिया गया है.

इस कार्य योजना के तहत अधिकारी अपने जिला में कार्य करना शुरू कर देंगे. इस कार्य योजना की खास बात यह रहेगी कि इस रोग के लिए निशुल्क इलाज किया जाएगा. वहीं, अगर किसी रोगी का ब्लड सैंपल चंडीगढ़ लैब में भेजा जाएगा तो स्वास्थ्य विभाग का कर्मचारी स्वयं चंडीगढ़ में जाकर ब्लड टेस्ट की जांच करवाएगा और उसकी रिपोर्ट लाएगा.

वीडियो.

इस दौरान मरीज की रिपोर्ट पॉजिटिव पाई जाती है तो स्वास्थ्य विभाग पीड़ित के परिवार की स्क्रीनिंग करेगा और घर पर मरीज का इलाज भी करवाएगा. बता दें कि स्वास्थ्य विभाग ने वर्ष 2017 से 2018 के बीच खसरा टीकाकरण अभियान चलाकर 9 महीने से 15 वर्ष की आयु के बच्चों को खसरा टीकाकरण सफलता पूर्वक दिया था.

जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. परविंदर सिंह ने बताया कि सरकार ने 2023 तक प्रदेश को रूबेला व खसरा रोग मुक्त करने का लक्ष्य तय किया है. इसी के चलते अधिकारियों को शिमला में ट्रेनिंग दी गई है.

बिलासपुर: प्रदेश सरकार ने बिलासपुर में टीबी के बाद रूबेला व खसरा रोग से लोगों को मुक्त करने के लिए कार्य योजना तैयार की है. सरकार ने 2023 तक इस रोग से मुक्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया है. सरकार ने सूबे के जिला स्वास्थ्य अधिकारियों को शिमला में विशेष प्रशिक्षण भी दिया गया है.

इस कार्य योजना के तहत अधिकारी अपने जिला में कार्य करना शुरू कर देंगे. इस कार्य योजना की खास बात यह रहेगी कि इस रोग के लिए निशुल्क इलाज किया जाएगा. वहीं, अगर किसी रोगी का ब्लड सैंपल चंडीगढ़ लैब में भेजा जाएगा तो स्वास्थ्य विभाग का कर्मचारी स्वयं चंडीगढ़ में जाकर ब्लड टेस्ट की जांच करवाएगा और उसकी रिपोर्ट लाएगा.

वीडियो.

इस दौरान मरीज की रिपोर्ट पॉजिटिव पाई जाती है तो स्वास्थ्य विभाग पीड़ित के परिवार की स्क्रीनिंग करेगा और घर पर मरीज का इलाज भी करवाएगा. बता दें कि स्वास्थ्य विभाग ने वर्ष 2017 से 2018 के बीच खसरा टीकाकरण अभियान चलाकर 9 महीने से 15 वर्ष की आयु के बच्चों को खसरा टीकाकरण सफलता पूर्वक दिया था.

जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. परविंदर सिंह ने बताया कि सरकार ने 2023 तक प्रदेश को रूबेला व खसरा रोग मुक्त करने का लक्ष्य तय किया है. इसी के चलते अधिकारियों को शिमला में ट्रेनिंग दी गई है.

Intro:सूबे में जड़ से खत्म होगी रूबेला व खसरा बीमारी
प्रदेश सरकार ने 2023 का लक्षय किया निर्धारित
निःशुल्क उपचार देने के लिए विभाग ने बनाई कार्ययोजना

एक्सक्लूसिव न्यूज़....

बिलासपुर।
टीवी के बाद रूबेला व खसरा रोग से मुक्त करने के लिए प्रदेश सरकार ने कार्ययोजना तैयार की है। सरकार ने 2023 तक इस रोग से मुक्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। जिसके लिए सुबह के जिला स्वास्थ्य अधिकारियों को शिमला में विशेष प्रशिक्षण भी दिया गया है। इसके बाद यह अधिकारी इस कार्य योजना के तहत अपने जिला में कार्य करना शुरू कर देंगे। इस कार्ययोजना में खास बात यह रहेगी कि इस रोग के लिए निशुल्क इलाज किया जाएगा। वहीं अगर किसी रोगी का ब्लड सैंपल चंडीगढ़ लैब में भी भेज रहा होगा तो स्वास्थ्य विभाग का कर्मचारी स्वयं चंडीगढ़ में जाकर ब्लड टेस्ट की जांच करवाएगा और साथ ही वह इसकी रिपोर्ट भी लाएगा।



Body:इस दौरान अगर किसी मरीज की रिपोर्ट पॉजिटिव पाई जाती है तो स्वास्थ्य विभाग उक्त पीड़ित के परिवार की स्क्रीनिंग करेगा और घर द्वार पर मरीज का इलाज भी किया जाएगा। बता दें कि स्वास्थ्य विभाग ने 2017 और 18 के बीच खसरा टीकाकरण अभियान चलाकर 9 माह से वर्ष की आयु के बच्चों को खसरा टीकाकरण सफलतापूर्वक दिया जा चुका है।


Conclusion:बाइट...
जिला स्वास्थ्य अधिकारी, डॉ परविंदर सिंह।
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